पटना: राजधानी पटना के होटल चाणक्य में बुधवार को विश्व यक्ष्मा दिवस के मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने 'टीबी हारेगा देश जीतेगा' जन आंदोलन कार्यक्रम की शुरुआत की. मंगल पांडेय ने राज्य के लिए 37 ट्रू-नेट मशीन का लोकार्पण और निक्षय पोषण योजना के सुदृढ़ीकरण के लिए आईवीआरएस के पायलट की शुरुआत की.
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मंगल पांडेय ने कहा "टीबी वर्तमान में सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंताओं में से एक है. भारत में टीबी के मामले विश्व में सबसे अधिक है. पूरे विश्व की तुलना में भारत में 27% टीबी के मरीज हैं. वहीं, टीबी के कारण देश में प्रत्येक साल 4 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है. टीबी रोगियों की प्रभावी पहचान के लिए राज्य भर में 70 सीवी-नेट मशीन हैं. अब 37 ट्रू-नेट मशीन भी राज्य को उपलब्ध कराया जा रहा है."
38 जिलों में चल रहा अभियान"टीबी उन्मूलन प्रयासों को लंबे समय तक जारी रखने और इनपर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने हाल ही में 2021 को पूरे देश में ट्यूबरक्लोसिस वर्ष के रूप में मनाये जाने की घोषणा की है. इसी को ध्यान में रखते हुए बिहार में सभी 38 जिलों में रोगी सहायता समूह के माध्यम से अभियान चलाया जा रहा है. रोगी सहायता समूह रोगियों, टीबी सर्वाइवर, रोगियों की देखभाल करने वाले लोगों, स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधि, धार्मिक गुरुओं और अन्य सरकारी पदाधिकारियों का एक समग्र समूह है."-
मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्रीकार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत चयनित सूचकांकों पर उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले प्रथम तीन पदाधिकारियों, कर्मियों, रोग मुक्त टीबी चैंपियन और यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम में बेहतर योगदान देने के लिए प्राइवेट प्रैक्टिशनर को सम्मानित किया.