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'महामारी से निपटने के लिए बिहार सरकार सजग, अस्पताल में भर्ती संक्रमित मरीजों से लिया जाएगा फिडबैक'

सूचना एवं जन-सम्पर्क सचिव ने बताया कि बिहार में कोरोना को नियंत्रित करने के लिए स्टिंग क्षमता लगातार बढ़ायी जा रही है और सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक डिमांड बेस्ड टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है. क्वालिटी ऑफ ट्रीटमेंट बढ़ाने के लिए भी कई आवश्यक कदम उठाये गये हैं. अब कंट्रोल रूम से कॉल कर मरीजों के बारे में जानकारी ली जाएगी.

सूचना एवं जन-सम्पर्क सचिव
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Published : Jul 29, 2020, 3:10 AM IST

पटना: कोरोना की वर्तमान स्थिति के बारे जानकारी देते हुए सूचना एवं जन-सम्पर्क सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि महामारी से निपटने के लिए बिहार सरकार पूरी सजगता, क्षमता और तत्परता के साथ आवश्यक कार्रवाई कर रही है.

उन्होंने बताया कि टेस्टिंग क्षमता लगातार बढ़ायी जा रही है और सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक डिमांड बेस्ड टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है. बेड कैपिसिटी और विशेष रूप से ऑक्सीजनयुक्त बेड की सुविधा लगातार बढ़ायी जा रही है. इसके अलावे नये हॉस्पिटल्स डेवलप किये जा रहे हैं. क्वालिटी ऑफ ट्रीटमेंट बढ़ाने के लिए भी कई आवश्यक कदम उठाये गये हैं. अनुपम कुमार ने यह भी कहा कि आम मरीजों को कंट्रोल रूम से कॉल कर उनकी स्थिति के बारे में जानकारी भी ली जाएगी.

'अस्पताल में भर्ती मरीजों से लिया जाएगा फिडबैक'
अनुपम कुमार ने बताया कि हॉस्पिटल्स में बेहतर प्रबंधन के लिए प्रशासनिक पदाधिकारियों की टीम लगायी गयी है ताकि लोगों को कठिनाई न हो. प्राइवेट हॉस्पिटल्स में बेड मैनेजमेंट के लिए प्रशासनिक पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. हॉस्पिटल्स में एडमिट की प्रक्रिया में किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए 'मे आई हेल्प यू' बूथ या रिसेप्शन की सुविधा प्रदान करने की कार्रवाई की जा रही है.

इसके अलावे कंट्रोल रूम से प्रतिदिन सभी मरीजों को कॉल करके उनके स्वास्थ्य की स्थिति, डॉक्टर्स विजिट, दवा की उपलब्धता और अन्य समस्याओं के संबंध में जानकारी ली जाएगी. किसी मरीज द्वारा यदि कोई समस्या बतायी जाएगी तो तत्काल उसका निराकरण किया जाएगा. कोविड-19 इलाज से संबंधित सभी हॉस्पिटल्स में इसके लिए व्यवस्था की जा रही है.

बिहार का रिकवरी रेट 67.03 प्रतिशत
वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की वर्तमान स्थिति के बारे जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार तक कोरोना से पिछले 24 घंटे में 1,376 लोग स्वस्थ हुए हैं और अब तक 29,220 लोग कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं. इस प्रकार बिहार का रिकवरी रेट 67.03 प्रतिशत है. 27 जुलाई से अब तक कोविड-19 के 1,749 मामले प्रतिवेदित हुए हैं. जबकि 26 जुलाई एवं पूर्व के 731 कोरोना संक्रमण के नये मामले भी सामने आये हैं. वर्तमान में बिहार में कोविड-19 के 14,101 एक्टिव मरीज हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 16,275 सैंपल्स की जांच की गई है और अब तक की गयी कुल जांच की संख्या 4 लाख 86 हजार 835 है.

