पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में दलित वोट बैंक के लिए जेडीयू और आरजेडी में होड़ मची हुई है. इन सभी के बीच हम पार्टी ने बड़ा बयान दिया है. हम प्रवक्ता विजय यादव ने कहा की दलितों के सबसे बड़े नेता मांझी ही हैं.
विजय यादव ने कहा कि 2014 में जब मांझी मुख्यमंत्री बने तो वो दलितों के लिए 34 बड़ी योजनाएं लाए थी. लेकिन जदयू और आरजेडी नेता सिर्फ दलित का वोट लिया कुछ किया नहीं.
'सभी दल खुद को बता रहे दलित हितैषी'
बिहार में चुनाव का बिगुल बजने ही वाला है उससे पहले दलित वोट को लेकर दो बड़ी राजनीतिक पार्टी आरजेडी और जदयू ने दलित विधायकों की बैठक शुरू कर दी है. दोनों दल अपने को सबसे बड़े दलित हितैषी बता रहे हैं. इन सबके के बीच हम प्रमुख जीतन राम मांझी महागठबंधन छोड़ चुके हैं और उनके जदयू में जाने की अटकले भी तेज हो गई हैं.
इन अटकलों के बीच हम पार्टी ने नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है. पार्टी प्रवक्ता विजय यादव ने कहा है कि भले ही जदयू और आरजेडी के नेता अपने आपको दलितों का हितैषी बता रहे हैं, लेकिन इन लोगों ने इस समाज के लिए अभी तक कुछ नहीं किया.
'मांझी के काम को आगे बढ़ा रहे नीतीश'
विजय यादव ने कहा कि जब 2014 में 9 माह के लिए जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री बने थे, उस समय वो दलितों के लिए 34 बड़ी परियोजना लाये थे, जिसमें दलितों को घर बनाने के लिए 5 डिस्मिल जमीन देने की भी योजना बनाई थी. लेकिन किसी सरकार ने इनके कामों को तवज्जो नहीं दिया. मांझी के काम को अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पुरा कर रहे हैं. इसलिए दलितों के सबसे बड़े नेता की बात होगी तो उसमें जीतन राम मांझी का नाम ही आएगा.
तेजस्वी पर भी साधा निशाना
वहीं, तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुये उन्होंने कहा कि जब दलित विधायकों के एकजूट करने का काम जीतन राम मांझी ने किया था तो तेजस्वी यादव अपने विधायकों को लेकर अलग हट गये थे. अब दलितों को दिगभ्रमित करने के लिए अलग मीटिंग कर रहे हैं. बहरहाल चुनाव के समय सभी पार्टी अपने को दलित हितैषी भले ही बता रही है, लेकिन दलित किसके पाले में हैं वो तो समय ही बताएगा.