पटनाः सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एमआर शाह ने वर्चुअल माध्यम से पटना हाई कोर्ट में चार पेपरलेस कोर्ट (Paperless Court in Patna High Court), जस्टिस क्लॉक व ई-जस्टिस क्लॉक का उदघाटन किया. पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल व अन्य जजों की उपस्थिति में जस्टिस शाह ने महिलाओं के विरुद्ध यौन उत्पीड़न रोकने के लिए वेबसाइट, क्रेच (शिशु गृह- 1 से 8 वर्ष के बच्चों के लिए), शी- बॉक्स और बिहार के जिलों में 31 ई सेवा केंद्र का भी उद्घाटन किया.
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हाई कोर्ट में चार पेपरलेस कोर्टः पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट ई कमेटी की दृष्टि के साथ तकनीक का इस्तेमाल करते हुए समाज के सभी लोगों तक न्याय पहुंचाने के लिए समर्पित है. जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह, जस्टिस आशुतोष कुमार, जस्टिस मधुरेश प्रसाद व जस्टिस मोहित कुमार शाह का कोर्ट पेपरलेस कोर्ट काम करना आरंभ कर चुका है.
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जस्टिस क्लॉक पारदर्शिता को बढ़ाएगाः ई सेवा केंद्रों के जरिये केस की स्थिति, फैसले और आदेश की प्रति व अभिप्रमाणित प्रति के लिये ऑनलाइन आवेदन देने के अलावा फ्री लीगल सहयोग लेने के लिए लोगों को गाइड किया जाएगा.जस्टिस क्लॉक न्याय पद्धति में पारदर्शिता को बढ़ाएगा. जस्टिस क्लॉक को ई सेवा केन्द्र के पास लगाया गया है, जिसे पटना हाई कोर्ट के गेट नंबर 3 से देखा जा सकता है. कार्य स्थल पर महिलाओं से जुड़े यौन उत्पीड़न की शिकायत ऑनलाइन करने की भी व्यवस्था की गई है. इसके लिए पटना हाई कोर्ट में 14 शिकायत पेटी लगाई गई है.
क्या है पेपरलेस कोर्ट : पेपरलेस कोर्ट में भौतिक कागज के बिना काम होगा. पेपरलेस कोर्ट बनाने की प्रक्रिया के पहले चरण में कोर्ट रूम को स्मार्ट कोर्ट में बदला जाता है. फिर इन अदालतों में वकीलों को केस की फाइलें उनके सामने लगे कंप्यूटर स्क्रीन पर उपलब्ध कराई जाती हैं. साथ ही दस्तावेजों की प्रतियां विरोधी पक्ष और न्यायाधीश के सामने रखे कंप्यूटर पर देखी जा सकती हैं. इस सिस्टम में वकीलों को अदालत में पेश होने और अपने साथ केस की मोटी-मोटी फाइलें लाए बिना बहस करने की अनुमति होती है.