मास्क नहीं पहनने वाले इतने लोगों पर हो चुका है जुर्माना
वहीं, अपर पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा 1 जुलाई से लागू अनलॉक-2 के तहत जारी गाइडलाइन्स का अनुपालन कराया जा रहा है. पिछले 24 घंटे में 03 कांड दर्ज किये गये हैं और 18 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है. इस दौरान 1,019 वाहन जब्त किये गये हैं और 24 लाख 15 हजार 500 रूपये की राशि जुर्माने के रुप में वसूल की गई है. इस प्रकार 1 जुलाई से अब तक 41 कांड दर्ज किये गये हैं और 58 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है. कुल 23,162 वाहन जब्त किए गए हैं और करीब 05 करोड़ 45 लाख 16 हजार 115 रुपए की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है.

उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने वाले लोगों पर भी लगातार कार्रवाई की जा रही है. पिछले 24 घंटे में मास्क नहीं पहनने वाले 5,905 व्यक्तियों से 2 लाख 95 हजार 250 रूपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है. इस प्रकार 05 जुलाई से अब तक मास्क नहीं पहनने वाले 1,26,115 व्यक्तियों से 63 लाख 05 हजार 750 रूपये की जुर्माना राशि वसूल की गयी है. कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों और नये दिशा-निर्देशों का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं.

'जुलाई से ही नए राशन कार्ड धारियों को मिल आनाज'
इसके अलावे व खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण के सचिव विनय कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में जितने भी श्रमिक लौटकर आये हैं और पहले से छूटे हुए यहां जो लोग हैं, लगभग उन सभी को नये राशन कार्ड निर्गत जा चुका है. इसके लिए अभियान चलाकर 23 लाख 38 हजार 990 परिवारों को नये राशन कार्ड निर्गत किये गये. 22 लाख 45 हजार से अधिक राशन कार्ड लाभुक परिवारों के बीच वितरित किये जा चुके हैं.

जुलाई महीने से जो नये चक्र में राशन बंट रहे हैं, उसमे ये सभी 23 लाख 38 हजार 990 राशन कार्डधारी लाभुक परिवार शामिल हो गये है. इन परिवारों को जुलाई महीने से जन वितरण प्रणाली के अंतर्गत 5 किलोग्राम अनाज प्रति परिवार प्रति सदस्य की दर से के साथ-साथ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत भी उतनी ही मात्रा में मुफ्त अनाज और प्रति परिवार एक किलोग्राम चना या दाल का लाभ दिया जा रहा है. पिछले महीने राज्य में 1 करोड़ 40 लाख राशन कार्डों के विरुद्ध राषन वितरण किया गया था. सभी राशन कार्डधारियों ने अपने अंगूठे के निशान के साथ-साथ बायोमेट्रिक सत्यापन भी किया और उन्हें पूरी पारदर्शिता के साथ राशन कार्ड के विरुद्ध राशन दिया गया। वन नेशन, वन राशन कार्ड में बिहार शामिल है और बिहार के कई लोग दूसरे राज्यों में तथा दूसरे जिले में अपने राशन कार्ड का प्रयोग कर अनाज ले रहे हैं.

विनय कुमार ने बताया कि वर्तमान भी अगर कोई लाभुक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में है और वह छुटा हुआ है तो उसे राशन कार्ड मिलेगा, इसके लिए लोक सेवा अधिकार अधिनियम के तहत छूटे हुए लोगों का आवेदन लिया जाएगा. राज्य के कई जिले में पीडीएस डीलर्स की रिक्तियां हैं, इसके लिए जिला प्रशासन को नये लाइसेंस निर्गत करने हेतु निर्देश दिया गया है और इसपर कार्रवाई चल रही है. उन्होंने बताया कि एफसीआई के गोदाम से लेकर अनाज की ढुलाई, भंडारण और लाभुक परिवारों के बीच राशन वितरित करने की पूरी प्रक्रिया कम्प्यूटराइजड है. हर ट्रक की जीपीएस ट्रैकिंग लगातार होती रहती है आधार जांच शुरू होने के कारण अब कोई दूसरे का अनाज नहीं उठा सकता है इसलिए गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है. उन्होंने बताया कि विभाग का अगला कदम है राशन वितरण में अनाज के वजन को सुनिश्चित करना ताकि सही मात्रा में सही गुणवत्ता का अनाज लाभुक परिवारों को मिले.

