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बिहार के इन पांच शहरो में स्थापित होगा वायु गुणवत्ता जांच केंद्र - india government

16. 96 करोड़ रुपये की लागत से पटना के अतिरिक्त मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर और दरभंगा में एक-एक वायु गुणवत्ता जांच केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं.

वन एवं पर्यावरण संरक्षण मंत्री सुशील कुमार मोदी
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Published : Jun 9, 2019, 2:43 AM IST

पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया है कि राज्य के पांच शहरों में वायु गुणवत्ता केंद्र स्थापित किए जायेंगे. उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के सबसे प्रदूषित 20 शहरों में बिहार के तीन शहर शामिल है.

इन शहरों में बनेगा वायु गुणवत्ता जांच केंद्र
प्रदूषित 20 शहरों में राजधानी पटना के अलावे दो बड़े शहर गया और मुजफ्फरपुर शामिल है. इसे सरकार ने चुनौती के रूप में लिया है. उपमुख्यमंत्री के साथ वन एवं पर्यावरण संरक्षण मंत्रालय का दायित्व संभाल रहे मोदी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, "राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को इस साल नवंबर तक 16. 96 करोड़ रुपये की लागत से पटना के अतिरिक्त मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर और दरभंगा में एक-एक वायु गुणवत्ता जांच केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं." उल्लेखनीय है कि वर्तमान में पटना के तारामंडल के पास तथा गया एवं मुजफ्फरपुर में एक-एक वायु गुणवत्ता जांच केंद्र कार्यरत हैं.

केन्द्र सरकार दे रही 10 करोड़ रुपये की राशि
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्ययोजना के अंतर्गत देश के 103 शहरों की सूची में बिहार के भी तीन शहरों पटना, गया और मुजफ्फरपुर को शामिल किया है. केंद्र सरकार बिहार को 10 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करा रही है. इसका उपयोग वायु गुणवत्ता अनुश्रवण प्रणाली, तीन मेकेनिकल डस्ट स्वीपिंग मशीनें, पानी के छिड़काव के लिए वाहन व उपकरण, हरित कार्यक्रम, कम्पोस्टिंग इकाई, चार चलित प्रवर्तन इकाई एवं जन जागरूकता संबंधी कार्यो पर खर्च किया जाएगा.

पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया है कि राज्य के पांच शहरों में वायु गुणवत्ता केंद्र स्थापित किए जायेंगे. उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के सबसे प्रदूषित 20 शहरों में बिहार के तीन शहर शामिल है.

इन शहरों में बनेगा वायु गुणवत्ता जांच केंद्र
प्रदूषित 20 शहरों में राजधानी पटना के अलावे दो बड़े शहर गया और मुजफ्फरपुर शामिल है. इसे सरकार ने चुनौती के रूप में लिया है. उपमुख्यमंत्री के साथ वन एवं पर्यावरण संरक्षण मंत्रालय का दायित्व संभाल रहे मोदी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, "राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को इस साल नवंबर तक 16. 96 करोड़ रुपये की लागत से पटना के अतिरिक्त मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर और दरभंगा में एक-एक वायु गुणवत्ता जांच केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं." उल्लेखनीय है कि वर्तमान में पटना के तारामंडल के पास तथा गया एवं मुजफ्फरपुर में एक-एक वायु गुणवत्ता जांच केंद्र कार्यरत हैं.

केन्द्र सरकार दे रही 10 करोड़ रुपये की राशि
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्ययोजना के अंतर्गत देश के 103 शहरों की सूची में बिहार के भी तीन शहरों पटना, गया और मुजफ्फरपुर को शामिल किया है. केंद्र सरकार बिहार को 10 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करा रही है. इसका उपयोग वायु गुणवत्ता अनुश्रवण प्रणाली, तीन मेकेनिकल डस्ट स्वीपिंग मशीनें, पानी के छिड़काव के लिए वाहन व उपकरण, हरित कार्यक्रम, कम्पोस्टिंग इकाई, चार चलित प्रवर्तन इकाई एवं जन जागरूकता संबंधी कार्यो पर खर्च किया जाएगा.

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पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां शनिवार को कहा कि राज्य के पांच शहरों में वायु गुणवत्ता केंद्र स्थापित किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के सबसे प्रदूषित 20 शहरों में बिहार के भी तीन शहर पटना, गया और मुजफ्फरपुर शामिल हैं, जिसे सरकार ने चुनौती के रूप में लिया है.

वन एवं पर्यावरण संरक्षण मंत्रालय का भी दायित्व संभाल रहे मोदी ने यहां पत्रकारों से कहा, "राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को इस साल नवंबर तक 16़ 96 करोड़ रुपये की लागत से पटना के अतिरिक्त मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर और दरभंगा में एक-एक वायु गुणवत्ता जांच केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं."  उल्लेखनीय है कि वर्तमान में पटना के तारामंडल के पास तथा गया एवं मुजफ्फरपुर में एक-एक वायु गुणवत्ता जांच केंद्र कार्यरत हैं.

मोदी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्ययोजना के अंतर्गत देश के 103 शहरों की सूची में बिहार के भी तीन शहरों पटना, गया और मुजफ्फरपुर को शामिल कर केंद्र सरकार बिहार को 10 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करा रही है, जिसे वायु गुणवत्ता अनुश्रवण प्रणाली, तीन मेकेनिकल डस्ट स्वीपिंग मशीनें, पानी के छिड़काव के लिए वाहन व उपकरण, हरित कार्यक्रम, कम्पोस्टिंग इकाई, चार चलित प्रवर्तन इकाई एवं जन जागरूकता संबंधी कार्यो पर खर्च किया जाएगा. 


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