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बिहार में पहली बार ईवीएम मशीन से होगा पंचायत चुनाव, खरीदे जाएंगे 15 हजार EVM - Panchayat elections in Bihar

बिहार जैसे प्रदेश में ईवीएम के जरिए पंचायत चुनाव कराना राज्य निर्वाचन आयोग के लिए बड़ी चुनौती होगी. क्योंकि यहां बड़ी संख्या में वोटरों के साथ-साथ कई प्रत्याशी भी अशिक्षित या कम पढ़े लिखे हैं. हालांकि आयोग इसके लिए सघन प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने की तैयारी भी कर रहा है.

चुनाव विभाग
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Published : Dec 28, 2020, 7:37 AM IST

पटनाः विधानसभा चुनाव के बाद अब बिहार में पंचायत चुनाव की तैयारी होनी शुरू हो गई है. राज्य में पहली बार ईवीएम के जरिए पंचायत चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है. बैलट पेपर से पंचायत चुनाव होने के कारण रिजल्ट का महीने भर इंतजार करना पड़ता है. देश के कई राज्यों में सफलतापूर्वक ईवीएम के जरिए पंचायत चुनाव कराए गए हैं.

बिहार में तकरीबन ढाई लाख पदों के लिए उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे. जिसके लिए तकरीबन 15 हजार ईवीएम मशीन की व्यवस्था की जा रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 12 हजार ईवीएम मशीनों से मतदान कराए जाएंगे. शेष 3 हजार मशीनों को अतिरिक्त रखा जाएगा.
खबर यह भी है कि इस बार चुनाव छह से सात चरणों में संपन्न कराने की तैयारी की जा रही है.

जानकारी देते संवाददाता

रिजल्ट के लिए नहीं करना होगा ज्यादा इंतजार
रिजल्ट घोषणा के लिए भी उम्मीदवारों को ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा. चरणबद्ध तरीके से चुनाव का रिजल्ट भी घोषित किया जाएगा. अमूमन बिहार में पंचायत चुनाव बैलट पेपर से होने के कारण रिजल्ट में भी महीने तक इंतजार करना पड़ता था. लेकिन ईवीएम से चुनाव होने के कारण इस बार रिजल्ट भी जल्द ही घोषित किया जाएगा.

ईवीएम मशीन में एसडीएमएम डिवाइस होगा इस्तेमाल
ईवीएम मशीन में एसडीएमएम (सिक्योर डिटैचेबल मेमोरी मॉड्यूल ) डिवाइस होगा. जिसमें तमाम वोटिंग की संख्या जमा होगी. इसके बाद इस डिवाइस को कंट्रोल यूनिट से निकालकर स्ट्रांग रूम में जमा कर दिया जाएगा. गिनती के वक्त ईवीएम मशीन को जोड़ वोटों की गिनती की जाएगी. वोटिंग होने के बाद एसडीएमएम को सुरक्षित रख मशीन को दूसरे जगह पर वोटिंग के लिए भेज दिया जाएगा. ईवीएम मशीन से चुनाव को लेकर मशीन निर्माता कंपनी के द्वारा प्रेजेंटेशन दिया जा चुका है.

ये भी पढ़ेंः बतौर IAS अधिकारी नीतीश का दिल पहले ही जीत चुके थे आरसीपी, बन गए जेडीयू के 'कमांडर'

राज्य निर्वाचन आयोग के लिए बड़ी चुनौती
15000 ईवीएम मशीन की खरीद राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा की जाएगी. इसके लिए पंचायती राज विभाग द्वारा अनुमति के साथ-साथ राशि भी उपलब्ध कराई जाएगी. सूत्रों की माने तो इन मशीनों की खरीद में तकरीबन 120 करोड़ रुपये खर्च होंगे. बिहार जैसे अशिक्षित राज्य में ईवीएम के द्वारा पंचायत चुनाव कराना राज्य निर्वाचन आयोग के लिए बड़ी चुनौती है. यहां बड़ी संख्या में वोटरों के साथ-साथ कई प्रत्याशी भी अशिक्षित या कम पढ़े लिखे हैं.

आयोग चलाएगा सघन प्रशिक्षण कार्यक्रम
ईवीएम मशीन से चुनाव के लिए आयोग सघन प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने की तैयारी कर रहा है. आयोग द्वारा जिला स्तर पर और जिला द्वारा प्रखंड और पंचायत से लेकर वार्ड स्तर तक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाएगा.

