पटनाः बिहार के पटना में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 13 मई कथा वाचन के लिए पहुंच रहे हैं. कुछ राजनीतिक संगठन इसका विरोध कर रहे हैं तो कुछ राजनीतिक और सामाजिक संगठन उनके आगमन को लेकर पूरी तरह उत्साहित हैं और स्वागत के लिए तैयार हैं. इसी बीच अल्पसंख्यक समाज से आने वाले प्रख्यात शिक्षाविद गुरु रहमान भी बाबा बागेश्वर धाम सरकार के स्वागत के लिए तैयार हैं और वह भी अपना पर्चा बाबा से दिखवाना चाहते हैं.
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हमें धीरेंद्र शास्त्री का इंतजारः गुरु रहमान ने कहा कि वह बजरंगबली के बहुत बड़े भक्त हैं और पंडित धीरेंद्र शास्त्री भी बजरंगबली के भक्त हैं. वे बजरंगबली को अपना बॉस मानते हैं और अपने बॉस के बहुत बड़े भक्त पंडित धीरेंद्र शास्त्री से मिलने के लिए उत्साहित हैं. उन्होंने आज मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर में जा कर पूजा भी की है और हनुमान जी से गुहार भी लगाई है कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री उनका भी पर्चा खोलें, ताकि वह भी जान सके कि उनकी समस्याएं क्या है और इसका निराकरण कैसे होगा.
धीरेंद्र शास्त्री हनुमानजी के भक्तः संगठनों द्वारा पंडित धीरेंद्र शास्त्री के आगमन को सामाजिक समरसता के खिलाफ बताने के सवाल पर कहा कि ऐसा नहीं है. हमारी परंपरा रही है अतिथि देवो भव और उनका स्वागत होना चाहिए. पंडित धीरेंद्र शास्त्री हनुमानजी के भक्त हैं और हनुमान जी का कोई भी भक्त छल कपट करने वाला नहीं हो सकता है, क्योंकि हनुमान जी साक्षात भगवान शिव हैं. बागेश्वर धाम महाराज आ रहे हैं तो निश्चित ही वह यहां लोगों से ज्ञान की बातें ही करेंगे और उनकी समस्याओं के निदान के तरीके बताएंगे.
इसलिए करेंगे विरोधः गुरु रहमान ने कहा कि वह हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी के मंदिर में मत्था टेकने जाते हैं. अपनी चेंबर में हनुमान जी की फोटो जरूर रखते हैं. धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन पर गुरु रहमान ने कहा कि अगर पंडित धीरेंद्र शास्त्री अगर कहते हैं कि वह भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं तो वह इस बात का विरोध दर्ज कराएंगे. भारत हमारी माता है और मां के पुत्रों में कोई भेद नहीं हो सकता. सनातन संस्कृति भी प्रेम और भाईचारे की बात करती है जिसमें आपसी सौहार्द को प्राथमिकता दी जाती है. सनातन संस्कृति में त्याग और समर्पण की भावना है और वह समझते हैं कि कोई भी धर्माचार्य जो सही मायने में होगा वह इस संस्कृति से विमुख नहीं होगा.