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पटना HC ने सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और ANM की बहाली को लेकर किया सरकार को तलब

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Published : Feb 4, 2020, 5:45 PM IST

कोर्ट ने निचले स्तर के अस्पतालों के विकास के लिए दी गई धनराशि का ब्यौरा भी सरकार से मांगा है. कोर्ट को बताया गया था कि 2006 में सरकारी अस्पतालों के विकास के लिए 3 सौ करोड़ रुपये से भी अधिक की धनराशि दी गयी थी. लेकिन अब तक इसके खर्च का ब्यौरा नहीं दिया गया है.

Patna High Court
Patna High Court

पटना: राज्य के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और एएनएम के खाली पदों पर बहाली के मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन की जनहित याचिका पर सुनवाई की है.

खर्च का नहीं दिया गया ब्यौरा
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए निचले स्तर के अस्पतालों के विकास के लिए दी गई धनराशि का ब्यौरा भी सरकार से मांगा है. बता दें कि कोर्ट को बताया गया है कि 2006 में सरकारी अस्पतालों के विकास के लिए 3 सौ करोड़ रुपये से भी अधिक की धनराशि दी गयी थी. लेकिन अब तक इसके खर्च का ब्यौरा नहीं दिया गया है. इस मामलें पर अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी.

प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश
एक अन्य मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. ये सुनवाई पीएमसीएच में किडनी प्रत्यारोपण ईकाई के प्रगति के मामले को लेकर किया गया है. विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया है. बता दें कि इस मामले में राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि किडनी प्रत्यारोपण ईकाई को कार्यशील बनाने के लिए कार्रवाई की जा रही है. जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि इसका लाभ आम और सामान्य लोगों को मिलना चाहिए. इसलिये इसे जल्दी चालू करने की जरूरत है. वहीं, 17 फरवरी को मामले पर अगली सुनवाई होगी.

पटना: राज्य के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और एएनएम के खाली पदों पर बहाली के मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन की जनहित याचिका पर सुनवाई की है.

खर्च का नहीं दिया गया ब्यौरा
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए निचले स्तर के अस्पतालों के विकास के लिए दी गई धनराशि का ब्यौरा भी सरकार से मांगा है. बता दें कि कोर्ट को बताया गया है कि 2006 में सरकारी अस्पतालों के विकास के लिए 3 सौ करोड़ रुपये से भी अधिक की धनराशि दी गयी थी. लेकिन अब तक इसके खर्च का ब्यौरा नहीं दिया गया है. इस मामलें पर अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी.

प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश
एक अन्य मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. ये सुनवाई पीएमसीएच में किडनी प्रत्यारोपण ईकाई के प्रगति के मामले को लेकर किया गया है. विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया है. बता दें कि इस मामले में राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि किडनी प्रत्यारोपण ईकाई को कार्यशील बनाने के लिए कार्रवाई की जा रही है. जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि इसका लाभ आम और सामान्य लोगों को मिलना चाहिए. इसलिये इसे जल्दी चालू करने की जरूरत है. वहीं, 17 फरवरी को मामले पर अगली सुनवाई होगी.

राज्य के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों,नर्सों व एएनएम के रिक्त पदों पर बहाली के मामलें पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाबतलब किया हैं।चीफ़ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन की जनहित याचिका पर सुनवाई की।साथ ही निचले स्तर के अस्पतालों के विकास के लिए दी गई धनराशि का ब्यौरा भी कोर्ट ने तलब किया है ।कोर्ट को बताया गया कि 2006 में सरकारी अस्पतालों के विकास के लिए तीन सौ करोड़ रुपये से भी अधिक की धनराशि दी गयी थी,लेकिन अबतक इसके खर्च का ब्यौरा नहीं दिया गया है ।इस मामलें पर अगली सुनवाई 6 फरवरी को की जायेगी ।
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