पटनाः वैश्विक महामारी कोरोना के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. धीरे-धीरे लोगों की जिंदगी पटरी पर एक बार फिर लौटने लगी है. कोरोना काल के बीच लग्न शुरू हुआ और शहनाई बजी. शादी-ब्याह को लेकर अब बाजार में भी धीरे-धीरे रौनक बढ़ी है. पहले लॉकडाउन के कारण बाजार बंद रहने से लोग मजबूर थे. जिससे स्वर्ण व्यवसाय में भी तेजी आ चुकी है.
कोरोना के बाद सर्राफा बाजार में आयी तेजी
कोरोना संक्रमण काल के कारण लगे लॉकडाउन में जो भी शादियां नहीं हो पाई थी वह शादियां अनलॉक में हुई हैं. उसी कड़ी में स्वर्ण व्यवसायियों का कैसा रहा बाजार, यह जानने के लिए निकले ईटीवी भारत के संवाददाता राजीव रंजन ने जब पटना के सर्राफा बाजार बाकरगंज का जायजा लिया तो साफ तौर पर स्वर्ण व्यवसायियों ने कहा कि बाजार सोना चांदी के लिए सही रहे. लेकिन जैसा बाजार हर साल होता था वैसा नहीं रहा. पूर्व में साल में दो बार लग्न होती थे. इस बार कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में लोग शादी नहीं कर पाए और दूसरी लग्न में ही सारी शादियां हुई इसके कारण थोड़ा सा बाजार गर्म रहा.
गत वर्षों की अपेक्षा कम हुई बिक्री
स्वर्ण व्यवसायी ओमप्रकाश ने साफ तौर पर बताया कि बाजार तो ठीक-ठाक रहा. लेकिन पिछले साल की तरह रौनक नहीं देखने को मिली. अगर बात करें सराफा बाजार की तो लग्न को लेकर हर वर्ष नए डिजाइन मार्केट में सर्राफा व्यापारी मंगाने का कार्य किया करते थे. इस वर्ष कोरोना संक्रमण को देखते हुए बाजारों में नए सोने के गहनों के डिजाइन भी नहीं मंगवाए गए. इस वर्ष लग्न से सर्राफा व्यवसायियों को जैसी उम्मीद थी वैसी रौनक बाजारों में देखने को नहीं मिली.
हर वर्ष लग्न के समय प्रतिदिन लाखों रुपए के ज्वेलरी आइटम बिक जाया करते थे और इस वर्ष लग्न के समय बमुश्किल से रोजाना 25 से 30 लाख रुपए के स्वर्ण आभूषण बिके हैं. स्वर्ण व्यवसायी संघ के अध्यक्ष अशोक कुमार बताते हैं की लग्न में रोजाना 7 से 8 करोड़ का व्यापार पटना के बाकरगंज के सर्राफा मंडी में हुआ करता था. पर इस वर्ष संक्रमण काल के दौरान लग्न में मात्र करोड़ों की बिक्री लाखों में सिमटकर रह गई.