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जनता दरबार के बाहर पहुंची कटिहार की बाढ़ पीड़ित महिलाएं, 2003 से बेघर हैं सभी

बिहार के पटना में सीएम के जनता दरबार में बाढ़ पीड़ित गुहार लगाने पहुंचे. इन लोगों का कहना था कि 2003 में बाढ़ के कारण गंगा में सब कुछ समा गया था. लेकिन आजतक सरकारी मदद नहीं मिली. पढ़ें पूरी खबर...

cm janta darbar bihar
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Published : Oct 4, 2021, 4:06 PM IST

पटना: जनता के दरबार में मुख्यमंत्री (Chief Minister Nitish Kumar) ने कई विभागों की शिकायतें सुनीं. वहीं जनता दरबार ( Janata Darbar In Patna) के बाहर भी कई समस्याओं को लेकर लोग पहुंचे थे जिसमें महिलाएं भी बड़ी संख्या में थी. कटिहार से पहुंची महिलाओं ने मुख्यमंत्री से जमीन और घर को लेकर गुहार लगाई.

यह भी पढ़ें- 'सर..हमारी नहीं.. आपकी जमीन पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा, पुलिस से है साठ-गांठ'

महिलाओं का कहना था कि 2003 में ही गंगा के कटाव के कारण सब कुछ नदी में समा गया. लेकिन अब तक कुछ भी मदद सरकार की तरफ से नहीं मिली है. महिलाओं ने डेढ़ महीना पहले ही जनता दरबार के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन जनता दरबार से बुलावा नहीं आने पर खुद मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंचने का फैसला लिया.

देखें वीडियो

जनता दरबार के बाहर कटिहार से बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची है जो पिछले अट्ठारह 19 साल से कटाव से पीड़ित हैं. गंगा नदी के कटाव में जमीन से लेकर मकान सब कुछ बह गया और उसके बाद खानाबदोश जिंदगी जी रहे हैं. महिलाओं को नहीं पता है कि रजिस्ट्रेशन के बाद जिला प्रशासन की तरफ से ही जनता दरबार में आने के लिए बुलावा आता है.

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"जिले के अधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन अब तक कोई मदद नहीं की गई. इसलिए हम लोग मुख्यमंत्री के जनता दरबार में गुहार लगाने पहुंचे हैं. आने जाने में को दौरान भाड़ा में बड़ी राशि खर्च हुई है.- " पूजा कुमारी, कटाव पीड़ित

ऐसे इन्हें मुख्यमंत्री से उम्मीद है कि मुख्यमंत्री जरूर मदद करेंगेय. कटिहार से पहुंची महिलाओं का कहना था कि 2003 में गंगा के कटाव में सब कुछ चला गया और उसके बाद रेलवे की जमीन पर गुजारा कर रहे हैं लेकिन वहां से भी हटने के लिए बार-बार नोटिस दिया जा रहा है.

कोरोना के कारण इस बार जनता दरबार में शामिल होने की प्रक्रिया बदल गई है. इसके कारण दूरदराज से आने वाले लोगों को परेशानी हो रही है क्योंकि अभी भी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को जानकारी नहीं है कि केवल रजिस्ट्रेशन कराने से ही जनता दरबार में एंट्री नहीं मिलेगी बल्कि जिला प्रशासन के तरफ से ही ले जाने की व्यवस्था होगी. लोग बड़ी उम्मीद तक के साथ जनता दरबार पहुंचे थे लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी.

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कोरोना प्रोटोकाल को देखते हुए यह सीमा निर्धारित की गई है.बता दें कि अक्‍टूबर महीने के पहले सोमवार के लिए तय कार्यक्रम के अनुसार आज मुख्यमंत्री पुलिस व जमीन से जुड़े मामले सुने रहे हैं. जनता दरबार में गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन, निगरानी, खान एवं भूतत्व और सामान्य प्रशासन विभाग से जुड़ी शिकायतें सुनी जाती हैं. इसके लिए पहले से ही आनलाइन रजिस्‍ट्रेशन कराना जरूरी है.

