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जीतन राम मांझी ने की आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग- 'आबादी के हिसाब से मिले हिस्सेदारी'

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने झारखंड की तर्ज पर बिहार में आरक्षण बढ़ाने की मांग सीएम नीतीश से की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि बिहार में जिस जाति की जितनी संख्या हो उसके हिसाब से उसे आरक्षण का लाभ मिले. पढ़ें-

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Published : Nov 13, 2022, 4:25 PM IST

Updated : Nov 13, 2022, 4:34 PM IST

पटना: बिहार में जातीय जनगणना (Cast Census In Bihar) और आरक्षण को लेकर घमासान जारी है. लगातार नेताओं के बयान आ रहे हैं. इसी बीच झारखंड में 77 प्रतिशत आरक्षण पर विधानसभा ने मुहर लगा दी है. जिसके चलते बिहार में भी मांग उठने लगी है. जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा है कि बिहार में इस पैटर्न को फॉलो (Reservation in Bihar like Jharkhand ) करना चाहिए. झारखंड से बिहार सरकार को सीखना चाहिए.

ये भी पढ़ें- उपेंद्र कुशवाहा ने की आरक्षण का कोटा बढ़ाने पर झारखंड की तारीफ, कहा..'केंद्र पर बनाएंगे हमलोग दबाव'

''जब आरक्षण का दायरा पड़ोसी राज्य में बढ़ गया है तो हम क्यों पीछे रहें. मुख्यंत्री नीतीश कुमार जी से आग्रह है कि 'जिसकी जितनी संख्या भारी, मिले उसको उतनी हिस्सेदारी' की तरह बिहार में आबादी के अनुसार आरक्षण लागू हो ताकि एक नजीर पेश करें, यही न्यायसंगत होगा''- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार

'बिहार में झारखंड की तर्ज पर लागू हो आरक्षण': जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार में आबादी के अनुसार आरक्षण को लागू करना चाहिए. ताकि एक नजीर पेश की जा सके. जब आरक्षण का दायरा हमारा पड़ोसी राज्य बढ़ा रहा है तो हम पीछे क्यों रहें. गौरतलब है कि झारखंड में आरक्षण का कोटा 17 फीसदी बढ़ाकर 77 प्रतिशत तक कर दिया गया है. इससे पहले झारखंड में 60 फीसदी आरक्षण का कोटा था. इस बढ़े आरक्षण के चलते नौकरियों में रिक्त पदों पर SC/ST, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को ज्यादा आरक्षण का फायदा पहुंचेगा.

नीतीश भी कर चुके हैं आरक्षण बढ़ाने की मांग: बता दें कि इससे पहले नीतीश सरकार ने भी आरक्षण के दायरे को 50 फीसदी से बढ़ाने की वकालत की थी. उन्होंने कहा था कि SC-ST वर्ग के लोगों को उनकी आबादी के अनुसार आरक्षण मिल जाता है. लेकिन पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के लोगों को उनकी आबादी के अनुसार आरक्षण नहीं मिलता है. हम लोग तो बिहार में जातीय जनगणना करा रहे हैं और उसमें उनकी आर्थिक स्थिति का भी अध्ययन होगा और उसके हिसाब से सब को मदद की जाएगी.

50 प्रतिशत का बैरियर टूटाः उपेंद्र कुशवाहा ने भी कहा है कि हमारी पार्टी पहले तो केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करेगी. क्योंकि यह केंद्र सरकार का मामला है और जब भी मामला ऐसा होता है तो वहां से कहा जाता है कि 50% का बैरियर लगा है. लेकिन अब तो केंद्र सरकार ने ही बैरियर तोड़ दिया है और सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला दे दिया है.

पटना: बिहार में जातीय जनगणना (Cast Census In Bihar) और आरक्षण को लेकर घमासान जारी है. लगातार नेताओं के बयान आ रहे हैं. इसी बीच झारखंड में 77 प्रतिशत आरक्षण पर विधानसभा ने मुहर लगा दी है. जिसके चलते बिहार में भी मांग उठने लगी है. जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा है कि बिहार में इस पैटर्न को फॉलो (Reservation in Bihar like Jharkhand ) करना चाहिए. झारखंड से बिहार सरकार को सीखना चाहिए.

ये भी पढ़ें- उपेंद्र कुशवाहा ने की आरक्षण का कोटा बढ़ाने पर झारखंड की तारीफ, कहा..'केंद्र पर बनाएंगे हमलोग दबाव'

''जब आरक्षण का दायरा पड़ोसी राज्य में बढ़ गया है तो हम क्यों पीछे रहें. मुख्यंत्री नीतीश कुमार जी से आग्रह है कि 'जिसकी जितनी संख्या भारी, मिले उसको उतनी हिस्सेदारी' की तरह बिहार में आबादी के अनुसार आरक्षण लागू हो ताकि एक नजीर पेश करें, यही न्यायसंगत होगा''- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार

'बिहार में झारखंड की तर्ज पर लागू हो आरक्षण': जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार में आबादी के अनुसार आरक्षण को लागू करना चाहिए. ताकि एक नजीर पेश की जा सके. जब आरक्षण का दायरा हमारा पड़ोसी राज्य बढ़ा रहा है तो हम पीछे क्यों रहें. गौरतलब है कि झारखंड में आरक्षण का कोटा 17 फीसदी बढ़ाकर 77 प्रतिशत तक कर दिया गया है. इससे पहले झारखंड में 60 फीसदी आरक्षण का कोटा था. इस बढ़े आरक्षण के चलते नौकरियों में रिक्त पदों पर SC/ST, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को ज्यादा आरक्षण का फायदा पहुंचेगा.

नीतीश भी कर चुके हैं आरक्षण बढ़ाने की मांग: बता दें कि इससे पहले नीतीश सरकार ने भी आरक्षण के दायरे को 50 फीसदी से बढ़ाने की वकालत की थी. उन्होंने कहा था कि SC-ST वर्ग के लोगों को उनकी आबादी के अनुसार आरक्षण मिल जाता है. लेकिन पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के लोगों को उनकी आबादी के अनुसार आरक्षण नहीं मिलता है. हम लोग तो बिहार में जातीय जनगणना करा रहे हैं और उसमें उनकी आर्थिक स्थिति का भी अध्ययन होगा और उसके हिसाब से सब को मदद की जाएगी.

50 प्रतिशत का बैरियर टूटाः उपेंद्र कुशवाहा ने भी कहा है कि हमारी पार्टी पहले तो केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करेगी. क्योंकि यह केंद्र सरकार का मामला है और जब भी मामला ऐसा होता है तो वहां से कहा जाता है कि 50% का बैरियर लगा है. लेकिन अब तो केंद्र सरकार ने ही बैरियर तोड़ दिया है और सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला दे दिया है.

Last Updated : Nov 13, 2022, 4:34 PM IST
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