बोकारो/पटना: झारखंड के बोकारो जिले में चंदनकियारी विधानसभा क्षेत्र से 2 बार विधायक और एकीकृत बिहार में मंत्री रहे दुर्गा चरण दास का शुक्रवार देर शाम निधन हो गया. वे एकीकृत बिहार में चंदनकियारी से पहले राज्य मंत्री थे, उनके निधन पर जिले के कई दलों के नेताओं, शहर के समाजसेवियों ने घर पहुंचकर शोक जताया और परिजनों को ढांढस बंधाया.
चंदनकियारी विधायक सह पूर्व मंत्री सह भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने उनके आवास पर जा कर परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने परिजनों के प्रति संवेदना जताई. कांग्रेस के भी कई नेताओं ने भी पहुंचकार श्रद्धांजलि दी.
'राज्य ने एक अच्छा नेता खो दिया'
भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने पूर्व विधायक के निधन पर कहा कि उनके निधन से एक अच्छा नेता राज्य ने खो दिया है. उन्होंने चंदनकियारी से विधायक बनने के बाद राज्य मंत्री रहते हुए चंदनकियारी के विकास के लिए कई उत्कृष्ट कार्य किए थे. उनके निधन से राज्य को अपूरणीय क्षति हुई है. बोकारो जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मंजूर अंसारी ने पूर्व मंत्री के शव पर पताका चढ़ाया. उन्होंने कहा कि इनके निधन से चंदनकियारी चास और बोकारो जिले ही नहीं पूरे झारखंड में कांग्रेस पार्टी को अपूरणीय क्षति हुई है. प्रखंड अध्यक्ष देवाशीष मंडल ने कहा कि आज हमने एक अभिवावक खो दिया है.
अरसे से अस्वस्थ थे दुर्गा चरण दास
पूर्व विधायक दुर्गा चरण दास लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे. इसी बीच शुक्रवार की रात लगभग सवा 10 बजे उनका निधन हो गया. वे 1969 में पहली बार बीकेडी पार्टी से विधायक बने, फिर वे 1972 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बने थे. चंदनकियारी प्रखंड व बोकारो जिले के कांग्रेस के नेता उनके घर ग्राम्हारिया गांव पहुचे और उनको कांग्रेस पार्टी के झंडे में श्रद्धा सुमन अर्पित किया.
कई राजनीतिक दलों के नेता घर पहुंचे
बिहार राज्य के पूर्व विधायक सह पूर्व स्वास्थ्य मंत्री दुर्गा चरण दास के निधन पर चंदनकियारी के स्थानीय विधायक अमर कुमार बाउरी, पूर्व मंत्री सह पूर्व विधायक उमाकान्त रजक, झामुमो के विजय रजवार, सीओ मनोज कुमार, बरमसीया ओपी प्रभारी ललन रविदास, विधायक प्रतिनिधि विनोद गोराई, मंजूर अंसारी चंदनकियारी, देवाशीष मंडल, विरंचि माहथा, मनोज राय,जमीर अंसारी, तुफान साहानी,पेलाराम माहतो, बलदेव परमानिक, मधुसुदन माहतो, काशीम काजी, जलेस्वर दास, बनमाली बाउरी, कांदन हांसदा, पार्वती रजवार, तिनकोड़ी भगत आदि घर पहुंचे. यहां दास की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा. बाद में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.