पटना/दिल्ली: बिहार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह (Former Agriculture Minister Sudhakar Singh ) ने एक कार्यक्रम में कहा कि उन्होंने किसानों के हित में मंत्री पद की कुर्बानी दी है. उन्होंने आगे कहा कि आगे भी जरूरत पड़ी तो वो कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं. क्योंकि देश पर वही राज करेगा जो किसानों की बात करेगा. सुधाकर सिंह ने दिल्ली के किसान आंदोलन का उदाहरण देकर समझाया कि जिस तरह दिल्ली में 13 महीने तक किसानों का वृहद आंदोलन चला, जिसमें कोई भी पार्लियामेंट्रियन नहीं था, उसके बावजूद भी वो सफल रहा. उनके आगे भारत सरकार झुक गई और बिल को वापस लेना पड़ा.
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''मैने किसानों के लिए मंत्री पद तक की कुर्बानी दी. दिल्ली में जो किसान आंदोलन चला उसमें कोई भी पार्लियामेंट्रियन नहीं था. बिना किसी पार्लियामेंट्रियन के ये आंदोलन 13 महीने चला. भारत सरकार देश के भले के लिए उनके आगे झुक गई. इसलिए मैं कहता हूं कि जो किसान के हित की बात करेगा वहीं देश पर राज करेगा''- सुधाकर सिंह, पूर्व कृषि मंत्री, बिहार
बता दें कि 2 अक्टूबर 2022 को ही सुधाकर सिंह ने अपने मंत्री से इस्तीफा दिया था. सुधाकर सिंह सरकार बनने के बाद से ही अपने बयानों को लेकर लगातार चर्चा में थे. सार्वजनिक रूप से और खुले मंच से उन्होंने अपनी सरकार और अपने विभाग की कई बार मुखालफत की. हाल में ही कैमूर की एक सभा में मंत्री ने कहा कि, 'उनके विभाग के पदाधिकारी चोर हैं और मंत्री चोरों के सरदार.'
कृषि रोडमैप पर उठाए थे सवाल: सुधाकर सिंह ने नीतीश सरकार के कृषि रोडमैप पर भी सवाल उठाया था. उन्होंने कहा कि कृषि रोड मैप में काफी गड़बड़ियां है. इसकी वजह से विभाग के अधिकारी किसानों की हकमारी कर रहे हैं. जनता को उन्होंने अपना मोबाइल नंबर भी दिया और यह कहा कि आप लोग धरना प्रदर्शन करते रहें ताकि यह लगे कि कृषि विभाग में गड़बड़ी बरकरार है. अन्यथा यह लगेगा कि सब कुछ ठीक हो गया है. उन्होंने अपने विभाग में भारी घुसखोरी का आरोप लगाया था. इन तमाम कवायदों की वजह से उन्हें नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा.