पटना: एक तरफ देश में लॉक डाउन किया जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ कोरोनो पॉजिटिव से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. शुक्रवार को पटना में दो कोरोना पॉजिटिव मरीज पाये गये. फिलहाल मरीजों को आइसोलेश वार्ड में रखा गया है. अब बिहार में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है. वहीं, एक की मौत हो चुकी है.
अब तक का अपडेट :-
दरअसल, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती दो मरीज का जांच सैंपल में कोरोना पोजेटिव पाया गया. आरएमआरआई में सैंपल भेजा गया था. जांच टीम ने कोरोनो पोजेटिव की पुष्टि की है. अब तक कोरोना पोजेटिव से ग्रसित कुल 9 लोग हुए है. 2 नए मरीज जो आज मिले हैं उनमें एक सिवान का है जबकि दूसरा नालंदा का है. नालंदा का व्यक्ति एक अस्पताल में काम करता था, जहां मुंगेर के कोरोना मरीज को डायलिसिस के लिए भर्ती किया गया था. उसके संपर्क में आने की वजह से नालंदा वाले व्यक्ति को कोरोना संक्रमण हुआ है. सिवान का व्यक्ति हाल ही में दुबई से लौटा था.
मुंगेर का मरीज शरणम नामक निजी अस्पताल में इलाजरत था. इस अस्पताल को सील किया गया. अस्पताल के अंदर मौजूद लोगों को अंदर ही रहने का प्रशासन ने आदेश दिया. गुरुवार को पूरे बिहार से 85 कोरोना संदिग्ध मरीजों की जांच सैंपल पटना के रिसर्च सेंटर (आरएमआरआई) भेजा गया था. जहां 45 संदिग्ध मरीजों की जांच रिपोर्ट में 44 निगेटिव पाया गया, लेकिन इसमें एक पॉजिटिव केस भी मिला है. बिहार में अब कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 7 हो गई है, वहीं 1 की मौत हो गई है.
अलर्ट पर प्रशासन
बता दें कि कोरोना वायरस के इस महाप्रकोप से पूरा देश परेशान है. अभी तक इस बीमारी का वैक्सीन नहीं मिला है. वहीं, जिला प्रशासन और नगर निगम अलर्ट पर है. निगम की ओर से लगातार सैनिटाइजेशन किया जा रहा है.
CM नीतीश ने की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक
लॉक डाउन के चौथे दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. बैठक में सीएम ने आपदा प्रबंधन विभाग को 100 करोड़ की राशि भी जारी कर दी. इस राशि से लोगों के भोजन और रहने की व्यवस्था की जाएगी. मुख्यमंत्री ने बिहार से बाहर रह रहें लोगों के लिए वहां की सरकार से संपर्क कर रेसीडेंट कमिश्नर के माध्यम से मदद पहुंचाने का निर्देश भी दिया. समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस के संक्रमण की रिपोर्ट भी ली.
'लॉक डाउन में बिहार लाना संभव नहीं'
21 दिन के लॉक डाउन का सबसे ज्यादा असर बिहारी मजदूरों पर पड़ रहा है. बिहार से बाहर बड़ी संख्या में मजदूर काम करते हैं, जो अब बिहार लौटने के लिए परेशान है. लेकिन सरकार की ओर से इन मजदूरों को लाने का कोई प्रयास अब तक नहीं किया गया है. जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि 21 दिनों तक लॉक डाउन में इन्हें बिहार लाना संभव नहीं है. लेकिन इनकी मदद के लिए सरकार में अधिकारियों की टीम गठित की है और मोबाइल नंबर भी जारी किया गया है. इस नंबर 97737 17261 पर लोग संपर्क कर अपनी जानकारी दे सकते हैं. वहीं, उन्होंने कहा कि दिल्ली, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु से खबरें आ रही हैं. सरकार वहां रह रहे मजदूरों को मदद पहुंचाने के लिए प्रयास शुरू कर दी है.
बिहार ने केंद्र से लगाई गुहार
गुरुवार को भारत सरकार के कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्य सचिव दीपक कुमार की बैठक हुई. दीपक कुमार ने कहा कि कई और जांच घरों की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए उन्होंने भारत सरकार से मदद मांगी. वर्तमान में बिहार में RMRI और IGIMS में जांच हो रहे हैं. लेकिन मरीजों की संख्या बढ़ी तो या जांच घर नाकाफी साबित हो सकते हैं.
मजदूरों को खाना मुहैया कराएगी सरकार
बताया जा रहा है कि बिहार सरकार कम्युनिटी किचन चलवा कर फंसे हुए मजदूरों को खाना मुहैया कराएगी. कई लोग सरकार से घर वापस आने की व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं. गौरतलब है कि लाखों की संख्या में लोग अपने घरों को लौट चुके हैं. लेकिन इसके बाद भी जो लोग अपने घर नहीं लौट सके अब वे कहीं भी जाने की स्थिति में नहीं है.