पटना: राजधानी में जलजमाव के बाद अब महामारी की समस्या सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनती दिख रही है. सरकार ऐसी किसी भी परिस्थिति से निपटने की तैयारी का दावा कर रही है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से एक टीम पटना भेज दी गई है, जो अलग-अलग इलाकों को चिन्हित कर वहां महामारी की रोकथाम के लिये काम करेगी.
संजय कुमार ने बताया कि इसके लिये गर्दनीबाग और मलाही पकड़ी इलाके में तकरीबन 150 घरों का सर्वे भी किया गया है. हालांकि केंद्रीय टीम ने माना है कि अभी तक महामारी जैसी समस्या कहीं भी पैदा नहीं हुई है. प्रधान सचिव ने बताया कि पटना के 27 दुर्गा पंडालों में स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह स्वास्थ्य शिविर तब तक लगाए जाते रहेंगे, जब तक आम जनजीवन सामान्य न हो जाए.
इलाज के लिये दुर्गा पंडालों में स्वास्थ्य शिविर
संजय कुमार ने कहा कि मच्छर के लार्वा से होने वाली बीमारी को रोकने के लिए भी छिड़काव किए जा रहे हैं. प्रधान सचिव ने जलजमाव की समस्या से जूझ रहे लोगों से अपील की है कि वे पीने के पानी को साफ कर के ही पीएं. पानी उबालकर पीएं या फिर हैलोजन टैबलेट पानी में डालकर पीएं. स्वास्थ्य विभाग पर्याप्त संख्या में हैलोजन टैबलेट बांटने का काम कर रही है.
पटना एम्स से मांगा गया सहयोग
राज्य सरकार ने प्रभावित इलाकों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव शुरू कर दिया है. इसके अलावा शनिवार से सभी प्रभावित घरों में आधा किलो ब्लीचिंग पाउडर का पैकेट भी बांटा जायेगा. उन्होंने बताया कि पटना एम्स से मेडिकल कैंपों को चलाने के लिये मदद मांगी गई है. इसके अलावा पटना के पांच अस्पताल, जिनमें सरकारी कर्मियों का मुफ्त में इलाज होता है, उन्हें निर्देश दिया गया है कि वह आम जनता का भी इलाज मुफ्त में करें. ग्रामीण क्षेत्रों पर भी सरकार नजर बनाए हुए है.