पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी परियोजनाओं में से एक नमामि गंगे (Namami Gange Yojana) है. नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत 16 घाट और तीन भवन बन चुके हैं.
उन्हीं में से एक है पटना के कलेक्ट्रेट घाट पर बना गंगा रिसर्च सेंटर. ईटीवी भारत की टीम ने इसका रियालिटी चेक किया तो पता चला कि उद्घाटन से पहले ही इसकी हालत जर्जर हो गयी है.
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गंगा पर शोध के लिए बना सेंटर
नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा को शुद्ध और स्वच्छ रखने के साथ ही गंगा नदी पर अध्ययन भी किया जाना है. इसके लिए देशभर में रिसर्च सेंटर का निर्माण करवाया गया, ताकि गंगा पर अधिक शोध हो सके.
243 करोड़ से अधिक आई लागत
इस रिसर्च सेंटर का नाम गंगा रिसर्च सेंटर दिया गया है. राजधानी पटना में भी गंगा नदी में अध्ययन करने के लिए 243 करोड़ से अधिक की लागत से कलेक्ट्रेट घाट पर गंगा रिसर्च सेंटर का निर्माण करवाया गया है.
रिसर्च सेंटर बदहाल
लगभग इस भवन को बने हुए 2 साल हो गए, लेकिन इस भवन का अभी तक उद्घाटन भी नहीं हो पाया है. उद्घाटन से पहले ही भवन की स्थिति जर्जर होती जा रही है.
सिर्फ 2 गार्ड के हवाले भवन
इस भवन की स्थिति जानने के लिए जब ईटीवी भारत की टीम कलेक्ट्रेट घाट पहुंची तो वहां दो सुरक्षा गार्डों के सिवा कोई नहीं मिला. भवन की देखरेख को लेकर प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड को यहां पर रखा गया है. सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि यहां पर किसी भी विभाग का कोई अधिकारी या कर्मी अभी तक नहीं आया है.
पीएम ने किया था शिलान्यास
पीएम मोदी द्वारा 17 फरवरी 2019 में नमामि गंगे परियोजना के तहत इस भवन के साथ 16 घाटों का शिलान्यास किया गया था. भवन बनकर तैयार हो गया है. लेकिन इसका उद्घाटन अभी तक नहीं हो पाया है. उद्घाटन से पहले ही भवन की स्थिति हो रही है. इसमें लगे शीशे अब धीरे-धीरे टूटकर बिखरने लगे हैं.
नमामि गंगे प्रोजेक्ट का हाल
गंगा से जुड़े कार्य को दिखाने और बताने के लिए कलेक्ट्रेट घाट से लेकर राजघाट के बीच नमामि गंगे परियोजना के तहत 16 घाट, 3 बिल्डिंग, एक विद्युत शवदाह गृह का निर्माण करवाया गया है. अभी 3 घाटों का निर्माण बाकी है.
हालांकि कलेक्ट्रेट घाट के रिसर्च सेंटर में शोध के लिए अभी तक कोई भी सामग्री नहीं लगाई गई है. सुरक्षाकर्मी और एसी के सिवा इस भवन में कुछ भी देखने को नहीं मिला.
बोलने से बच रहे अधिकारी
बुडको के अधिकारियों से जब हमने संपर्क किया तो वे बचते नजर आए. हालांकि ऑफ द रिकॉर्ड उन्होंने बताया कि 'भवन बनाकर हम लोग तैयार कर दिया है. इस भवन को नगर निगम को सौंप दिया गया है. कार्य योजना के संबंध में नगर निगम बेहतर जानकारी देगा.'
नगर निगम ने साधी चुप्पी
जब हमने नगर निगम के अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया. उन्होंने बताया कि इस भवन में क्या होगा, अभी तक विभाग को कोई जानकारी सरकार की तरफ से नहीं मिली है.
अब देखने वाली बात होगी कि केंद्र सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करके इस भवन का निर्माण तो करा दिया गया है, लेकिन इसका और यहां कामकाज कब शुरू होता है.