पटना: जेल एक सुधार गृह है, जिसके तर्ज पर कारा विभाग द्वारा लगातार जेलों में कई तरह के जागरुकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं. इन सभी कार्यक्रमों के पीछे जेल प्रशासन का उद्देश्य एकमात्र है कि जेल में बंद खूंखार कैदियों के मन मस्तिष्क में बदलाव लाया जा सके.
कार्यक्रम का आयोजन
कैदियों के आचार-विचार व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया. साथ ही वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर सामाजिक कार्य में रुचि ले सके इसके प्रति उन्हें उत्साहित किया गया.
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कैदियों को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश
मसौढ़ी जेल के सुपरिटेंडेंट ओंकार दत्त तिवारी ने कहा कि जेल में बंद सभी बंदियो के मन मस्तिष्क आचार विचार व्यवहार में बदलाव लाने के लिए विभिन्न तरह के कार्यक्रम किए जा रहे हैं. ताकि जेल से छूटने के बाद बंदी समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर सामाजिक कार्यों में रूची ले सकें. और क्राइम करने से पहले हर इंसान के बारे में सोचे.
जेल के जेलर कृष्ण झा समेत विभिन्न जेल के पदाधिकारी इस कार्यक्रम में मौजूद थे.