पटनाः बगैर किसी पूर्व सूचना के ड्यूटी से गायब रहने के कारण तीन मजिस्ट्रेट पर एफआईआर दर्ज करायी गयी है. उन्हें जिला प्रशासन द्वारा कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए और एम्स प्रशासन से समन्वय कर मरीजों को चिकित्सा लाभ उपलब्ध कराने के लिए प्रतिनियुक्त किया गया था. वे 30 अप्रैल को ड्यूटी से गायब थे. इसके कारण उनके खिलाफ एफआईआर करायी गयी है.
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नहीं दी थी कोई सूचना
तीनों मजिस्ट्रेटों पर आरोप है कि उन्होंने अपनी ड्यूटी से अनुपस्थित रहने की कोई सूचना जिला नियंत्रण कक्ष में नहीं दी थी. उनके नहीं होने के कारण अस्पताल में विधि व्यवस्था बिगड़ी. जिसके कारण कोरोना मरीजों को काफी परेशानियां हुईं.
गंभीरता से ली गई लापरवाही
लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए जिला नियंत्रण कक्ष ने फुलवारी शरीफ थाना में मजिस्ट्रेटों- संजीत कुमार, दिलीप ठाकुर और शशि कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
एक्साइज दारोगा व दो सिपाही भी निलंबित
उत्पाद विभाग के एक दारोगा व दो सिपाहियों को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. निलंबन की यह कार्रवाई उनके खिलाफ लगे आरोपों के सही पाये जाने के बाद की गई है. निलंबित कर्मी गया में पोस्टेड थे.
अवैध वसूली का लगा था आरोप
दारोगा ओम प्रकाश के साथ सिपाही भगवान शर्मा और हरेन्द्र कुमार को निलंबित किया गया है. विभाग से जारी अधिसूचना के अनुसार इन सभी पर नशे की हालत में गिरफ्तार व्यक्ति से अवैध वसूली करने का आरोप लगा था. इसकी जांच गया के सहायक आयुक्त से कराई गई तो पहली नजर में आरोप सही पाये गये. लिहाजा विभाग ने इन्हें निलंबित कर दिया.
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