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बिहार म्यूजियम में खुला हस्तशिल्प का एकमात्र शोरूम, कला को विश्वस्तरीय पहचान दिलाने की कोशिश

पटना स्थित बिहार म्यूजियम में बिहार हस्तशिल्प का एकमात्र शोरूम खोला गया है. उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान की ओर से खोले गए इस शोरूम के माध्यम से लोगों को बिहार की हस्तकला से रूबरू करवाना लक्ष्य है.

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Published : May 11, 2019, 12:34 PM IST

handicrafts showroom

पटना: राजधानी के बिहार म्यूजियम में बिहार के हस्तशिल्प का एकमात्र शोरूम खुला है. उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान की ओर से यह शोरूम खोला गया है. उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान बिहार सरकार द्वारा हस्तशिल्प को बढ़ावा देने वाला संस्थान है.

उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने कहा कि उपेंद्र महारथी जी बिहार के मूर्धन्य कलाकार थे और उनके द्वारा बहुत कुछ बनाया गया है. बिहार म्यूजियम का भी डिजाइन उनका ही बनाया हुआ था. इस शोरूम को खोलकर इसके माध्यम से हम एक फोरम बना रहे हैं, ताकि हमारे कलाकारों के प्रोडक्ट्स को देश-विदेश में पहचान मिल सके.

हस्तशिल्प को विश्वस्तरीय पहचान
उन्होंने कहा कि पटना म्यूजियम ने विश्व स्तर पर एक प्रतिष्ठा हासिल की है. साथ ही बताया कि उपेंद्र महारथी संस्थान में ट्रेनिंग के अलावा प्रोडक्शन भी होता है और वहीं के उत्पाद को ही हमने यहां लगाया है. इस दौरान बिहार महिला उद्योग संघ की अध्यक्ष उषा झा समेत बिहार म्यूजियम के कई अधिकारी मौजूद रहे.

बिहार हस्तशिल्प शोरूम

बिहार की कला देखेगी दुनिया
त्रिपुरारी शरण ने बताया कि उपेंद्र महारथी ने बिहार की कलाओं को उभारने और राष्ट्र के साथ विश्व स्तरीय पटल पर लाने का भगीरथ प्रयास किया था. उन्होंने अपने समय में जापान में जाकर ट्रेनिंग की थी. इस शोरूम का मकसद है कि बाहर से म्यूजियम घूमने आने वाले लोग बिहार के हस्तशिल्प के बारे में जान सकें.

पटना: राजधानी के बिहार म्यूजियम में बिहार के हस्तशिल्प का एकमात्र शोरूम खुला है. उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान की ओर से यह शोरूम खोला गया है. उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान बिहार सरकार द्वारा हस्तशिल्प को बढ़ावा देने वाला संस्थान है.

उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने कहा कि उपेंद्र महारथी जी बिहार के मूर्धन्य कलाकार थे और उनके द्वारा बहुत कुछ बनाया गया है. बिहार म्यूजियम का भी डिजाइन उनका ही बनाया हुआ था. इस शोरूम को खोलकर इसके माध्यम से हम एक फोरम बना रहे हैं, ताकि हमारे कलाकारों के प्रोडक्ट्स को देश-विदेश में पहचान मिल सके.

हस्तशिल्प को विश्वस्तरीय पहचान
उन्होंने कहा कि पटना म्यूजियम ने विश्व स्तर पर एक प्रतिष्ठा हासिल की है. साथ ही बताया कि उपेंद्र महारथी संस्थान में ट्रेनिंग के अलावा प्रोडक्शन भी होता है और वहीं के उत्पाद को ही हमने यहां लगाया है. इस दौरान बिहार महिला उद्योग संघ की अध्यक्ष उषा झा समेत बिहार म्यूजियम के कई अधिकारी मौजूद रहे.

बिहार हस्तशिल्प शोरूम

बिहार की कला देखेगी दुनिया
त्रिपुरारी शरण ने बताया कि उपेंद्र महारथी ने बिहार की कलाओं को उभारने और राष्ट्र के साथ विश्व स्तरीय पटल पर लाने का भगीरथ प्रयास किया था. उन्होंने अपने समय में जापान में जाकर ट्रेनिंग की थी. इस शोरूम का मकसद है कि बाहर से म्यूजियम घूमने आने वाले लोग बिहार के हस्तशिल्प के बारे में जान सकें.

Intro:राजधानी पटना के बिहार म्यूजियम में बिहार के हस्तशिल्प का एकमात्र शोरूम का हुआ उद्घाटन. उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने शोरूम का फीता काटकर किया उद्घाटन. उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान की ओर से खुला है यह शोरूम.


Body:राजधानी पटना के बिहार म्यूजियम में उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान द्वारा हस्तशिल्प का एकमात्र शोरूम का उद्घाटन हुआ. इस दौरान बिहार महिला उद्योग संघ की अध्यक्ष उषा झा समेत बिहार म्यूजियम के कई अधिकारी भी मौजूद रहे.

इस दौरान उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने कहा कि उपेंद्र महारथी जी बिहार के मूर्धन्य कलाकार थे और उनके द्वारा बहुत कुछ बनाया गया जैसे कि बिहार म्यूजियम का भी डिजाइन उनका ही बनाया हुआ था. यह जो शोरूम खुला है उसके माध्यम से हम एक फोरम बना रहे हैं कि हमारे यहां की जो कलाकार हैं उनके प्रोडक्ट्स को हम देश-विदेश में और लोगों तक पहुंचा सके क्योंकि पटना म्यूजियम ने विश्व स्तर पर एक प्रतिष्ठा हासिल की है. उन्होंने बताया कि उपेंद्र महारथी संस्थान में ट्रेनिंग के अलावा प्रोडक्शन भी होता है और वहां के उत्पाद को ही हम लोग यहां पर लगाए हुए हैं.
आपको बता दें कि उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान बिहार सरकार द्वारा हस्तशिल्प को बढ़ावा देने वाली संस्थान है.


Conclusion:त्रिपुरारी शरण ने बताया कि उपेंद्र महारथी ने भगीरथ प्रयास किया था अपने जमाने में बिहार की कलाओं को उभारने का और राष्ट्रीय और विश्व स्तरीय पटल पर लाने का. उन्होंने अपने समय में जापान में जाकर ट्रेनिंग की थी. इस शोरूम के माध्यम से मकसद दिया है कि बाहर से म्यूजिक घूमने आने वाले लोग बिहार के हस्तशिल्प के बारे में जान सकें.
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