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अब बिहार में सरकारी अस्पतालों के बहुरेंगे दिन, होगी चकाचक साफ-सफाई

बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने कवायद तेज कर दी है. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एमएसटीसी लिमिटेड (MSTC Limited) के साथ एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किया है. अब जल्द ही बिहार के सरकारी अस्पतालों की दशा बदली हुई नजर आएगी.

एमओयू
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Published : Jul 26, 2021, 7:44 AM IST

पटना: बिहार में सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों (Health Center In Bihar) के दिन बहुरने वाले हैं. राज्य सरकार साफ-सफाई पर विशेष जोर देने जा रही है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार के उद्यम एमएसटीसी लिमिटेड (MSTC Limited) के साथ एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किया है. इसके तहत अब अस्पतालों की चकाचक साफ-सफाई होगी. इसके साथ ही कचरा प्रबंध पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा.

इसे भी पढ़ें: खंडहर बन चुका है मोतीहारी का APHC, दरवाजे और खिड़कियां गायब, चिकित्सक भी नहीं आते

सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Health Minister Mangal Pandey) ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के साथ-साथ अस्पताल परिसर की भी सूरत बदलने की दिशा में भी काम कर रहा है. इसी कड़ी में राज्य भर के सभी सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals In Bihar) को व्यवस्थित और सुंदर बनाने को लेकर वर्षों से अस्पतालों में फैले कबाड़ को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एमएसटीसी लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है, जो भारत सरकार का उद्यम है.

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एमएसटीसी ई-नीलामी प्रक्रिया (MSTC E-Auction Process) के माध्यम से बेकार पड़ी सामग्रियों का निपटारा किया जाएगा. बता दें कि ई-नीलामी ऑनलाइन प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से नीलामी आयोजित करने की प्रक्रिया है. मंगल पांडेय ने कहा कि खराब पड़ी पुरानी एंबुलेंस, टूटी-फूटी मेजें और कुर्सियां, खराब और पुराने उपकरण और इस तरह के अन्य कबाड़ ने परिसर में अनावश्यक रूप से जगह घेर रखा है. पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) सहित अन्य अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों का परिसर गंदा है. इससे वहां कार्य कर रहे कर्मियों और मरीजों को परेशानी होती है.

अस्पताल परिसर में जमे कचरे अस्पतालों की सेहत बिगाड़ रहे हैं. इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर और कबाड़ को हटाकर सभी अस्पतालों को सुंदर बनाने का फैसला लिया है. अब खाली किए गए स्थानों का उपयोग मूल्यवान और उपयोगी उद्देश्यों के लिए किया जाएगा.

मंगल पांडेय ने कहा कि अप्रैल 2021 में बिहार कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद विभाग ने एमएसटीसी लिमिटेड के साथ एमओयू साइन किया. स्क्रैप सामग्री के निपटान की प्रक्रिया को क्रियान्वित करते समय सभी मौजूदा नियमों और मानदंडों का कड़ाई से पालन किया जाएगा. कबाड़ का भौतिक सत्यापन और अनुपयोगी वस्तुओं की सूची तैयार करने के लिए जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान स्तर पर समितियां गठित की गई हैं.

ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए अनुशंसित सूचियां एमएसटीसी को भेजी जाएंगी. मालूम हो कि जिला स्तर की समितियों की अध्यक्षता सिविल सर्जन करेंगे, जबकि मेडिकल कॉलेजों और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में गठित समितियों की अध्यक्षता क्रमशः प्राचार्य और अधीक्षक करेंगे.

पटना: बिहार में सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों (Health Center In Bihar) के दिन बहुरने वाले हैं. राज्य सरकार साफ-सफाई पर विशेष जोर देने जा रही है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार के उद्यम एमएसटीसी लिमिटेड (MSTC Limited) के साथ एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किया है. इसके तहत अब अस्पतालों की चकाचक साफ-सफाई होगी. इसके साथ ही कचरा प्रबंध पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा.

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सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Health Minister Mangal Pandey) ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के साथ-साथ अस्पताल परिसर की भी सूरत बदलने की दिशा में भी काम कर रहा है. इसी कड़ी में राज्य भर के सभी सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals In Bihar) को व्यवस्थित और सुंदर बनाने को लेकर वर्षों से अस्पतालों में फैले कबाड़ को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एमएसटीसी लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है, जो भारत सरकार का उद्यम है.

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एमएसटीसी ई-नीलामी प्रक्रिया (MSTC E-Auction Process) के माध्यम से बेकार पड़ी सामग्रियों का निपटारा किया जाएगा. बता दें कि ई-नीलामी ऑनलाइन प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से नीलामी आयोजित करने की प्रक्रिया है. मंगल पांडेय ने कहा कि खराब पड़ी पुरानी एंबुलेंस, टूटी-फूटी मेजें और कुर्सियां, खराब और पुराने उपकरण और इस तरह के अन्य कबाड़ ने परिसर में अनावश्यक रूप से जगह घेर रखा है. पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) सहित अन्य अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों का परिसर गंदा है. इससे वहां कार्य कर रहे कर्मियों और मरीजों को परेशानी होती है.

अस्पताल परिसर में जमे कचरे अस्पतालों की सेहत बिगाड़ रहे हैं. इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर और कबाड़ को हटाकर सभी अस्पतालों को सुंदर बनाने का फैसला लिया है. अब खाली किए गए स्थानों का उपयोग मूल्यवान और उपयोगी उद्देश्यों के लिए किया जाएगा.

मंगल पांडेय ने कहा कि अप्रैल 2021 में बिहार कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद विभाग ने एमएसटीसी लिमिटेड के साथ एमओयू साइन किया. स्क्रैप सामग्री के निपटान की प्रक्रिया को क्रियान्वित करते समय सभी मौजूदा नियमों और मानदंडों का कड़ाई से पालन किया जाएगा. कबाड़ का भौतिक सत्यापन और अनुपयोगी वस्तुओं की सूची तैयार करने के लिए जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान स्तर पर समितियां गठित की गई हैं.

ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए अनुशंसित सूचियां एमएसटीसी को भेजी जाएंगी. मालूम हो कि जिला स्तर की समितियों की अध्यक्षता सिविल सर्जन करेंगे, जबकि मेडिकल कॉलेजों और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में गठित समितियों की अध्यक्षता क्रमशः प्राचार्य और अधीक्षक करेंगे.

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