ETV Bharat / state

राजगीर में विश्व शांति स्तूप का 52वां स्थापना दिवस, समारोह में शामिल हुए राज्यपाल फागू चौहान

विश्व शांति स्तूप के 52 वें स्थापना दिवस समारोह में राज्यपाल फागू चौहान भी शामिल हुए. जहां पूजा अर्चना के बाद महामहिम ने राजगीर के घने वन के बीच स्थित पहाड़ियों से घिरे शांतिपूर्ण वातावरण में अवस्थित मनोरम वादियां, घोड़ा कटोरा झील का भी अवलोकन किया.

फागू चौहान
फागू चौहान
author img

By

Published : Oct 25, 2021, 4:04 PM IST

नालंदाः राजगीर के रत्नागिरी पर्वत पर स्थित विश्व शांति स्तूप (Vishwa Shanti Stupa) का 52 वां वार्षिकोत्सव समारोह धूमधाम के साथ मनाया गया. समारोह की शुरूआत स्थानीय बौद्ध भिक्षुओं के द्वारा प्रार्थना सभा और बौद्धिक मंत्रोच्चारण से हुई. इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल फागू चौहान (Governor Fagu Chauhan) ने भी शिरकत कर पूजा अर्चना की.

ये भी पढ़ेंः मंत्री नितिन नवीन ने छठ को लेकर किया घाटों का निरीक्षण, कहा- गंगा के बढ़ते जलस्तर से बढ़ी परेशानी

समरोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि विश्‍व आज महामारी के प्रकोप से जूझ रहा है. ऐसी स्थिति में भगवान बुद्ध के बताए गए मैत्री, करुणा, अहिंसा और शांति के मार्ग पर चलकर सामाजिक संतुलन बनाए रखना संभव है.

देखें वीडियो

'भगवान बुद्ध के विचारों और दर्शन की प्रासंगिकता आज भी है. भगवान बुद्ध के आदर्शों को आत्मसात करने की जरूरत है. समाजिक संतुलन बनाए रखने लिए अहिंसा और शांति के मार्ग पर चलना आवश्यक है'- फागू चौहान, राज्यपाल

राज्यपाल ने समारोह की शुरुआत में बौद्ध भिक्षुओं द्वारा बौद्ध रीति रिवाज से पूजा अर्चना की. इस अवसर पर राजयपाल को विश्वशांति स्तूप के मुख्य पुजारी टी ओकोनोगी ने प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया. इसके बाद महामहिम फागू चौहान ने राजगीर के घने वन के बीच स्थित पहाड़ियों से घिरे शांतिपूर्ण वातावरण में अवस्थित मनोरम वादियां, घोड़ा कटोरा झील का भी अवलोकन किया. इसके बाद निर्माणाधीन जू सफारी पार्क का भी अवलोकन किया.

बता दें कि शांति स्तूप का निर्माण जापान के प्रमुख बौद्ध धर्मावलंबी समूह के अध्यक्ष पूज्य भिक्षु निशिदात्सु फूजी गुरुजी के सौजन्य से हुआ था. इसका शिलान्यास तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के ने साल 1965 में किया था. जबकि उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति वीवी गिरि ने 1969 में किया था. हालांकि इस बार विदेशों से बौद्ध धर्मावलंबी समारोह में नहीं आए. इस बार नालंदा, गया, राजगीर सहित अन्य जगहों के स्थानीय भिक्षु ही इसमें शामिल हुए. पिछले साल तो कोरोना के कारण महज पूजा की औपचारिकता ही पूरी की गयी थी.

ये भी पढ़ेंः बिहार में पुलिस कर्मियों की है भारी कमी, अगले 2 से 3 सालों में राष्ट्रीय औसत तक पहुंचने का लक्ष्य

नालंदाः राजगीर के रत्नागिरी पर्वत पर स्थित विश्व शांति स्तूप (Vishwa Shanti Stupa) का 52 वां वार्षिकोत्सव समारोह धूमधाम के साथ मनाया गया. समारोह की शुरूआत स्थानीय बौद्ध भिक्षुओं के द्वारा प्रार्थना सभा और बौद्धिक मंत्रोच्चारण से हुई. इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल फागू चौहान (Governor Fagu Chauhan) ने भी शिरकत कर पूजा अर्चना की.

ये भी पढ़ेंः मंत्री नितिन नवीन ने छठ को लेकर किया घाटों का निरीक्षण, कहा- गंगा के बढ़ते जलस्तर से बढ़ी परेशानी

समरोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि विश्‍व आज महामारी के प्रकोप से जूझ रहा है. ऐसी स्थिति में भगवान बुद्ध के बताए गए मैत्री, करुणा, अहिंसा और शांति के मार्ग पर चलकर सामाजिक संतुलन बनाए रखना संभव है.

देखें वीडियो

'भगवान बुद्ध के विचारों और दर्शन की प्रासंगिकता आज भी है. भगवान बुद्ध के आदर्शों को आत्मसात करने की जरूरत है. समाजिक संतुलन बनाए रखने लिए अहिंसा और शांति के मार्ग पर चलना आवश्यक है'- फागू चौहान, राज्यपाल

राज्यपाल ने समारोह की शुरुआत में बौद्ध भिक्षुओं द्वारा बौद्ध रीति रिवाज से पूजा अर्चना की. इस अवसर पर राजयपाल को विश्वशांति स्तूप के मुख्य पुजारी टी ओकोनोगी ने प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया. इसके बाद महामहिम फागू चौहान ने राजगीर के घने वन के बीच स्थित पहाड़ियों से घिरे शांतिपूर्ण वातावरण में अवस्थित मनोरम वादियां, घोड़ा कटोरा झील का भी अवलोकन किया. इसके बाद निर्माणाधीन जू सफारी पार्क का भी अवलोकन किया.

बता दें कि शांति स्तूप का निर्माण जापान के प्रमुख बौद्ध धर्मावलंबी समूह के अध्यक्ष पूज्य भिक्षु निशिदात्सु फूजी गुरुजी के सौजन्य से हुआ था. इसका शिलान्यास तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के ने साल 1965 में किया था. जबकि उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति वीवी गिरि ने 1969 में किया था. हालांकि इस बार विदेशों से बौद्ध धर्मावलंबी समारोह में नहीं आए. इस बार नालंदा, गया, राजगीर सहित अन्य जगहों के स्थानीय भिक्षु ही इसमें शामिल हुए. पिछले साल तो कोरोना के कारण महज पूजा की औपचारिकता ही पूरी की गयी थी.

ये भी पढ़ेंः बिहार में पुलिस कर्मियों की है भारी कमी, अगले 2 से 3 सालों में राष्ट्रीय औसत तक पहुंचने का लक्ष्य

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.