पटना: उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी एवं शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने फिल्म सुपर 30 के 30 बाल कलाकारों को सम्मानित किया. राजधानी के किलकारी भवन में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था. इस मौके पर सुपर 30 के संचालक आनंद कुमार भी मौजूद थे.
फिल्म सुपर 30 में 30 बाल कलाकार हैं, जिन्होंने अपने अभिनय से लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया. ये सभी 30 बच्चे पटना के किलकारी संस्था के थे, जिन्होंने सुपर 30 फिल्म में जान फूंक दिया. यहां तक कि ऋतिक रोशन ने भी कहा कि अगर यह 30 बच्चे नहीं होते तो इस फिल्म में जान नहीं होती.
बाल कलाकारों के अभिभावकों को भी किया गया सम्मानित
बहरहाल, गुरूवार को पटना के किलकारी भवन में उन सभी बाल कलाकारों को सम्मानित किया गया. इस मौके पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी एवं शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा और सुपर 30 के संचालक आनंद कुमार एवं उनके भाई प्रणव कुमार कार्यक्रम में शामिल हुए. संयुक्त रूप से सभी बाल कलाकारों को सम्मानित किया गया. साथ ही साथ उन सभी बाल कलाकारों के अभिभावकों को भी सम्मानित किया गया.
'सुपर 30 बिहार के सकारात्मक छवि को दिखाती है'
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि अब तक इस फिल्म की कमाई 100 करोड़ के पार हो गयी है. 71 देशों में यह फिल्म रिलीज की गई है. ये फिल्म बिहार की सकारात्मक छवि को दिखाती है. इसलिए इस फिल्म को बिहार सरकार ने टैक्स फ्री कर दिया है. सभी बिहार वासियों को यह फिल्म देखनी चाहिए. मैंने भी यह फिल्म दो बार देखी है. कहीं अच्छा काम होता है, उसमें सकारात्मक पहल जरूरी है. बिहार में ऐसे कई फिल्में बनी थी, लेकिन उसमें बिहार की छवि को निगेटिव रूप में दिखाया गया है. लेकिन सुपर 30 फिल्म में हर समाज और हर परिवार की कहानी है, जिसे सब को देखना चाहिए.
'आनंद कुमार की अंतरराष्ट्रीय छवि पर पहचान बनी'
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा इस फिल्म को बनने से पहले कई तरह की अड़चनें आईं. फिल्म नहीं बने और इस फिल्म में ऋतिक रोशन काम नहीं करें, इसको लेकर कई तरह की आलोचना और विरोधाभास किये गए. लेकिन फिर भी यह फिल्म बनी. आनंद कुमार की आज बिहार और हमारे देश में ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय छवि पर पहचान बनी है.
यह बिहार के लिए गौरव की बात- कृष्ण नंदन वर्मा
वहीं कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा कि मैं आज ही इस फिल्म को देखूंगा. मैंने सुना है कि इस फिल्म में बिहार के सकारात्मक दृष्टिकोण से बनाई गई है. किलकारी भवन में मध्यम वर्गीय बच्चे पढ़ते हैं और सीखते हैं और इन्होंने बड़े पर्दे पर काम किया है. यह बिहार के लिए गौरव की बात है.
'शिक्षकों के जीवन के संघर्ष की कहानी'
सुपर 30 के संचालक आनंद कुमार ने बताया कि इस फिल्म में वैसे शिक्षक की कहानी है, जिनका जीवन बहुत ही संघर्ष से बीतता है. इसमें सिर्फ आनंद कुमार ही नहीं बल्कि बिहार के उन तमाम शिक्षकों की कहानी है. इसमें जीवन के संघर्षों की कहानी दिखाई गई है.