पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में दलित वोट को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. जहां एक तरफ पूर्व मंत्री श्याम रजक ने आरजेडी का दामन थामकर वर्तमान बिहार सरकार को दलित विरोधी बताया है. वहीं दूसरी तरफ बहुत जल्द ही जदयू के दामन थामने वाले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा का दावा है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी बिहार में दलितों का सबसे बड़ा चेहरा हैं.
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि दलितों के कल्याण के लिए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपने समय काल में बहुत सारी योजना है. जिसमें प्रत्येक गरीब को 5 डिसमिल जमीन देना भी शामिल था. उन्होंने कहा कि 34 ऐसे बिंदु थे जिस पर उन्होंने दलित कल्याण की बातें कही थी और आज उसी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार धीरे-धीरे लागू कर रहे हैं.
दलितों के लोकप्रिय नेता हैं मांझी
हम प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि जिस तरह से दलित कल्याण के लिए हमारी पार्टी बाढ़ प्रभावित जिलों में भी काम कर रही है. निश्चित तौर पर हमारे नेता का उद्देश्य है कि दलित और गरीबों का हमेशा कल्याण हो. यही कारण है कि बड़ी संख्या में दलित समाज और गरीब तबके के लोग हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के साथ हैं. उन्होंने कहा कि भले ही कोई नेता किसी भी तरह की बात कर ली लेकिन अभी भी दलितों के बीच सबसे लोकप्रिय नेता अगर कोई है तो जीतन राम मांझी हैं.