पटना: 'कर्पूरी जनता दल' का ऐलान करते हुए पूर्व एमएलसी रामबदन राय ने कहा कि बिहार में जननायक कर्पूरी ठाकुर के अति पिछड़ा समाज को नीतीश सरकार ने हाशिए पर ला दिया है. उन्होंने कहा कि जितनी उपेक्षा अति पिछड़ा समाज की नीतीश कुमार ने की है, उतनी आज तक किसी ने नहीं की है. उनके कार्यकाल में सबसे अधिक हकमारी हुई है.
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नीतीश कुमार ने अति पिछड़ा समाज की हकमारी की: प्रोफेसर रामबदन राय ने कहा कि अति पिछड़ा समाज में कई जातियों को जोड़कर नीतीश कुमार ने अति पिछड़ा समाज की हकमारी की है. अति पिछड़ों को राजनीतिक रूप से कमजोर करने के लिए उनकी भागीदारी को खत्म करने की कोशिश की है. आज अति पिछड़ा समाज जिसके पास भूमि नहीं है और मजदूरी करता है, वह अपने बच्चों को बीएससी और एमएससी करा रहा है, तब भी उसके बच्चे को नौकरी नहीं मिल रही.
समावेशी विकास का सरकार का नारा खोखला: पूर्व एमएलसी ने कहा कि हमारे बच्चे मजदूरी के लिए पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में पलायन कर रहे हैं. पंचायती राज हो चाहे नगर निकाय हो या बीपीएससी और दारोगा बहाली, सभी सरकारी नौकरियों में अति पिछड़ा समाज की भागीदारी कम होती जा रही है. सरकार के समावेशी विकास का नारा खोखला साबित हो रहा है.
"कर्पूरी जनता दल बनाने का उद्देश्य यही है कि अति पिछड़ा समाज की आवाज को बुलंद कर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाए. साथ ही अति पिछड़ा समाज की राजनीति के क्षेत्र में भागीदारी मजबूत की जाए. उनकी राजनीतिक रणनीति 2024 लोकसभा चुनाव के बाद मजबूती से शुरू होगी और 2025 विधानसभा चुनाव के लिए उनकी तैयारी होगी"- रामबदन राय, संस्थापक सह अध्यक्ष, कर्पूरी जनता दल
अति पिछड़ा समाज से बनेगा सीएम: रामबदन राय ने कहा कि यदि 2025 में बिहार में सरकार में आते हैं तो अति पिछड़ा समाज से मुख्यमंत्री देंगे, जिसकी आबादी लगभग 35% है. वहीं पिछड़ा समाज जिसकी आबादी 15% है, उससे एक उपमुख्यमंत्री होगा. मुस्लिम समाज के 15% में से एक उपमुख्यमंत्री होगा. अति पिछड़ा और मुस्लिम को एकजुट करते हुए वह राजनीति करेंगे.