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बिहार के 'शराबबंदी मॉडल' को अपनाना चाह रही है राजस्थान सरकार! कानून का अध्ययन करने आ रही है 5 सदस्यीय टीम - मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

राजस्थान में शराब से हुई मौत के बाद सरकार बिहार के शराबबंदी मॉड्यूल को अपनाना चाह रही है. इसी को लेकर राजस्थान सरकार बिहार में शराबबंदी की समीक्षा के लिए पांच सदस्यीय टीम भेज रही है, जो सोमवार शाम पटना पहुंचेगी. यहां वो कई जिलों का दौरा करेगी. उसके बाद अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
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Published : Mar 7, 2022, 4:14 PM IST

पटना: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) लागू है. बिहार के शराबबंदी मॉड्यूल को राजस्थान सरकार भी अपनाना चाह रही है. जिस वजह से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) के निर्देश के बाद राष्ट्रीय शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजा भारती छाबड़ा की अध्यक्षता में शराबबंदी की अध्ययन के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दल बिहार भ्रमण पर आ रहा है.

ये भी पढ़ें-'गुजरात मॉडल' की मांग पर बोले JDU नेता- 'मांझी को कुछ भी बोलने की आदत.. बिहार में लागू रहेगी शराबबंदी'

बिहार के शराबबंदी मॉडल को अपनाना चाह रही राजस्थान सरकार: पूजा भारती छाबड़ा की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय टीम आज शाम राजधानी पटना पहुंचेगी. जिसके बाद बिहार सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों से शराबबंदी कानून को लेकर विचार-विमर्श करेगी और कई जिलों का भ्रमण भी करेगी. जानकारी के अनुसार राजस्थान से आ रही 5 सदस्यों की टीम राज्य के विभिन्न प्रशासनिक विभागों से शराबबंदी के प्रभाव के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करेगी.

राजस्थान से पांच सदस्यीय टीम अध्ययन के लिए आ रही बिहार: पांच सदस्यीय टीम द्वारा गृह और सड़क सुरक्षा यातायात विभाग, वित्त और करारोपण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, विधि विभाग, चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और सांख्यिकी विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेगी. इसके बाद पटना, पूर्वी चंपारण, राजगीर, नालंदा, बोधगया, वैशाली और बगहा स्थल का दौरा करेगी.

व्यवहारिक पहलुओं पर अध्ययन करेगी टीम: राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार आबकारी और मद्य निषेध नीति के प्रावधानों के तहत शराबबंदी की मांग से जुड़े व्यावहारिक पहलुओं पर अध्ययन के लिए आबकारी विभाग, राजस्थान सरकार की ओर से गठित समिति के विभागीय अधिकारी विजय जोशी, उपायुक्त आबकारी निरोधक दल के साथ-साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष, शराबबंदी आंदोलन और संगठन पूजा भारती छाबड़ा के 3 प्रतिनिधि बिहार में लागू शराबबंदी के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श करेंगे.

शराब से हुई मौत के बाद सरकार सजग: राजस्थान में लगातार शराब की वजह से हो रही मौत को लेकर राष्ट्रीय शराबबंदी आंदोलन के अध्यक्ष पूजा भारती छावड़ा लगातार वहां की सरकार पर निशाना साधते रहती है और उनके द्वारा राज्य में शराबबंदी को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. दरअसल शराब की वजह से राजस्थान के भरतपुर में हुई 8 लोगों की मौत और भीलवाड़ा में हुई 5 लोगों की मौत के बाद वहां की सरकार भी बिहार जैसे शराबबंदी कानून को अपनाने पर विचार कर रही है.

बिहार में शराबबंदी मॉडल की होगी समीक्षा: पूजा भारती छावड़ा का मानना है कि राजस्थान सरकार महिलाओं की मान और सम्मान के लिए खड़ी रहती है. ऐसे में राजस्थान में शराब पर पाबंदी होनी चाहिए. राजस्थान से आ रही 5 सदस्य की टीम बिहार में शराबबंदी मॉडल की समीक्षा करेंगी. इसके साथ-साथ यह भी जानेगी कि शराबबंदी कानून लागू होने के बाद बिहार में कितने लोगों की मौत हुई है, क्या रोड एक्सीडेंट में कमी आई है या नहीं.

