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पूर्व मंत्री कार्तिकेय कुमार सिंह मामले पर सुनवाई, 4 बजे के बाद फैसला - etv bharat news

पूर्व मंत्री रहे कार्तिकेय कुमार को आज अपहरण के एक मामले में दानापुर कोर्ट के ADJ 3 के सामने पेश होना था. वह तो नहीं आए उनके वकील ने बहस की. पढ़ें आगे

कार्तिकेय कुमार
कार्तिकेय कुमार
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Published : Sep 1, 2022, 8:33 AM IST

Updated : Sep 1, 2022, 2:00 PM IST

पटनाः लगातार विवादों में चल रहे बिहार सरकार में पूर्व मंत्री रहे कार्तिकेय कुमार (Former Minister kartikeya kumar) गुरुवार को अपहरण के एक मामले में दानापुर कोर्ट के ADJ 3 के सामने पेश नहीं हुए. बिहार सरकार के पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह दानापुर कोर्ट नहीं पहुंचे. उनकी अनुपस्थिति में उनके वकील के द्वारा कोर्ट के सामने पक्ष रखा गया. व्यवहार न्यायालय दानापुर पटना के ADJ 3 श्री सत्यनारायण शेवहारे के समक्ष मामले की सुनवाई हुई. जज के द्वारा दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद शाम तक के लिए अपने आदेश को सुरक्षित रखा गया. शाम 4:00 बजे के बाद फैसला सुनाया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः गन्ना उद्योग मंत्री कार्तिकेय कुमार का इस्तीफा, आलोक मेहता को मिला अतिरिक्त प्रभार

जज ने कहा आज फैसला सुनाया जाएगा : दरअसल, दोनों पक्षों के वकील के बहस सुनने के बाद स्पेशल पीपी ने कोर्ट से समय की मांग की. जिसके बाद जज के द्वारा शाम 4:00 बजे तक बहस पूरा करने का समय दिया है. जज ने साफ तौर पर कहा कि आज इस मामले पर फैसला सुनाया जाएगा.

"पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने समय मांगा है, इसलिए ऑनरेबल जज ने उन्हें शाम तक का समय दिया है, आज ही फैसला 4 बजे सुनया जाएगा. गवाहों के बयान और दलीलों से ये साबित हुआ है कि कार्तिकेय सिंह हत्या के दिन बिहटा से लेकर पटना तक कहीं नहीं है. एक कन्फ्यूजन था एंटीसिपेटरी बेल को लकेर जो क्रिएट हो गया था. वो भी दूर हो गया है"- जनार्दन शर्मा, सीनियर वकील

एक सितंबर तक दंडात्मक कार्रवाई पर थी रोकः इससे पहले 16 अगस्त को ही कार्तिकेय कुमार को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो बिहार में नई सरकार के गठन के बाद उसी दिन मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. इसी बीच दानापुर कोर्ट के आदेश की कॉपी सामने आई, जिसमें मोकामा के थाना प्रभारी को आदेश दिया गया है कि कार्तिकेय सिंह के खिलाफ एक सितंबर तक किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न की जाए. अदालत का ये आदेश 12 अगस्त का है. इन आरोपों पर कानून मंत्री का पक्ष उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उनके वकील भी रख चुके हैं. विवादों में घिरने के बाद कार्तिकेय कुमार को कानून मंत्री पद से हटाकर गन्ना विभाग दिया गया, लेकिन बिहार सरकार के मंत्री कार्तिकेय कुमार ने बुधवार देर शाम मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया.

बयान देते वकील सतेंद्र शर्मा

कार्तिकेय सिंह पर लगे थे आरोप : गौरतलब है कि नीतीश मंत्रिमंडल में जगह मिलते ही कार्तिकेय कुमार विवादों में घिर गए थे. उनके ऊपर आरोप लगा था कि उनके खिलाफ कोर्ट से अपहरण के मामले में वारंट जारी किया जा चुका है. बता दें, 2014 में राजीव रंजन को अगवा कर लिया गया था, इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्तिकेय सिंह के खिलाफ वारंट जारी किया. इस मामले में कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. इसको लेकर विपक्ष लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोल रहा था कि जिनके खिलाफ खुद गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जा चूका हो, उसे विधि विभाग का मंत्री कैसे बनाया जा सकता है.

अनंत सिंह के हैं चुनावी रणनीतिकार : आपको बता दें कि कार्तिकेय कुमार को बाहुबली अनंत सिंह (Bahubali Anant Singh)के समर्थक 'कार्तिक मास्टर' के नाम से जानते हैं. वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिकेय मास्टर और अनंत सिंह में दोस्ती काफी आगे बढ़ी थी. अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिकेय ने खुद को साबित किया. जानकारी है कि अनंत सिंह के लिए सभी राजनीतिक दांव-पेंच पर्दे के पीछे से कार्तिकेय की मदद से ही अनंत सिंह संभालते हैं. इसलिए अनंत सिंह की पहली पसंद वे हैं. सबसे बड़े विश्वासी हैं. अनंत सिंह कार्तिकेय कुमार को खुद 'मास्टर साहब' कहकर पुकारते हैं. राजनीति में सक्रिय होने से पहले कार्तिकेय स्कूल में शिक्षक थे. वे मोकामा के रहने वाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है. कार्तिकेय मास्टर की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार मुखिया बनीं.

