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जब CM नीतीश ने युवक से कहा- 'स्पीच देने से कोई फायदा नहीं.. ये सब फालतू चीज यहां मत करिए' - जनता दरबार में पहुंचा छात्र

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में गया का छात्र प्राइवेट कोचिंग में पढ़ाई करने की समस्या को लेकर पहुंचा. इस बात को सुनकर नीतीश कुमार भड़क गए. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

जनता दरबार
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Published : Oct 18, 2021, 12:21 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) हमेशा की तरह आज भी जनता दरबार (Janta Darbar) में फरियादियों की समस्या सुन रहे हैं. जहां स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, वित्त और श्रम संसाधन विभाग समेत कई अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद हैं. इस दौरान गया जिला निवासी एक छात्र अपनी समस्या लेकर पहुंचा. जिसकी समस्या सुनकर नीतीश कुमार भड़क गए.

इसे भी पढ़ें: 'हैलो... आंगनबाड़ी सेविका बहाली में अनियमितता हो रही है, गड़बड़ किया जा रहा है, जांचकर जल्दी एक्शन लीजिए'

गया के छात्र ने मुख्यमंत्री नीतीश से कहा कि सर मैं गौतम कुमार गया जिले से आया हूं. सर मेरी कई सारी समस्याएं हैं. जिसे मैं बारी-बारी रखना चाहता हूं. पहले नंबर पर मेरी समस्या है कि मैं सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी करना चाहता हूं. लेकिन मेरे पास इकनॉमिक स्थिति ठीक नहीं है. इस बात पर नीतीश कुमार ने कहा कि आपकी समस्या क्या है वो बताइए, स्पीच देने से कोई फायदा नहीं है.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: 'सर मैं नीतीश कुमार... मेरा ही नाम रखे हुए हैं... हा.. हा.. हा...'

छात्र गौतम ने कहा कि मैं प्राइवेट कोचिंग का हेल्प नहीं ले पा रहा हूं. जिसपर सीएम ने कहा कि आप प्राइवेट कोचिंग का हेल्प नहीं ले पा रहे है, तो हम उसमें क्या करेंगे. प्राइवेट कोचिंग के लिए फाइनेंशियल मदद का कोई प्रोविजल नहीं है. नीतीश कुमार ने कहा कि यह सब फालतू चीज मत करिए. एक-एक को मदद किया जाता है. प्राइवेट कोचिंग के लिए कोई प्रोविजन रहेगा तब तो मदद किया जाएगा.

इसके बाद छात्र ने अपनी दूसरी समस्या रखते हुए कहा कि मेरा मिट्टी का घर है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर नहीं मिला. जिसपर सीएम ने वहां उपस्थित अधिकारियों से कहा कि ग्रामीण विकास मंत्री से बात कर मामले की जानकारी ली जाए.

बता दें कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic)के कारण मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में सीमित संख्या में लोगों को बुलाने का निर्देश दिया हैं और 200 के आसपास ही लोग जनता दरबार कार्यक्रम में बुलाए जा रहे हैं. जिन्हें जनता दरबार में बुलाया जा रहा है, उनका कोरोना टेस्ट करने के साथ उनका वैक्सीनेशन भी किया जएगा. जनता दरबार में आने वाले लोगों को पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होता है और फिर जिला प्रशासन की टीम उन्हें लेकर जनता दरबार पहुंचती है.

6 सितंबर को मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद के बगल में बनाए गए विशेष हॉल में ये कार्यक्रम हो रहा है. जिसमें संबंधित विभाग के मंत्री और सभी आला अधिकारी मौजूद हैं. मुख्यमंत्री ऑन द स्पॉट लोगों की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं. जनता दरबार में इस बार कोरोना गाइडलाइन का खास ध्यान रखा गया है.

हॉल के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए चेयर लगाए गए हैं. हॉल के बाहर मेडिकल टीम की भी व्यवस्था है. मुख्यमंत्री ने इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू की खराब परफॉर्मेंस के बाद फिर से जनता दरबार लगाने की घोषणा की थी. कोरोना महामारी के कारण जनता दरबार पहले शुरू नहीं हो पाया था.

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) हमेशा की तरह आज भी जनता दरबार (Janta Darbar) में फरियादियों की समस्या सुन रहे हैं. जहां स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, वित्त और श्रम संसाधन विभाग समेत कई अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद हैं. इस दौरान गया जिला निवासी एक छात्र अपनी समस्या लेकर पहुंचा. जिसकी समस्या सुनकर नीतीश कुमार भड़क गए.

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गया के छात्र ने मुख्यमंत्री नीतीश से कहा कि सर मैं गौतम कुमार गया जिले से आया हूं. सर मेरी कई सारी समस्याएं हैं. जिसे मैं बारी-बारी रखना चाहता हूं. पहले नंबर पर मेरी समस्या है कि मैं सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी करना चाहता हूं. लेकिन मेरे पास इकनॉमिक स्थिति ठीक नहीं है. इस बात पर नीतीश कुमार ने कहा कि आपकी समस्या क्या है वो बताइए, स्पीच देने से कोई फायदा नहीं है.

देखें रिपोर्ट.

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छात्र गौतम ने कहा कि मैं प्राइवेट कोचिंग का हेल्प नहीं ले पा रहा हूं. जिसपर सीएम ने कहा कि आप प्राइवेट कोचिंग का हेल्प नहीं ले पा रहे है, तो हम उसमें क्या करेंगे. प्राइवेट कोचिंग के लिए फाइनेंशियल मदद का कोई प्रोविजल नहीं है. नीतीश कुमार ने कहा कि यह सब फालतू चीज मत करिए. एक-एक को मदद किया जाता है. प्राइवेट कोचिंग के लिए कोई प्रोविजन रहेगा तब तो मदद किया जाएगा.

इसके बाद छात्र ने अपनी दूसरी समस्या रखते हुए कहा कि मेरा मिट्टी का घर है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर नहीं मिला. जिसपर सीएम ने वहां उपस्थित अधिकारियों से कहा कि ग्रामीण विकास मंत्री से बात कर मामले की जानकारी ली जाए.

बता दें कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic)के कारण मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में सीमित संख्या में लोगों को बुलाने का निर्देश दिया हैं और 200 के आसपास ही लोग जनता दरबार कार्यक्रम में बुलाए जा रहे हैं. जिन्हें जनता दरबार में बुलाया जा रहा है, उनका कोरोना टेस्ट करने के साथ उनका वैक्सीनेशन भी किया जएगा. जनता दरबार में आने वाले लोगों को पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होता है और फिर जिला प्रशासन की टीम उन्हें लेकर जनता दरबार पहुंचती है.

6 सितंबर को मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद के बगल में बनाए गए विशेष हॉल में ये कार्यक्रम हो रहा है. जिसमें संबंधित विभाग के मंत्री और सभी आला अधिकारी मौजूद हैं. मुख्यमंत्री ऑन द स्पॉट लोगों की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं. जनता दरबार में इस बार कोरोना गाइडलाइन का खास ध्यान रखा गया है.

हॉल के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए चेयर लगाए गए हैं. हॉल के बाहर मेडिकल टीम की भी व्यवस्था है. मुख्यमंत्री ने इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू की खराब परफॉर्मेंस के बाद फिर से जनता दरबार लगाने की घोषणा की थी. कोरोना महामारी के कारण जनता दरबार पहले शुरू नहीं हो पाया था.

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