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मसौढ़ी: नवरात्र के नौवें दिन कन्याओं की हुई पूजा, सामूहिक हवन का आयोजन - मसौढ़ी में कन्या पूजन

मसौढ़ी में विभिन्न पूजा स्थलों पर सामूहिक हवन किया जा रहा है. उसके बाद कन्या पूजन किया गया. बता दें नवरात्र के नौवें दिन बाल कन्याओं की देवी का रूप मानकर पूजा की जाती है.

patna
कन्याओं की हुई पूजा
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Published : Oct 25, 2020, 4:36 PM IST

पटना (मसौढ़ी): नवरात्र में नवमी के दिन कन्या पूजन का खास महत्व माना जाता है. जिले में विभिन्न पूजा स्थल के पास नौ कन्याओं को देवी का रूप मानकर पूजा किया जा रहा है. साथ ही सामूहिक हवन का आयोजन भी किया जा रहा है.

नौवें दिन कन्या पूजन
नवरात्र के नौवें दिन कन्या पूजन किया जा रहा है. नौ कन्याओं को देवी के नौ रूप मानकर पूजा किया जा रहा है. मसौढ़ी के काली स्थान और विभिन्न पूजा स्थलों पर कन्या पूजन किया जा रहा है.

पंडित श्रीधर ने की पूजा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बताया जाता है कि माता वैष्णो देवी ने अपने परम भक्त पंडित श्रीधर की भक्ति से प्रसन्न होकर उसकी ना सिर्फ लाज बचाई, बल्कि पूरी सृष्टि को अपने अस्तित्व का प्रमाण भी दे दिया. पंडित श्रीधर को एक भी संतान नहीं थे.

बाल रूप में आईं मां दुर्गा
गांव में किसी ने बताया कि नवरात्र में मां का पूजन करें और बाल रूप में कन्याओं की देवी के नौ रूपों में पूजन करे. इसी पूजन के दौरान मां दुर्गा बाल रूप में उनके घर आईं और प्रसाद खाईं. तभी से नवरात्र के नौवें दिन बाल कन्याओं की देवी का रूप मानकर पूजा की जाती है और पैर धोकर चुनरी चढ़ायी जाती है. उसके बाद प्रसाद और दक्षिणा भी दी जाती है.

पटना (मसौढ़ी): नवरात्र में नवमी के दिन कन्या पूजन का खास महत्व माना जाता है. जिले में विभिन्न पूजा स्थल के पास नौ कन्याओं को देवी का रूप मानकर पूजा किया जा रहा है. साथ ही सामूहिक हवन का आयोजन भी किया जा रहा है.

नौवें दिन कन्या पूजन
नवरात्र के नौवें दिन कन्या पूजन किया जा रहा है. नौ कन्याओं को देवी के नौ रूप मानकर पूजा किया जा रहा है. मसौढ़ी के काली स्थान और विभिन्न पूजा स्थलों पर कन्या पूजन किया जा रहा है.

पंडित श्रीधर ने की पूजा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बताया जाता है कि माता वैष्णो देवी ने अपने परम भक्त पंडित श्रीधर की भक्ति से प्रसन्न होकर उसकी ना सिर्फ लाज बचाई, बल्कि पूरी सृष्टि को अपने अस्तित्व का प्रमाण भी दे दिया. पंडित श्रीधर को एक भी संतान नहीं थे.

बाल रूप में आईं मां दुर्गा
गांव में किसी ने बताया कि नवरात्र में मां का पूजन करें और बाल रूप में कन्याओं की देवी के नौ रूपों में पूजन करे. इसी पूजन के दौरान मां दुर्गा बाल रूप में उनके घर आईं और प्रसाद खाईं. तभी से नवरात्र के नौवें दिन बाल कन्याओं की देवी का रूप मानकर पूजा की जाती है और पैर धोकर चुनरी चढ़ायी जाती है. उसके बाद प्रसाद और दक्षिणा भी दी जाती है.

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