पटना: रंगो के त्योहार होली को लेकर सभी में उत्साह है. जगह-जगह अबीर, गुलाल और रंगों की दुकानें सजी हुई हैं. मंगलवार को देशभर में रंग खेला जाएगा. ऐसे में ईटीवी भारत रंग खेलते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताने जा रहा है. रंग और अबीर खेलते समय आप अपनी आंखों को किस तरह सुरक्षित रख सकते हैं, इस बाबत पटना के प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक डॉ. सुनील कुमार ने विस्तार से जानकारी दी.
डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि होली के दौरान लोगों में खूब उत्साह रहता है और लोग खूब हुड़दंग करते हैं. इस दौरान थोड़ी सी असावधानी रंग में भंग डाल सकती है. होली का मजा खराब कर सकती है. उन्होंने कहा कि अगर थोड़ी सी सावधानी बरतते हैं, तो होली पूरे उल्लास के साथ मना सकते हैं. होली के दौरान कोशिश करें कि रंग या अबीर खरीदें, तो वह ब्रांडेड और हर्बल हो. उन्होंने कहा कि अगर आंखों में गलती से कलर लग गया, फिर चला जाता है तो उसे तुरंत पानी से धोएं और बहुत ही अच्छे से धोएं.
बढ़ जाता है केमिकल इंजरी का खतरा
डॉ. कहते हैं कि इसके बावजूद आंखों में दिक्कत है तो लुब्रिकेटिंग ड्रॉप का प्रयोग करें. रंग या अबीर के आंखों में जाने से केमिकल इंजरी होने का खतरा रहता है. अगर हुड़दंग के दौरान आंखों के नाजुक पार्ट पर चोट लग जाती है और आंख खोलने में तकलीफ होती है, तो जबरदस्ती आंख खोलने की कोशिश न करें. ऐसी स्थिति में तुरंत नेत्र चिकित्सक से संपर्क करें.
बच्चों पर रखें विशेष नजर
नेत्र चिकित्सक ने बताया कि बच्चे अगर होली खेलें, तो इस दौरान उनके गार्जियन उनका सुपरविजन करें. उन्होंने कहा कि होली के दौरान बच्चे बैलून में रंग भरकर फेंकते हुए नजर आते हैं. वह बैलून किसी की आंखों पर लग जाता है तो उसे गंभीर चोटें भी आ सकती हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों को पिचकारी देते वक्त गार्जियन यह ध्यान रखें कि पिचकारी का मुंह आगे से गोल हो और छोटी हो. उन्होंने कहा कि अगर पिचकारी लंबी और नुकीली होगी तो इससे चोट लगने की संभावना और अधिक बढ़ जाती है.
- अगर हम थोड़ा सतर्क होकर होली खेलें, तो होली का पूरा आनंद ले सकते हैं. बिहार वासियों को होली की ढेर सारी शुभकामनाएं देते हुए डॉक्टर सुनील ने मंगल स्वास्थ्य की कामना की. डॉक्टर सुनील कुमार जदयू के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं.