पटना: छोटे पर्दे के फेमस सीरियल चंद्रकांता के क्रूर सिंह के किरदार में अपनी अलग पहचान बना चुके मशहूर अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा (Fim Actor Akhilendra Mishra) का कहना है कि छोटे और बड़े पर्दे पर ही मैं काम करके खुश हूं. ओटीटी की भाषा बोल नहीं सकते, इसलिए ओटीटी से कोई खास लगाव नहीं है. उनका कहना है कि वह कलाकार होने के साथ एक जिम्मेदार इंसान भी हैं. अपनी नई फिल्म 'डेढ़ लाख का दूल्हा' (Fim Dedh Lakh ka Dulha) के प्रमोशन के दौरान उन्होंने फिल्मों से जुड़े कई मुद्दे पर खुलकर बातें की.
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प्रश्न: क्या है ये फिल्म? इस फिल्म के बारे में बताएं ?
अखिलेंद्र मिश्रा: फिल्म का नाम है डेढ़ का दूल्हा, एक कॉमेडी फिल्म है. इसे अभय प्रताप सिंह ने डायरेक्ट किया है. नए हीरो हीरोइन. ध्रुव छेड़ा एक्टर और हर्षिता एक्ट्रेसेस हैं. मेरा किरदार लड़के के पिता का है. ऐसी कुछ गलतफहमी होती है कि यह फैल जाता है कि डेढ़ लाख का दूल्हा है. दहेज ऐसी कोई बात नहीं है. डेढ़ लाख मांग रहा है, 10 लाख मांग रहा है, 15 लाख मांग रहा है. पूरी फिल्म का एक ताना-बाना है. कहानी का एक ताना-बाना है. वह फिल्म आगे बढ़ते जाती है गुदगुदाते जाती है.
प्रश्न: यानी इस फिल्म का जॉनर कॉमेडी का है?
अखिलेंद्र मिश्रा: बिल्कुल कॉमेडी है. इस तरह की फिल्में आजकल बन रही है लेकिन इसके कॉमेडी का स्तर कुछ अलग है.
प्रश्न: अभी जो दौर वेब सीरीज का चल रहा है. अलग-अलग जॉनर की वेब सीरीज बन रहे हैं. उनकी कहानी और थीम अलग है. उसमें अगर डेढ़ लाख का दूल्हा जिसमें मिमिक्री और कॉमेडी का पुट है तो आपने कैसे हिम्मत किया कि इसी माहौल में इस फिल्म को बनाएंगे? ओटीटी का क्या थोड़ा सा भी डर नहीं लगा?
अखिलेंद्र मिश्रा: नहीं नहीं, सिनेमा सिनेमा है और अगर अच्छे कंटेंट के साथ फिल्म बनती है. विषय वस्तु अच्छा है. पृष्ठभूमि अच्छी है. इसकी कहानी बहुत अच्छी है. पृष्ठभूमि बहुत बढ़िया है. पूरा हास्य रस है. लास्ट में थोड़ा एक्शन भी है जो क्लाइमैक्स है. तो भय नहीं है. यह नहीं कि हम इस माध्यम के लिए इसे बनाए हैं, ओटीटी के लिए बनाए हैं या सेटेलाइट के लिए बनाए हैं. थिएटर के लिए बनाए हैं. ऐसा बिल्कुल नहीं है. यह है कि यह फिल्म बनी है, एक अच्छी फिल्म बनी है. चाहे किसी भी प्लेटफार्म पर हो, लोग आकर देखेंगे. उन्हें यह फिल्म पसंद आएगी.
प्रश्न: कॉमेडी की जो दूसरे फिल्में हैं उससे यह कैसे अलग है? आपने बताया कि यह गुदगुदाती है. जितनी भी कॉमेडी फिल्में होती हैं, उनका एक अलग पैटर्न होता है. यह फिल्म उनसे कैसे अलग है?
अखिलेंद्र मिश्रा: इसलिए कि इस फिल्म में कंटेंट से हम हटे नहीं हैं. हमने 25 ट्रैक नहीं डाला है. फिल्म एक ट्रैक पर चल रही है. उसका सब ट्रैक आता है लेकिन फिर वन ट्रैक पर मर्ज हो जाता है. ऑडियंस को डाईवर्जन नहीं मिलता है. वही रस लेकर ऑडियंस अंत तक चलती जाएगी.
प्रश्न: बड़े पर्दे पर आपकी दमदार उपस्थिति है। छोटे पर्दे पर भी आपको बखूबी लोग जानते हैं। ओटीटी में क्या हो रहा है? कुछ अलग कर रहे हैं क्या?
अखिलेंद्र मिश्रा: नहीं ओटीटी में हमारा अभी डेब्यू नहीं हुआ है. अभी तक उस तरह का रोल नहीं आया है जो मैं करूंगा. धीरे-धीरे हम कोशिश करेंगे कि कुछ अच्छा कंटेंट आए तो मैं करूं, क्योंकि मैं गाली नहीं दे सकता, अश्लीलता नहीं कर सकता. मैंने फिल्मों में नहीं की तो ओटीपी में क्या करूंगा? समाज के प्रति भी एक कलाकार की जिम्मेदारी है. समाज के प्रति जो दायित्व है एक कलाकार का वह मैं बखूबी समझता हूं और बहुत इमानदारी से समझता हूं. मैं समाज को लेकर बहुत ईमानदार हूं. बेशक में कलाकार हूं सिर्फ पैसा और नाम कमाना मेरा मकसद नहीं है समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाना भी मेरा मकसद है. इसलिए मैं कुछ भी करके ओटीटी पर नहीं आ सकता.