पटना: कोरोना वायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन जारी है. जिसको लेकर देश में कई प्रकार की समस्याएं सामने आ रही हैं. आजकल उसी में एक राज्य के कोटा में फंसे छात्रों का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है. मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर पप्पू यादव तक कोटा में फंसे बिहार के छात्रों पर अपना मत रख चुके हैं. वहीं, शनिवार को आइसा संगठन के छात्रों ने लॉकडाउन में फंसे छात्रों की वापसी के लिए 12 घंटे का उपवास रखा है.
दरअसल, कोटा विवाद की कहानी उत्तर प्रदेश से शुरू होती हैं. जहां, यूपी सरकार कोटा में अपने फंसे अपने छात्रों को वापस लाने का फैसला करती है. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यूपी सरकार के निर्णय को लॉकडाउन नियमों के खिलाफ बताकर विपक्षियों को हमला करने का मौका दे दिया. सीएम के बयान का आलोचना करते हुए पप्पू यादव ने छात्रों को लाने के लिए सरकार को 50 बसों का ऑफर दे दिया.
'राज्य के लोगों के प्रति सरकार का रवैया उदासीन'
इसी क्रम में आज आइसा संगठन के कुछ छात्र भी लॉकडाउन में कोटा समेत देश के तमाम राज्यों में बड़ी संख्या में फंसे छात्र और मजदूरों को वापस लाने की मांंग पर 12 घंटे का अनशन पर बैठ गए हैं. मौके पर छात्रों ने कहा कि दूसरे राज्य की सरकार अपने छात्रों को वापस लाने की कवायद कर रही है. वहीं, इसके उलट बिहार सरकार राज्य के लोगों के प्रति काफी उदासीन रवैया अपना रही है.
'छात्रों की वापसी का अविलंब प्रबंध करे सरकार'
गौरतलब है कि उपवासरत छात्रों ने मौके पर लॉकडाउन नियमों सोशल डिस्टेंसिनग और स्टे होम को भी फॉलो किया है. छात्रों ने बताया कि दूसरे राज्य तो छोड़िए, पटना में राज्य के विभिन्न जिलों के छात्र फंसे हुए हैं. पटना के कई छात्रावासों में भी हजारों छात्र भुख और प्यास से जूझ रहे हैं. साथ ही छात्रों ने मौके पर सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि सरकार अविलम्ब छात्रों की वापसी का प्रबंध करे.