अध्ययन दल सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट: अध्ययन दल ये भी देखेगी की शराबबंदी कानून लागू होने की वजह से सरकार को कितने रेवेन्यू का घाटा हो रहा है. इन सभी विषयों पर विचार विमर्श कर टीम अपनी रिपोर्ट राजस्थान सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौपेगी. इसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि बिहार की तर्ज पर राजस्थान में भी पूर्ण शराबबंदी लागू होगा.

ये भी पढ़ें-'बिहार में लागू हो गुजरात मॉडल शराबबंदी, CM इसे ना बनाएं प्रतिष्ठा का सवाल'

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पटना: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) लागू है. बिहार के शराबबंदी मॉड्यूल को राजस्थान सरकार भी अपनाना चाह रही है. जिस वजह से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) के निर्देश के बाद राष्ट्रीय शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजा भारती छाबड़ा की अध्यक्षता में शराबबंदी की अध्ययन के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दल बिहार भ्रमण पर आ रहा है.

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बिहार के शराबबंदी मॉडल को अपनाना चाह रही राजस्थान सरकार: पूजा भारती छाबड़ा की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय टीम आज शाम राजधानी पटना पहुंचेगी. जिसके बाद बिहार सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों से शराबबंदी कानून को लेकर विचार-विमर्श करेगी और कई जिलों का भ्रमण भी करेगी. जानकारी के अनुसार राजस्थान से आ रही 5 सदस्यों की टीम राज्य के विभिन्न प्रशासनिक विभागों से शराबबंदी के प्रभाव के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करेगी.

राजस्थान से पांच सदस्यीय टीम अध्ययन के लिए आ रही बिहार: पांच सदस्यीय टीम द्वारा गृह और सड़क सुरक्षा यातायात विभाग, वित्त और करारोपण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, विधि विभाग, चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और सांख्यिकी विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेगी. इसके बाद पटना, पूर्वी चंपारण, राजगीर, नालंदा, बोधगया, वैशाली और बगहा स्थल का दौरा करेगी.

व्यवहारिक पहलुओं पर अध्ययन करेगी टीम: राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार आबकारी और मद्य निषेध नीति के प्रावधानों के तहत शराबबंदी की मांग से जुड़े व्यावहारिक पहलुओं पर अध्ययन के लिए आबकारी विभाग, राजस्थान सरकार की ओर से गठित समिति के विभागीय अधिकारी विजय जोशी, उपायुक्त आबकारी निरोधक दल के साथ-साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष, शराबबंदी आंदोलन और संगठन पूजा भारती छाबड़ा के 3 प्रतिनिधि बिहार में लागू शराबबंदी के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श करेंगे.

शराब से हुई मौत के बाद सरकार सजग: राजस्थान में लगातार शराब की वजह से हो रही मौत को लेकर राष्ट्रीय शराबबंदी आंदोलन के अध्यक्ष पूजा भारती छावड़ा लगातार वहां की सरकार पर निशाना साधते रहती है और उनके द्वारा राज्य में शराबबंदी को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. दरअसल शराब की वजह से राजस्थान के भरतपुर में हुई 8 लोगों की मौत और भीलवाड़ा में हुई 5 लोगों की मौत के बाद वहां की सरकार भी बिहार जैसे शराबबंदी कानून को अपनाने पर विचार कर रही है.

बिहार में शराबबंदी मॉडल की होगी समीक्षा: पूजा भारती छावड़ा का मानना है कि राजस्थान सरकार महिलाओं की मान और सम्मान के लिए खड़ी रहती है. ऐसे में राजस्थान में शराब पर पाबंदी होनी चाहिए. राजस्थान से आ रही 5 सदस्य की टीम बिहार में शराबबंदी मॉडल की समीक्षा करेंगी. इसके साथ-साथ यह भी जानेगी कि शराबबंदी कानून लागू होने के बाद बिहार में कितने लोगों की मौत हुई है, क्या रोड एक्सीडेंट में कमी आई है या नहीं.

अध्ययन दल सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट: अध्ययन दल ये भी देखेगी की शराबबंदी कानून लागू होने की वजह से सरकार को कितने रेवेन्यू का घाटा हो रहा है. इन सभी विषयों पर विचार विमर्श कर टीम अपनी रिपोर्ट राजस्थान सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौपेगी. इसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि बिहार की तर्ज पर राजस्थान में भी पूर्ण शराबबंदी लागू होगा.

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