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'4 साल से चपरासी हूं, एक भी पैसा नहीं मिला... शिक्षा विभाग जा-जाकर थक गई हूं सर...' - ईटीवी भारत न्यूज

जनता दरबार में हाई स्कूल में कार्यरत एक महिला पिउन सीएम नीतीश से गुहार लगाने पहुंची. फरियाद लगाते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि वे चार साल से चपरासी हैं लेकिन अब तक उन्हें एक भी रुपये नहीं मिले. पढ़ें पूरी खबर...

महिला चपरासी ने सीएम से लगाई गुहार
महिला चपरासी ने सीएम से लगाई गुहार
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Published : Oct 11, 2021, 1:18 PM IST

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) जनता दरबार (Janta Darbar) में लोगों की फरियादें सुन रहे हैं. इस दौरान कई तरह की समस्याएं उन्होंने सुनी और उसे दूर करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित भी किया. इसी कड़ी में एक महिला ने शिक्षा विभाग (Education Department) को कटघड़े में में खड़ा करने वाली शिकायत सुनाई, जिसे सुनकर मुख्यमंत्री भी आश्चर्य में पड़ गए.

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दरअसल, जो महिला जनता दरबार में सीएम के समक्ष फरियाद लेकर पहुंची थीं, उन्होंने अपना नाम शोभा कुमारी बताया. वह चपरासी के पद पर नियुक्त हैं. मुख्यमंत्री को उन्होंने बताया कि 'उच्च विद्यालय में मैं चार साल से पिउन हूं. मुझे एक भी पैसा अभी तक नहीं मिला है. मूल प्रमाण पत्र में गड़बड़ी और पिता के नाम के टाइटल में गड़बड़ी होने के कारण वेतन नहीं मिला है. शिक्षा विभाग जाते-जाते थक गई हूं सर'.

देखें वीडियो

यह सुनकर मुख्यमंत्री ने उन्हें अधिकारियों को सारी बातें विस्तार से बताने का निर्देश दिया. बता दें कि सीएम आज तय कार्यक्रम के अनुसार स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभागों की शिकायतें जनता दरबार में सुन रहे हैं.

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जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ टीका नहीं लेने की स्थिति में वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

दरअसल, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते है और उनकी समस्याएं सुनते है. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती है. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के तमाम पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.

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यहां आपको ये बताना जरुरी है कि सीएम नीतीश कुमार महीने के पहले तीन सोमवार को जनता दरबार लगाते हैं, जिसमें वे लोगों की समस्याओं को सुनते हैं. पहले सोमवार को गृह राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध उत्पाद निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामले सुने जाते हैं.

वहीं, दूसरे सोमवार को स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभागों की शिकायतें सुनी जाती है.

बात अगर तीसरे सोमवार की करें तो इस दिन ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभागों की शिकायतें सुनी जाती हैं.

इसे भी पढ़ें- CM ही नहीं बल्कि संपूर्ण मुख्यमंत्री सचिवालय भी थक चुका है- तेजस्वी यादव

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) जनता दरबार (Janta Darbar) में लोगों की फरियादें सुन रहे हैं. इस दौरान कई तरह की समस्याएं उन्होंने सुनी और उसे दूर करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित भी किया. इसी कड़ी में एक महिला ने शिक्षा विभाग (Education Department) को कटघड़े में में खड़ा करने वाली शिकायत सुनाई, जिसे सुनकर मुख्यमंत्री भी आश्चर्य में पड़ गए.

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दरअसल, जो महिला जनता दरबार में सीएम के समक्ष फरियाद लेकर पहुंची थीं, उन्होंने अपना नाम शोभा कुमारी बताया. वह चपरासी के पद पर नियुक्त हैं. मुख्यमंत्री को उन्होंने बताया कि 'उच्च विद्यालय में मैं चार साल से पिउन हूं. मुझे एक भी पैसा अभी तक नहीं मिला है. मूल प्रमाण पत्र में गड़बड़ी और पिता के नाम के टाइटल में गड़बड़ी होने के कारण वेतन नहीं मिला है. शिक्षा विभाग जाते-जाते थक गई हूं सर'.

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यह सुनकर मुख्यमंत्री ने उन्हें अधिकारियों को सारी बातें विस्तार से बताने का निर्देश दिया. बता दें कि सीएम आज तय कार्यक्रम के अनुसार स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभागों की शिकायतें जनता दरबार में सुन रहे हैं.

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जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ टीका नहीं लेने की स्थिति में वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

दरअसल, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते है और उनकी समस्याएं सुनते है. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती है. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के तमाम पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.

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यहां आपको ये बताना जरुरी है कि सीएम नीतीश कुमार महीने के पहले तीन सोमवार को जनता दरबार लगाते हैं, जिसमें वे लोगों की समस्याओं को सुनते हैं. पहले सोमवार को गृह राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध उत्पाद निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामले सुने जाते हैं.

वहीं, दूसरे सोमवार को स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभागों की शिकायतें सुनी जाती है.

बात अगर तीसरे सोमवार की करें तो इस दिन ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभागों की शिकायतें सुनी जाती हैं.

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