मसौढ़ी में खाद वितरक परेशान, बुलाई गई निगरानी समिति की बैठक - fertilizer delar meetig in masaudhee
खाद वितरकों की माने तो खाद की डीलीवरी फतुहां रैक प्वाइंट से होती है. खाद जब मालगाड़ी से फतुहा रैक प्वाइंट पर आती है तो वहां से वितरक के दुकान तक लाने में डीलीवरी चार्ज डीलर्स को खुद देना पड़ता है. ऐसे जब खाद दुकान से किसानों को बेचा जाता है तो अंकित मुल्य से दो रुपये ज्यादा लिया जाता है.
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पटना: एक तरफ देश भर में किसान बिल पर हंगामा मचा हुआ है. दूसरी तरफ मसौढ़ी में इन दिनों खाद वितरक परेशान है. खाद लेने के लिए किसानों और खाद वितरक के बीच अंकित मूल्य को लेकर हल्ला मचा है. जिसे लेकर मसौढ़ी में निगरानी समिति बनाकर गहन समीक्षात्मक बैठक की गई.
क्या कहते है खाद वितरक
खाद वितरकों की माने तो खाद की डीलीवरी फतुहां रैक प्वाइंट से होती है. खाद जब मालगाड़ी से फतुहा रैक प्वाइंट पर आती है तो वहां से वितरक के दुकान तक लाने में डीलीवरी चार्ज डीलर्स को खुद देना पड़ता है. ऐसे जब खाद दुकान से किसानों को बेचा जाता है तो अंकित मुल्य से दो रुपये ज्यादा लिया जाता है. जैसे कि अंकित मुल्य से पैसा ज्यादा मांगा जाता है किसानों के हो हंगामा शुरु कर देते है.
बनी निगरानी समिति
बहरहाल, आज मसौढ़ी कृषि कार्यालय में सभी खाद वितरक और किसानों के बीच निगरानी समिति बनाकर बैठक बुलाई गई है. किसानों की समस्या और खाद वितरक के बीच आपसी सामंजस्य बनाने को लेकर गहन चर्चा की गई.
सरकार से करायेगे अवगत
मसौढ़ी प्रखंड के प्रमुख रामाकांत रंजन किशोर ने कहा कि किसानों की समस्या और खाद के थोक एवं खुदरा विक्रेताओं की समस्या को देखते हुए एक रिपोर्ट बना कर सरकार को इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया जायेगा. खाद वितरकों को डिलीवरी चार्ज को फ्री करने और किसानों को अंकित मुल्य पर खाद मिलने की सुविधा हो सके. ताकि किसानों और खाद वितरको के बीच सामंजस्य बना रहे.