ये भी पढ़ेंः इस्तीफे के बाद बोले कार्तिकेय कुमार- 'भूमिहार होने का खामियाजा भुगतना पड़ा'

पटनाः लगातार विवादों में चल रहे बिहार सरकार में पूर्व मंत्री रहे कार्तिकेय कुमार (Former Minister kartikeya kumar) गुरुवार को अपहरण के एक मामले में दानापुर कोर्ट के ADJ 3 के सामने पेश नहीं हुए. बिहार सरकार के पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह दानापुर कोर्ट नहीं पहुंचे. उनकी अनुपस्थिति में उनके वकील के द्वारा कोर्ट के सामने पक्ष रखा गया. व्यवहार न्यायालय दानापुर पटना के ADJ 3 श्री सत्यनारायण शेवहारे के समक्ष मामले की सुनवाई हुई. जज के द्वारा दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद शाम तक के लिए अपने आदेश को सुरक्षित रखा गया. शाम 4:00 बजे के बाद फैसला सुनाया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः गन्ना उद्योग मंत्री कार्तिकेय कुमार का इस्तीफा, आलोक मेहता को मिला अतिरिक्त प्रभार

जज ने कहा आज फैसला सुनाया जाएगा : दरअसल, दोनों पक्षों के वकील के बहस सुनने के बाद स्पेशल पीपी ने कोर्ट से समय की मांग की. जिसके बाद जज के द्वारा शाम 4:00 बजे तक बहस पूरा करने का समय दिया है. जज ने साफ तौर पर कहा कि आज इस मामले पर फैसला सुनाया जाएगा.

"पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने समय मांगा है, इसलिए ऑनरेबल जज ने उन्हें शाम तक का समय दिया है, आज ही फैसला 4 बजे सुनया जाएगा. गवाहों के बयान और दलीलों से ये साबित हुआ है कि कार्तिकेय सिंह हत्या के दिन बिहटा से लेकर पटना तक कहीं नहीं है. एक कन्फ्यूजन था एंटीसिपेटरी बेल को लकेर जो क्रिएट हो गया था. वो भी दूर हो गया है"- जनार्दन शर्मा, सीनियर वकील

एक सितंबर तक दंडात्मक कार्रवाई पर थी रोकः इससे पहले 16 अगस्त को ही कार्तिकेय कुमार को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो बिहार में नई सरकार के गठन के बाद उसी दिन मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. इसी बीच दानापुर कोर्ट के आदेश की कॉपी सामने आई, जिसमें मोकामा के थाना प्रभारी को आदेश दिया गया है कि कार्तिकेय सिंह के खिलाफ एक सितंबर तक किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न की जाए. अदालत का ये आदेश 12 अगस्त का है. इन आरोपों पर कानून मंत्री का पक्ष उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उनके वकील भी रख चुके हैं. विवादों में घिरने के बाद कार्तिकेय कुमार को कानून मंत्री पद से हटाकर गन्ना विभाग दिया गया, लेकिन बिहार सरकार के मंत्री कार्तिकेय कुमार ने बुधवार देर शाम मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया.

बयान देते वकील सतेंद्र शर्मा

कार्तिकेय सिंह पर लगे थे आरोप : गौरतलब है कि नीतीश मंत्रिमंडल में जगह मिलते ही कार्तिकेय कुमार विवादों में घिर गए थे. उनके ऊपर आरोप लगा था कि उनके खिलाफ कोर्ट से अपहरण के मामले में वारंट जारी किया जा चुका है. बता दें, 2014 में राजीव रंजन को अगवा कर लिया गया था, इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्तिकेय सिंह के खिलाफ वारंट जारी किया. इस मामले में कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. इसको लेकर विपक्ष लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोल रहा था कि जिनके खिलाफ खुद गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जा चूका हो, उसे विधि विभाग का मंत्री कैसे बनाया जा सकता है.

अनंत सिंह के हैं चुनावी रणनीतिकार : आपको बता दें कि कार्तिकेय कुमार को बाहुबली अनंत सिंह (Bahubali Anant Singh)के समर्थक 'कार्तिक मास्टर' के नाम से जानते हैं. वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिकेय मास्टर और अनंत सिंह में दोस्ती काफी आगे बढ़ी थी. अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिकेय ने खुद को साबित किया. जानकारी है कि अनंत सिंह के लिए सभी राजनीतिक दांव-पेंच पर्दे के पीछे से कार्तिकेय की मदद से ही अनंत सिंह संभालते हैं. इसलिए अनंत सिंह की पहली पसंद वे हैं. सबसे बड़े विश्वासी हैं. अनंत सिंह कार्तिकेय कुमार को खुद 'मास्टर साहब' कहकर पुकारते हैं. राजनीति में सक्रिय होने से पहले कार्तिकेय स्कूल में शिक्षक थे. वे मोकामा के रहने वाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है. कार्तिकेय मास्टर की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार मुखिया बनीं.

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Last Updated : Sep 1, 2022, 2:00 PM IST
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