पटना: राजधानी पटना के एनआईटी घाट पर गंगा महाआरती (Ganga Mahaarti In Patna Nit Ghat) का आयोजन किया गया. इस घाट पर हर शनिवार और रविवार को गंगा आरती के समय श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है. उसके बाद सभी लोग गंगा महाआरती का आनंद लेते हैं. इस भव्य आरती से सभ्यता और संस्कृति का साक्षात्कार होता है. इस महाआरती में भाग लेने के लिए जिले के दूर-दराज से बच्चे, युवा से लेकर बुजुर्ग आते हैं. भव्य आरती की शुरूआत पुजारी शंखनाद के साथ करते हैं.
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गंगा आरती के दौरान श्रद्धालुओं में उत्साह: बरसात के बावजूद गंगा आरती को लेकर श्रद्धालुओं में कोई कमी नहीं दिखी. इस आरती के आयोजन की खबर के साथ ही पूरे जिले में खुशी का माहौल था. इस महाआरती में शामिल होने के लिए सारे लोग लालायित थे. कल रात हुई झमाझम बारिश के बीच भी लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ और पूरा एनआईटी घाट लोगों से पट गया. इस आयोजन में शामिल होने के लिए लोग दूर-दराज से भी आये थे. वहीं अगर भारतीय संस्कृति की बात करें तो यहां के लोग गंगा नदी को मां गंगा भी कहते हैं. कुछ श्रद्धालुओं ने मां गंगा से अपनी मनोकामनाओं के सफल होने का आशीर्वाद भी मांगा.
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क्यों करते हैं गंगा आरती: आचार्य रामा शंकर दुबे ने ईटीवी भारत के संवाददाता से बातचीत में बताया कि आखिर इस आरती का क्या महत्व है. उन्होंने बताया कि गंगा आरती एक तरह की उपासना की विधि है. इसमें जलती हुई लौ और इसके समान कुछ खास वस्तुओं से आराध्य के सामने विशेष विधि से घुमाई जाती है. यह अग्नि के लौ को घी, तेल के दीये ,कपूर से दिखाई जा सकती है. इसमें वैकल्पिक रूप में धूप और सुगंधित पदार्थों को भी मिलाया जा सकता है. इस तरह से यह भेंट गंगा मैया को अर्पित किया जाता है.