पटना: पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई जल्द हो सकती है. बिहार सरकार ने उन प्रावधानों को हटा दिया है, जिसके तहत उनकी रिहाई नहीं हो पा रही थी. सरकार ने पिछले दिनों बिहार कारा हस्तक 2012 के नियम 481(i) (क) में संशोधन किया है. इस संशोधन में उस वाक्यांश को हटा दिया गया है, जिसमें सरकारी सेवक की हत्या को शामिल किया गया था. याद दिलाएं कि महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद उनकी रिहाई के संकेत दिए थे.
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आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ: इस संशोधन के बाद सरकारी सेवक की हत्या एक साधरण हत्या मानी जाएगी. इस संशोधन से पूर्व ड्यूटी पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या अपराध की श्रेणी में माना जाता था. इस संशोधन के बाद पूर्व सांसद की स्थायी रिहाई की प्रक्रिया अब आसान हो जाएगी. तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या मामले में आनंद मोहन 14 वर्ष की सजा पूरी कर चुके हैं. इसके बावजूद उनकी रिहाई नहीं पा रही है.
पैरोल पर बाहर हैं आनंद मोहन: आनंद मोहन फिलहाल अपने बड़े बेटे और शिवहर से आरजेडी विधायक चेतन आनंद की सगाई में शामिल होने के लिए 15 दिनों के पैरोल पर जेल से बाहर आए हैं. 16 अप्रैल को चेतन आनंद का उपनयन है, जबकि 24 अप्रैल को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सगाई है.
6 महीने में तीसरी बार पैरोल: आनंद मोहन पिछले 6 महीने में तीसरी बार पैरोल पर जेल से बाहर आए हैं. सबसे पहले 5 नवंबर 2022 को पैरोल पर जेल से बाहर आए थे. 7 नवंबर को बेटी सुरभि आनंद की सगाई के बाद वह 21 नवंबर को जेल चले गए थे. वहीं दूसरी बार 5 फरवरी को जेल से बाहर आए थे. 15 फरवरी को बेटी की शादी में शामिल होने के बाद 21 फरवरी को वापस जेल चले गए थे.