पटना: नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए बिहार भर में शनिवार को महागठबंधन ने मानव श्रृंखला बनाई. इस दौरान कांग्रेस कार्यालय के बाहर महज 70 से 80 कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बढ़ चढ़कर इसमें हिस्सा लिया. आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट की कुछ पार्टियां इस मानव श्रृंखला में सम्मिलित हुई थी.
कांग्रेस ने बनाई मानव श्रृंखला
मानव श्रृंखला के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारा लगाते हुए कहा कि किसानों के समर्थन में कांग्रेस पार्टी अब उतर चुकी है. पिछले 2 महीने से दिल्ली के बॉर्डर पर किसान कानून का विरोध हो रहा है. लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है. अब कांग्रेस के साथ तमाम विपक्षी पार्टी किसान के समर्थन में मानव श्रृंखला के माध्यम से उतरे हैं.
'नरेंद्र मोदी की सरकार और काले कृषि कानून के खिलाफ राजधानी पटना समेत बिहार के जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ता अपने अपने गांव शहर और मुख्यालय में मानव श्रृंखला में सम्मिलित हुए हैं. बीजेपी के कुछ लोगों ने किसान ट्रैक्टर रैली में सम्मिलित होकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन में उत्पात मचाने का काम किया, और किसानों को बदनाम किया जा रहा है.'- प्रेमचंद्र मिश्रा, कांग्रेस के एमएलसी और राष्ट्रीय प्रवक्ता
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'केंद्र सरकार द्वारा लाया गया कृषि कानून किसानों को फांसी देने के समान है. केंद्र सरकार द्वारा इस बिल को अपने तरीके से रोक कर ढोंग रचा जा रहा है. 30 जनवरी को गांधी की शहादत के दिन ही शांतिपूर्ण तरीके से मानव श्रृंखला का आयोजन कर किसानों के समर्थन में कांग्रेस पार्टी उतर कर अपना विरोध जता रही है.'- श्याम सुंदर सिंह धीरज, कार्यकारी अध्यक्ष, कांग्रेस
'किसानों के सम्मान में कांग्रेस पार्टी मैदान में'
किसानों के आंदोलन को समर्थन देते हुये महागठबंधन ने प्रदेश भर में मानव श्रृंखला का आयोजन किया. और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर किसानों के हित में यह कानून वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन आगे भी जारी रहेगा.