पटना: प्रदेश के कई जिलों में पिछले 3 दिनों से हो रही भारी बारिश (Heavy Rain in Bihar) से एक बार फिर से बाढ़ का खतरा (Fear of Flood Due to Rain in Bihar) मंडराने लगा है. बिहार में इस बार जून महीने से ही बाढ़ ने तांडव मचाना शुरू कर दिया था. प्रदेश में अब तक चार बार बाढ़ आ चुकी है और पांचवी बार बाढ़ का खतरा बना हुआ है. किशनगंज, अररिया, सुपौल, दरभंगा और मधुबनी में नदियों के उफान (Many Rivers in Spate) के कारण यह स्थिति बनी है.
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गौरतलब है कि महानंदा, कमला बलान और कोसी नदी में आए उफान के कारण लोगों की परेशानी बढ़ी हैं. कमला बलान नदी झंझारपुर में लाल निशान से ऊपर बह रही है. वहीं, महानंदा भी ढेंगरा घाट पर 47 सेंटीमीटर ऊपर है. जबकि महानंदा नदी किशनगंज जिले के तैयबपुर में 50 सेंटीमीटर ऊपर और अररिया में परमान नदी 80 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है.
बिहार सरकार ने 15 अक्टूबर तक की बाढ़ से जो क्षति हुई है. उसकी रिपोर्ट तैयार कर ली है. उसी रिपोर्ट के आधार पर लोगों को मदद दी जा रही है. मुख्यमंत्री ने बुधवार को समीक्षा बैठककर पिछले 3 दिनों में हुई बारिश के चलते हुई क्षति का आकलन करने का निर्देश दिया है.
मौसम विभाग ने उत्तर बिहार के सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. इन जिलों में लगातार बारिश हो रही है. इसके अलावा सिवान, पश्चिम और पूर्वी चंपारण, गोपालगंज और सारण में भी कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है. लगातार हो रही बारिश से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और उनकी मुश्किलें बढ़ गयी हैं.
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