इतना तो तय है कि ईवीएम के द्वारा पंचायत चुनाव होने से समय कम लगेंगे और आचार संहिता लागू होने के कारण जो विकास कार्य में परेशानी होती थी उसमें भी सुविधा मिलेगी. जल्द ही पंचायती राज विभाग ईवीएम की खरीद के संबंध में सहमति देगा.

पटनाः विधानसभा चुनाव के बाद अब बिहार में पंचायत चुनाव की तैयारी होनी शुरू हो गई है. राज्य में पहली बार ईवीएम के जरिए पंचायत चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है. बैलट पेपर से पंचायत चुनाव होने के कारण रिजल्ट का महीने भर इंतजार करना पड़ता है. देश के कई राज्यों में सफलतापूर्वक ईवीएम के जरिए पंचायत चुनाव कराए गए हैं.

बिहार में तकरीबन ढाई लाख पदों के लिए उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे. जिसके लिए तकरीबन 15 हजार ईवीएम मशीन की व्यवस्था की जा रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 12 हजार ईवीएम मशीनों से मतदान कराए जाएंगे. शेष 3 हजार मशीनों को अतिरिक्त रखा जाएगा.
खबर यह भी है कि इस बार चुनाव छह से सात चरणों में संपन्न कराने की तैयारी की जा रही है.

जानकारी देते संवाददाता

रिजल्ट के लिए नहीं करना होगा ज्यादा इंतजार
रिजल्ट घोषणा के लिए भी उम्मीदवारों को ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा. चरणबद्ध तरीके से चुनाव का रिजल्ट भी घोषित किया जाएगा. अमूमन बिहार में पंचायत चुनाव बैलट पेपर से होने के कारण रिजल्ट में भी महीने तक इंतजार करना पड़ता था. लेकिन ईवीएम से चुनाव होने के कारण इस बार रिजल्ट भी जल्द ही घोषित किया जाएगा.

ईवीएम मशीन में एसडीएमएम डिवाइस होगा इस्तेमाल
ईवीएम मशीन में एसडीएमएम (सिक्योर डिटैचेबल मेमोरी मॉड्यूल ) डिवाइस होगा. जिसमें तमाम वोटिंग की संख्या जमा होगी. इसके बाद इस डिवाइस को कंट्रोल यूनिट से निकालकर स्ट्रांग रूम में जमा कर दिया जाएगा. गिनती के वक्त ईवीएम मशीन को जोड़ वोटों की गिनती की जाएगी. वोटिंग होने के बाद एसडीएमएम को सुरक्षित रख मशीन को दूसरे जगह पर वोटिंग के लिए भेज दिया जाएगा. ईवीएम मशीन से चुनाव को लेकर मशीन निर्माता कंपनी के द्वारा प्रेजेंटेशन दिया जा चुका है.

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राज्य निर्वाचन आयोग के लिए बड़ी चुनौती
15000 ईवीएम मशीन की खरीद राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा की जाएगी. इसके लिए पंचायती राज विभाग द्वारा अनुमति के साथ-साथ राशि भी उपलब्ध कराई जाएगी. सूत्रों की माने तो इन मशीनों की खरीद में तकरीबन 120 करोड़ रुपये खर्च होंगे. बिहार जैसे अशिक्षित राज्य में ईवीएम के द्वारा पंचायत चुनाव कराना राज्य निर्वाचन आयोग के लिए बड़ी चुनौती है. यहां बड़ी संख्या में वोटरों के साथ-साथ कई प्रत्याशी भी अशिक्षित या कम पढ़े लिखे हैं.

आयोग चलाएगा सघन प्रशिक्षण कार्यक्रम
ईवीएम मशीन से चुनाव के लिए आयोग सघन प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने की तैयारी कर रहा है. आयोग द्वारा जिला स्तर पर और जिला द्वारा प्रखंड और पंचायत से लेकर वार्ड स्तर तक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाएगा.

इतना तो तय है कि ईवीएम के द्वारा पंचायत चुनाव होने से समय कम लगेंगे और आचार संहिता लागू होने के कारण जो विकास कार्य में परेशानी होती थी उसमें भी सुविधा मिलेगी. जल्द ही पंचायती राज विभाग ईवीएम की खरीद के संबंध में सहमति देगा.

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