पटनाः नरक चतुर्दशी के साथ हनुमान जयंती भी बड़ी धूमधाम से मनायी गयी. पूरे देश में हनुमान लला के मंदिर में विधि विधान से पूजा-अर्चना हुई. पटना के प्रसिद्ध महावीर मन्दिर में शनिवार को हनुमान जयंती के मौके पर पूजा-अर्चना हुई. मन्दिर परिसर में स्थित मुख्य ध्वजस्थल पर ध्वजा पूजा किया गया.
हनुमान लला की आरती उतारी: महावीर मन्दिर न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल यजमान की भूमिका में बजरंगबली की पूजा अर्चना की. महावीर मन्दिर की पत्रिका धर्मायण के संपादक पंडित भवनाथ झा की देखरेख में मन्दिर के पुरोहितों ने वैदिक मंत्रों से ध्वज पूजा कराया. इसके बाद मुख्य ध्वज और शनिदेव के निकट स्थित ध्वज बदला गया. पूजन स्थल पर हनुमान लला की आरती उतारी गई.
"प्रख्यात संत रामानन्दाचार्य ने वैष्णव मताब्ज भास्कर में कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को महावीर हनुमान जी के जन्म का उल्लेख किया है. महावीर मन्दिर समेत उत्तर भारत के अधिकांश स्थानों पर इसी मान्यता के अनुसार हनुमान जयंती मनायी जाती है. महावीर मंदिर में हर साल पूजा कर ध्वज बदला जाता है और भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया जाता है. देश का पहला हनुमान मंदिर है, जिसमें दो विग्रह वाले हनुमान जी हैं. एक मनोकामना पूरण के रूप में हैं दूसरा दुख हरण के रूप में विराजमान हैं " -आचार्य किशोर कुणाल, सचिव, महावीर मन्दिर न्यास समिति
हलवा का विशेष भोग लगाः इस मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे. हनुमान जयंती के अवसर पर दो विग्रहों वाले हनुमान जी को 108 किलो नैवेद्यम का भोग लगाया गया. इसके साथ ही हलवा का विशेष भोग भी लगाया गया. गर्भगृह के सम्मुख मध्याह्न 12 बजे अंजना नंदन हनुमानजी की जन्म आरती उतारी गई, ढोल नगाड़ों के बीच आरती में भक्तों ने शामिल होकर बजरंगबली का उद्घोष किया.
9 दिवसीय नवाह पाठ का समापनः हनुमान जयंती के अवसर पर महावीर मन्दिर में चल रहे रामचरितमानस के 9 दिवसीय नवाह पाठ का समापन हुआ. हनुमान जयंती की मुख्य पूजा के बाद महावीर मन्दिर में संध्या काल में हवन भी हुआ. इस हनुमान मंदिर में प्रतिदिन श्रद्धालु भक्तों की भीड़ उमड़ती है. शनिवार और मंगलवार को अन्य दिनों से ज्यादा श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं.
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