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राज्यपाल ने की शैक्षणिक गतिविधियों की समीक्षा, परीक्षा में एकरूपता के लिए कमेटी बनाने का दिया निर्देश

राज्यपाल फागू चौहान ने पाठ्यक्रम को लेकर कुलपतियों के साथ वीसी के माध्यम से बैठक की. जिसमें शैक्षणिक गतिविधियों पर समीक्षा की गई.

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Published : Jun 11, 2020, 9:09 PM IST

पटना: राज्यपाल फागू चौहान ने राजभवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 4 विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक गतिविधियों की समीक्षा की. समीक्षा के दौरान राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान ने पाठ्यक्रम, परीक्षा और नामांकन को लेकर कुलपतियों को विशेष निर्देश दिया. बता दें कि 9 जून को भी राज्यपाल ने कई विश्वविद्यालयों की समीक्षा की थी.

राज्यपाल फागू चौहान ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर, जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा, मगध विश्वविद्यालय बोधगया और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पटना की शैक्षणिक गतिविधियों की समीक्षा की. राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को यह प्रयास करना चाहिए कि ऑनलाइन इंटरएक्टिव क्लासेस के जरिए ससमय पाठ्यक्रम पूरा करते हुए यूजीसी के मार्ग निर्देशों के अनुरूप सभी परीक्षाएं आयोजित की जाए. उन्होंने आगे कहा कि सितंबर-अक्टूबर 2020 तक उनके परीक्षाफल भी प्रकाशित की जाए. राज्यपाल ने आगे बताया कि इस वर्ष आयोजित होने वाली परीक्षाओं को इस तरह व्यवस्थित क्या जाना चाहिए. ताकि आगामी वर्ष का अकादमिक सत्र समय पर शुरू हो सके.

राज्यपाल ने दी जानकारी
राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयों में नामांकन की प्रक्रिया ऑनलाइन समय से पूरी करते हुए निबंधन का कार्य ससमय करने का निर्देश दिया. राज्यपाल ने यह भी कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में यूजी प्रथम वर्ष में निर्धारित सीटों से ज्यादा किसी भी परिस्थिति में नामांकन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जो महाविद्यालय इसका पालन नहीं करेंगे, संबंधित प्रचार्य के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. राज्यपाल ने सभी कुलपतियों को निर्देश दिया कि जिन महाविद्यालयों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए क्वारंटीन सेंटर बनाया गया है, उसे जिला-प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर ससमय सैनिटाइज करा दिया जाए. ताकि वर्ग संचालन और परीक्षा आयोजन में कोई कठिनाई नहीं हो.

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फागू चौहान, राज्यपाल, बिहार

1 घंटे शिक्षण अवधि बढ़ाने पर विचार
राज्यपाल ने आगे कहा कि यदि आवश्यक हो इसके लिए विश्वविद्यालय/ महाविद्यालय अपनी निधि का भी उपयोग कर सकते हैं. राज्यपाल फागू चौहान ने बताया कि पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए आवश्यकता अनुसार प्रतिदिन 1 घंटे शिक्षण अवधि बढ़ाने पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है. सभी कुलपतियों से राय लेकर इस पर आगे कार्रवाई की जाएगी. राज्यपाल सह कुलपति ने कहा कि परीक्षाओं के आयोजन, प्रश्न पत्रों के चयन और उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन आदि को लेकर राज्य के विश्वविद्यालयों में एक रूपता व्यवस्था होनी चाहिए. इस दौरान राज्यपाल ने प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि इसके लिए विश्वविद्यालय के कुलपतियों की 3 सदस्य मंत्रणा समिति गठित की जाए, जो इस मामले में आवश्यक सुझाव दे सके.

कोताही बरतने वालों पर होगी कार्रवाई
इसके अलावा राज्यपाल फागू चौहान ने समीक्षा में यह भी पाया कि कई विश्वविद्यालय सहायक अध्यापकों की रिक्ति की सूची भेजने में कोताही कर रहे हैं. ऐसे विश्वविद्यालयों को शीघ्र सूची भेजने का निर्देश दिया. राज्यपाल ने ऑनलाइन टीचिंग के संदर्भ में समुचित व्यवस्था करने के लिए अध्ययन दल अन्य राज्य के किसी उत्कृष्ट विश्वविद्यालय में भेजने का सुझाव दिया. वहीं, ऑनलाइन डिग्री वितरण और नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी की व्यवस्था के प्रभावी ढंग से कार्यान्वयन पर भी जोर दिया. साथ ही सभी कुलपतियों को इस दिशा में ठोस कार्रवाई करने के लिए कहा.

राज्यपाल ने कुलपतियों को दिया आदेश
बैठक में कुलपतियों को कहा गया कि वह ऑनलाइन लेक्चरर्स को अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड करें. ताकि दूसरे विश्वविद्यालय गुणवत्ता पूर्ण व्याख्यान अपने विद्यार्थियों को लाभान्वित करा सके. उन्होंने आगे कहा कि बैठक में सभी संबंधित कुलपतियों को निर्देश दिया गया कि वे अपने विश्वविद्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का कक्ष शीघ्र तैयार करें. ताकि विश्वविद्यालयों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समीक्षा में सहूलियत हो सके. बता दें कि बैठक में शिक्षक विद्यार्थी अनुपात के युक्तिकरण की भी समीक्षा की गई. साथ ही कुलपतियों को कहा गया कि वे अपने स्तर पर समिति गठित कर उचित कार्रवाई करें.

15 जून तक चलेगा समीक्षा
बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव चेतन प्रसाद और राज्यपाल सचिवालय के वरीय अधिकारी, मुजफ्फरपुर से बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हनुमान प्रसाद पांडे, गया से मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद और पटना से पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति गुलाबचंद राम जयसवाल शामिल थे. प्रोफेसर हनुमान प्रसाद पांडे छपरा विद जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति का भी प्रभार में है. बता दें कि विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक गतिविधियों की समीक्षा 15 जून तक चलेगी.

