पटनाः बिहार सरकार (Bihar Government) की महत्वाकांक्षी योजना 'गंगा उद्धव योजना' (Ganga Uddhav Yojna) का कार्य प्रगति पर है. इस योजना पर 3 हजार करोड़ की राशि खर्च की जानी है. इसके जरिए पटना जिले के हाथीदह (Hathidah) से गंगा जल को पाइप के जरिए नालंदा के राजगीर (Rajgir), नवादा (Nawada) और गया (Gaya) ले जाया जाएगा. जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा है कि योजना का कार्य ट्रैक पर है. उम्मीद है कि इस साल तक ट्रायल भी कर लिया जाएगा.
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"पटना के हाथीदह से गंगाजल को 191 किलोमीटर से अधिक लंबाई के पाइप बिछाकर राजगीर, नवादा और गया तक ले जाया जाएगा. यह योजना सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा है. सीएम खुद गंगा उद्धव योजना की लगातार समीक्षा करते रहे हैं. योजना का काम ट्रैक पर चल रहा है. इस साल तक ट्रायल भी कर लिया जाएगा."- संजय झा, जल संसाधन मंत्री
191 किलोमीटर लंबी होगी पाइपलाइन
साल 2020 से ही योजना पर काम शुरू हो गया है. तीन फेज में इस योजना पर होना है. पिछले दिनों उन्होंने जल जीवन हरियाली योजना की समीक्षा बैठक की थी, जिसमें योजना की प्रगति की भी रिपोर्ट ली थी. जल संसाधन विभाग और पीएचईडी विभाग इस योजना के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
गंगा उद्धव योजना की खास बातें...
- गंगा जल को दूसरे जिलों तक ले जाने की महत्वाकांक्षी परियोजना
- पटना के हाथीदह से गंगा जल ले जाएगा राजगीर, नवादा और गया
- 191 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के जरिए जाएगा पानी
- 28 दिसंबर, 2019 में कैबिनेट से मिली थी मंजूरी
- योजना पर 3000 करोड़ रुपये होंगे खर्च
- मोकामा के पास हाथीदह से सरमेरा, बरबीघा होते हुए गिरियक तक पाइप के माध्यम से पानी लाया जाएगा. 51 किलोमीटर की दूरी में एक ही चैनल होगा.
- गिरियक से पानी ले जाने के लिए तीन रास्ते होंगे. एक तरफ राजगीर और दूसरी तरफ नवादा के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही है. फिर गिरियक से ही वाणगंगा होते हुए तपोवन, जेठिया और दशरथ मांझी से गया के मानपुर तक पाइप पहुंचेगी.
- इस योजना को शुरू करने से पहले सीएम के निर्देश पर अधिकारियों की एक टीम आंध्र प्रदेश के कालेश्वरम प्रोजेक्ट का भी अध्ययन किया है. इसके साथ उड़ीसा और उत्तर प्रदेश जाकर भी पेयजल परियोजना का सर्वे किया गया है.
- पहले फेज में पाइप लाइन से पेयजल की व्यवस्था होगी. इसके बाद दूसरे फेज में सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था की जाएगी.
- राजगीर के घोड़ा कटोरा में 354 एकड़ में पानी स्टोर किया जाएगा. 90 मिलियन क्यूसेक पानी पेयजल के लिए स्टोर किया जाएगा.
- राजगीर, नवादा और गया का जलस्तर पिछले 1 दशक में 5 मीटर से नीचे चला गया है. इस योजना के कारण तीनों शहरों का जलस्तर बेहतर हो सकेगा.
- गंगाजल को ट्रीटमेंट कर पेयजल के लिए लोगों को पानी मुहैया कराया जाएगा. इससे गया शहर को 186 मिलियन लीटर पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा. वहीं नालंदा के गिरियक के लिए 24 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति संभव हो सकेगी.
- पहले फेज की योजना पहले जून में पूरा होना था, लेकिन अब सितंबर में पूरा होने की संभावना है.
- योजना के तहत 8 माह तक पानी की आपूर्ति की जाएगी.
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बिहार में गंगा जल को लिफ्ट कर दूसरे जिलों तक ले जाने की यह पहली परियोजना है. इसकी खासियत यह है कि गंगाजल को मानसून के समय 4 महीने ही ले जाए जाएंगे. बरसात के दौरान गंगा के बढ़े जलस्तर का फायदा राजगीर, गया और नवादा के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को मिलेगा.