पटना: बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र ( Monsoon Session ) का समापन हो गया है. अंतिम दिन पत्रकारों से बात करते हुए HAM प्रमुख जीतन राम मांझी ( Jitan Ram Manjhi ) ने कहा कि सत्र शुरू होने से पहले जिस तरह की चर्चा की जा रही थी, वैसा कुछ नहीं हुआ. सदन की कार्यवाही ठीक ढंग से चला. सदन के अंदर बहुत काम हुआ, उम्मीद है कि भविष्य में भी इसी तरह से सदन चलेगा.
जातीय जनगणना ( Caste Census ) पर HAM प्रमुख ने कहा कि 'मैं पहले से कहा रहा हूं कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए. सिर्फ SC-ST नहीं, बल्कि सभी जातियों की जनगणना होनी चाहिए. केन्द्र सरकार क्या सोच कर नहीं करवा रही है, ये वही बता सकते हैं.'
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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जिसकी जितनी जनसंख्या रहेगी, उसे उतनी हिस्सेदारी मिलेगी. उन्होंने कहा कि जब हमारी जनसंख्या पर हिस्सा मिलना है तो जातीय जनगणना कराना ही चाहिए. जातिगत आधार पर जनगणना नहीं कराने का मतलब है कि जिसकी जनसंख्या कम है, वे हिस्सेदारी ज्यादा ले रहे हैं और जिसकी जनसंख्या ज्यादा है, उसकी हिस्सेदारी कम है.
पूर्व सीएम ने कहा कि ऐसी परिस्थति में किस जाति के कितने लोग हैं, उनकी आबादी में कितने प्रतिशत हिस्सेदारी है और उन्हें कितनी भागीदारी मिलनी चाहिए. ये सब सरकार तभी तो तय कर पाएगी जब इनके आंकड़े उपलब्ध हों. उन्होंने कहा कि हर जाति की जनगणना जातीय आधार पर होनी चाहिए, सबकी जातीय जनगणना होनी चाहिए.
वहीं, चुनावी राजनीति से रिटायरमेंट के सवाल पर जीतन राम मांझी ने कहा कि निश्चित तौर पर हमारा उम्र ज्यादा हो गया है. हम चाहते हैं कि अब चुनावी राजनीति से दूर हो जाएं. उन्होंने कहा कि इस बार भी हम चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे, लेकिन जनता की मांग पर चुनाव लड़े और जीते.
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दरअसल, बिहार विधानसभा में चर्चा के दौरान पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा था कि मैं 36 साल से इस सदन का सदस्य हूं. हो सकता है कि यह मेरा इस सदन का अंतिम कार्यकाल हो. इन 36 वर्षों में कई दौर देखें हैं, लेकिन आज जो कुछ सदन में हो रहा है उसके बारे में कभी सोचा भी नहीं था. पूर्व सीएम ने कहा विधानमंडल के सदन की गरिमा को बनाए रखना हर सदस्य की जिम्मेवारी है.