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दरअसल, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते है और उनकी समस्याएं सुनते है. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती है. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के तमाम पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.

प्रथम सोमवार : गृह राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध उत्पाद निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामले लिए जाएंगे.

द्वितीय सोमवार : स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभाग.

तृतीय सोमवार : ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभाग.

जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

पटना: जनता के दरबार में मुख्यमंत्री (Chief Minister Nitish Kumar) ने कई विभागों की शिकायतें सुनीं. वहीं जनता दरबार ( Janata Darbar In Patna) के बाहर भी कई समस्याओं को लेकर लोग पहुंचे थे जिसमें महिलाएं भी बड़ी संख्या में थी. कटिहार से पहुंची महिलाओं ने मुख्यमंत्री से जमीन और घर को लेकर गुहार लगाई.

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महिलाओं का कहना था कि 2003 में ही गंगा के कटाव के कारण सब कुछ नदी में समा गया. लेकिन अब तक कुछ भी मदद सरकार की तरफ से नहीं मिली है. महिलाओं ने डेढ़ महीना पहले ही जनता दरबार के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन जनता दरबार से बुलावा नहीं आने पर खुद मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंचने का फैसला लिया.

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जनता दरबार के बाहर कटिहार से बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची है जो पिछले अट्ठारह 19 साल से कटाव से पीड़ित हैं. गंगा नदी के कटाव में जमीन से लेकर मकान सब कुछ बह गया और उसके बाद खानाबदोश जिंदगी जी रहे हैं. महिलाओं को नहीं पता है कि रजिस्ट्रेशन के बाद जिला प्रशासन की तरफ से ही जनता दरबार में आने के लिए बुलावा आता है.

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"जिले के अधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन अब तक कोई मदद नहीं की गई. इसलिए हम लोग मुख्यमंत्री के जनता दरबार में गुहार लगाने पहुंचे हैं. आने जाने में को दौरान भाड़ा में बड़ी राशि खर्च हुई है.- " पूजा कुमारी, कटाव पीड़ित

ऐसे इन्हें मुख्यमंत्री से उम्मीद है कि मुख्यमंत्री जरूर मदद करेंगेय. कटिहार से पहुंची महिलाओं का कहना था कि 2003 में गंगा के कटाव में सब कुछ चला गया और उसके बाद रेलवे की जमीन पर गुजारा कर रहे हैं लेकिन वहां से भी हटने के लिए बार-बार नोटिस दिया जा रहा है.

कोरोना के कारण इस बार जनता दरबार में शामिल होने की प्रक्रिया बदल गई है. इसके कारण दूरदराज से आने वाले लोगों को परेशानी हो रही है क्योंकि अभी भी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को जानकारी नहीं है कि केवल रजिस्ट्रेशन कराने से ही जनता दरबार में एंट्री नहीं मिलेगी बल्कि जिला प्रशासन के तरफ से ही ले जाने की व्यवस्था होगी. लोग बड़ी उम्मीद तक के साथ जनता दरबार पहुंचे थे लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी.

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कोरोना प्रोटोकाल को देखते हुए यह सीमा निर्धारित की गई है.बता दें कि अक्‍टूबर महीने के पहले सोमवार के लिए तय कार्यक्रम के अनुसार आज मुख्यमंत्री पुलिस व जमीन से जुड़े मामले सुने रहे हैं. जनता दरबार में गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन, निगरानी, खान एवं भूतत्व और सामान्य प्रशासन विभाग से जुड़ी शिकायतें सुनी जाती हैं. इसके लिए पहले से ही आनलाइन रजिस्‍ट्रेशन कराना जरूरी है.

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दरअसल, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते है और उनकी समस्याएं सुनते है. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती है. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के तमाम पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.

प्रथम सोमवार : गृह राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध उत्पाद निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामले लिए जाएंगे.

द्वितीय सोमवार : स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभाग.

तृतीय सोमवार : ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभाग.

जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

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