पटना: राज्यपाल फागू चौहान ने राजभवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 4 विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक गतिविधियों की समीक्षा की. समीक्षा के दौरान राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान ने पाठ्यक्रम, परीक्षा और नामांकन को लेकर कुलपतियों को विशेष निर्देश दिया. बता दें कि 9 जून को भी राज्यपाल ने कई विश्वविद्यालयों की समीक्षा की थी.

राज्यपाल फागू चौहान ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर, जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा, मगध विश्वविद्यालय बोधगया और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पटना की शैक्षणिक गतिविधियों की समीक्षा की. राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को यह प्रयास करना चाहिए कि ऑनलाइन इंटरएक्टिव क्लासेस के जरिए ससमय पाठ्यक्रम पूरा करते हुए यूजीसी के मार्ग निर्देशों के अनुरूप सभी परीक्षाएं आयोजित की जाए. उन्होंने आगे कहा कि सितंबर-अक्टूबर 2020 तक उनके परीक्षाफल भी प्रकाशित की जाए. राज्यपाल ने आगे बताया कि इस वर्ष आयोजित होने वाली परीक्षाओं को इस तरह व्यवस्थित क्या जाना चाहिए. ताकि आगामी वर्ष का अकादमिक सत्र समय पर शुरू हो सके.

राज्यपाल ने दी जानकारी
राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयों में नामांकन की प्रक्रिया ऑनलाइन समय से पूरी करते हुए निबंधन का कार्य ससमय करने का निर्देश दिया. राज्यपाल ने यह भी कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में यूजी प्रथम वर्ष में निर्धारित सीटों से ज्यादा किसी भी परिस्थिति में नामांकन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जो महाविद्यालय इसका पालन नहीं करेंगे, संबंधित प्रचार्य के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. राज्यपाल ने सभी कुलपतियों को निर्देश दिया कि जिन महाविद्यालयों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए क्वारंटीन सेंटर बनाया गया है, उसे जिला-प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर ससमय सैनिटाइज करा दिया जाए. ताकि वर्ग संचालन और परीक्षा आयोजन में कोई कठिनाई नहीं हो.

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फागू चौहान, राज्यपाल, बिहार

1 घंटे शिक्षण अवधि बढ़ाने पर विचार
राज्यपाल ने आगे कहा कि यदि आवश्यक हो इसके लिए विश्वविद्यालय/ महाविद्यालय अपनी निधि का भी उपयोग कर सकते हैं. राज्यपाल फागू चौहान ने बताया कि पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए आवश्यकता अनुसार प्रतिदिन 1 घंटे शिक्षण अवधि बढ़ाने पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है. सभी कुलपतियों से राय लेकर इस पर आगे कार्रवाई की जाएगी. राज्यपाल सह कुलपति ने कहा कि परीक्षाओं के आयोजन, प्रश्न पत्रों के चयन और उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन आदि को लेकर राज्य के विश्वविद्यालयों में एक रूपता व्यवस्था होनी चाहिए. इस दौरान राज्यपाल ने प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि इसके लिए विश्वविद्यालय के कुलपतियों की 3 सदस्य मंत्रणा समिति गठित की जाए, जो इस मामले में आवश्यक सुझाव दे सके.

कोताही बरतने वालों पर होगी कार्रवाई
इसके अलावा राज्यपाल फागू चौहान ने समीक्षा में यह भी पाया कि कई विश्वविद्यालय सहायक अध्यापकों की रिक्ति की सूची भेजने में कोताही कर रहे हैं. ऐसे विश्वविद्यालयों को शीघ्र सूची भेजने का निर्देश दिया. राज्यपाल ने ऑनलाइन टीचिंग के संदर्भ में समुचित व्यवस्था करने के लिए अध्ययन दल अन्य राज्य के किसी उत्कृष्ट विश्वविद्यालय में भेजने का सुझाव दिया. वहीं, ऑनलाइन डिग्री वितरण और नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी की व्यवस्था के प्रभावी ढंग से कार्यान्वयन पर भी जोर दिया. साथ ही सभी कुलपतियों को इस दिशा में ठोस कार्रवाई करने के लिए कहा.

राज्यपाल ने कुलपतियों को दिया आदेश
बैठक में कुलपतियों को कहा गया कि वह ऑनलाइन लेक्चरर्स को अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड करें. ताकि दूसरे विश्वविद्यालय गुणवत्ता पूर्ण व्याख्यान अपने विद्यार्थियों को लाभान्वित करा सके. उन्होंने आगे कहा कि बैठक में सभी संबंधित कुलपतियों को निर्देश दिया गया कि वे अपने विश्वविद्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का कक्ष शीघ्र तैयार करें. ताकि विश्वविद्यालयों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समीक्षा में सहूलियत हो सके. बता दें कि बैठक में शिक्षक विद्यार्थी अनुपात के युक्तिकरण की भी समीक्षा की गई. साथ ही कुलपतियों को कहा गया कि वे अपने स्तर पर समिति गठित कर उचित कार्रवाई करें.

15 जून तक चलेगा समीक्षा
बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव चेतन प्रसाद और राज्यपाल सचिवालय के वरीय अधिकारी, मुजफ्फरपुर से बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हनुमान प्रसाद पांडे, गया से मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद और पटना से पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति गुलाबचंद राम जयसवाल शामिल थे. प्रोफेसर हनुमान प्रसाद पांडे छपरा विद जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति का भी प्रभार में है. बता दें कि विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक गतिविधियों की समीक्षा 15 जून तक चलेगी.

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