पटना: कोरोना की वर्तमान स्थिति के बारे जानकारी देते हुए सूचना एवं जन-सम्पर्क सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि महामारी से निपटने के लिए बिहार सरकार पूरी सजगता, क्षमता और तत्परता के साथ आवश्यक कार्रवाई कर रही है.

उन्होंने बताया कि टेस्टिंग क्षमता लगातार बढ़ायी जा रही है और सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक डिमांड बेस्ड टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है. बेड कैपिसिटी और विशेष रूप से ऑक्सीजनयुक्त बेड की सुविधा लगातार बढ़ायी जा रही है. इसके अलावे नये हॉस्पिटल्स डेवलप किये जा रहे हैं. क्वालिटी ऑफ ट्रीटमेंट बढ़ाने के लिए भी कई आवश्यक कदम उठाये गये हैं. अनुपम कुमार ने यह भी कहा कि आम मरीजों को कंट्रोल रूम से कॉल कर उनकी स्थिति के बारे में जानकारी भी ली जाएगी.

'अस्पताल में भर्ती मरीजों से लिया जाएगा फिडबैक'
अनुपम कुमार ने बताया कि हॉस्पिटल्स में बेहतर प्रबंधन के लिए प्रशासनिक पदाधिकारियों की टीम लगायी गयी है ताकि लोगों को कठिनाई न हो. प्राइवेट हॉस्पिटल्स में बेड मैनेजमेंट के लिए प्रशासनिक पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. हॉस्पिटल्स में एडमिट की प्रक्रिया में किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए 'मे आई हेल्प यू' बूथ या रिसेप्शन की सुविधा प्रदान करने की कार्रवाई की जा रही है.

इसके अलावे कंट्रोल रूम से प्रतिदिन सभी मरीजों को कॉल करके उनके स्वास्थ्य की स्थिति, डॉक्टर्स विजिट, दवा की उपलब्धता और अन्य समस्याओं के संबंध में जानकारी ली जाएगी. किसी मरीज द्वारा यदि कोई समस्या बतायी जाएगी तो तत्काल उसका निराकरण किया जाएगा. कोविड-19 इलाज से संबंधित सभी हॉस्पिटल्स में इसके लिए व्यवस्था की जा रही है.

बिहार का रिकवरी रेट 67.03 प्रतिशत
वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की वर्तमान स्थिति के बारे जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार तक कोरोना से पिछले 24 घंटे में 1,376 लोग स्वस्थ हुए हैं और अब तक 29,220 लोग कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं. इस प्रकार बिहार का रिकवरी रेट 67.03 प्रतिशत है. 27 जुलाई से अब तक कोविड-19 के 1,749 मामले प्रतिवेदित हुए हैं. जबकि 26 जुलाई एवं पूर्व के 731 कोरोना संक्रमण के नये मामले भी सामने आये हैं. वर्तमान में बिहार में कोविड-19 के 14,101 एक्टिव मरीज हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 16,275 सैंपल्स की जांच की गई है और अब तक की गयी कुल जांच की संख्या 4 लाख 86 हजार 835 है.

मास्क नहीं पहनने वाले इतने लोगों पर हो चुका है जुर्माना
वहीं, अपर पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा 1 जुलाई से लागू अनलॉक-2 के तहत जारी गाइडलाइन्स का अनुपालन कराया जा रहा है. पिछले 24 घंटे में 03 कांड दर्ज किये गये हैं और 18 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है. इस दौरान 1,019 वाहन जब्त किये गये हैं और 24 लाख 15 हजार 500 रूपये की राशि जुर्माने के रुप में वसूल की गई है. इस प्रकार 1 जुलाई से अब तक 41 कांड दर्ज किये गये हैं और 58 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है. कुल 23,162 वाहन जब्त किए गए हैं और करीब 05 करोड़ 45 लाख 16 हजार 115 रुपए की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है.

उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने वाले लोगों पर भी लगातार कार्रवाई की जा रही है. पिछले 24 घंटे में मास्क नहीं पहनने वाले 5,905 व्यक्तियों से 2 लाख 95 हजार 250 रूपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है. इस प्रकार 05 जुलाई से अब तक मास्क नहीं पहनने वाले 1,26,115 व्यक्तियों से 63 लाख 05 हजार 750 रूपये की जुर्माना राशि वसूल की गयी है. कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों और नये दिशा-निर्देशों का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं.

'जुलाई से ही नए राशन कार्ड धारियों को मिल आनाज'
इसके अलावे व खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण के सचिव विनय कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में जितने भी श्रमिक लौटकर आये हैं और पहले से छूटे हुए यहां जो लोग हैं, लगभग उन सभी को नये राशन कार्ड निर्गत जा चुका है. इसके लिए अभियान चलाकर 23 लाख 38 हजार 990 परिवारों को नये राशन कार्ड निर्गत किये गये. 22 लाख 45 हजार से अधिक राशन कार्ड लाभुक परिवारों के बीच वितरित किये जा चुके हैं.

जुलाई महीने से जो नये चक्र में राशन बंट रहे हैं, उसमे ये सभी 23 लाख 38 हजार 990 राशन कार्डधारी लाभुक परिवार शामिल हो गये है. इन परिवारों को जुलाई महीने से जन वितरण प्रणाली के अंतर्गत 5 किलोग्राम अनाज प्रति परिवार प्रति सदस्य की दर से के साथ-साथ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत भी उतनी ही मात्रा में मुफ्त अनाज और प्रति परिवार एक किलोग्राम चना या दाल का लाभ दिया जा रहा है. पिछले महीने राज्य में 1 करोड़ 40 लाख राशन कार्डों के विरुद्ध राषन वितरण किया गया था. सभी राशन कार्डधारियों ने अपने अंगूठे के निशान के साथ-साथ बायोमेट्रिक सत्यापन भी किया और उन्हें पूरी पारदर्शिता के साथ राशन कार्ड के विरुद्ध राशन दिया गया। वन नेशन, वन राशन कार्ड में बिहार शामिल है और बिहार के कई लोग दूसरे राज्यों में तथा दूसरे जिले में अपने राशन कार्ड का प्रयोग कर अनाज ले रहे हैं.

विनय कुमार ने बताया कि वर्तमान भी अगर कोई लाभुक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में है और वह छुटा हुआ है तो उसे राशन कार्ड मिलेगा, इसके लिए लोक सेवा अधिकार अधिनियम के तहत छूटे हुए लोगों का आवेदन लिया जाएगा. राज्य के कई जिले में पीडीएस डीलर्स की रिक्तियां हैं, इसके लिए जिला प्रशासन को नये लाइसेंस निर्गत करने हेतु निर्देश दिया गया है और इसपर कार्रवाई चल रही है. उन्होंने बताया कि एफसीआई के गोदाम से लेकर अनाज की ढुलाई, भंडारण और लाभुक परिवारों के बीच राशन वितरित करने की पूरी प्रक्रिया कम्प्यूटराइजड है. हर ट्रक की जीपीएस ट्रैकिंग लगातार होती रहती है आधार जांच शुरू होने के कारण अब कोई दूसरे का अनाज नहीं उठा सकता है इसलिए गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है. उन्होंने बताया कि विभाग का अगला कदम है राशन वितरण में अनाज के वजन को सुनिश्चित करना ताकि सही मात्रा में सही गुणवत्ता का अनाज लाभुक परिवारों को मिले.

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