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Buxar Farmer Protest : बक्सर में अश्विनी चौबे को झेलना पड़ा विरोध, लगे मुर्दाबाद के नारे

बक्सर में चौसा के पीड़ितों से मिलने पहुंचे केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को तुरंत ही लौटना पड़ा. उनके चौसा पहुंचते ही लोग उग्र हो गए. सुरक्षाकर्मियों ने सख्त प्रोटेक्शन में उन्हें कार में ले जाकर बैठाया. ऐसे में एक बार फिर वहां बखेड़ा होते-होते बचा.. पढ़ें-

Union Minister Ashwini Choubey
Buxar Farmer Protest
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Published : Jan 12, 2023, 6:41 PM IST

Updated : Jan 12, 2023, 7:08 PM IST

चौसा में अश्विनी चौबे का विरोध, लोगों ने कार तक दौड़ाया

बक्सर: बिहार में बक्सर के चौसा थर्मल पावर प्लांट के मुआवजे का मुद्दा गरम हो चुका है. चौसा में पुलिसिया लाठीचार्ज और बरबरता के बाद इसपर सियासत भी शुरू हो गई है. बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे बक्सर के चौसा पहुंचे जहां उन्होंने पीड़ित किसानों को मरहम लगाने का काम किया. लेकिन इसी बीच कुछ किसान उनकी मौजूदगी से भड़क गए. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगने लगे.

ये भी पढ़ें- 'धृतराष्ट्र बनकर सब कुछ देख रहे हैं नीतीश कुमार', बक्सर पुलिस की बर्बरता पर बोले अश्विनी चौबे

लोगों का इसलिए फूटा गुस्सा: दरअसल, मीडिया कर्मियों से बात करते हुए अश्विनी चौबे कह रहे थे कि लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों को नीतीश सरकार बर्खास्त करे. ऐसी कार्रवाई तो आतंकवादियों के लिए भी नहीं की जाती. इसी बीच जब उनसे किसी ने पूछा कि आंदोलन तो पहले से चल रहा था. लाठीचार्ज के पहले आप 88 दिन से कहां थे? इसी सवाल पर अश्विनी चौबे असहज हो गए. लेकिन, उन्होंने इस सवाल का जवाब न देकर अपना भाषण जारी रखा.

''जब गोली चली तो धृतराष्ट्र कुमार बनकर के और जिन पुलिसकर्मियों ने कानून हाथ में लेकर लाठीचार्ज किया है उन पुलिसकर्मियों को सरकार बर्खास्त करे. जो भी किसानों पर झूठे केस हुए उसे सरकार वापस ले. किसानों पर लाठीचार्ज क्यों किया गया. आप उन किसानों की बातों को सुन लेते. आपने FIR कर दिया और रात में पकड़ने चले गए.''- अश्विनी चौबे, केंद्रीय मंत्री

समय रहते नहीं सुलझाया गया मुद्दा? : लोगों का गुस्सा इस बात का था कि मुद्दा पुराना होने के बावजूद किसी भी पार्टी की ओर से किसानों की समस्या को समय रहते सुलझाया नहीं गया. बक्सर के चौसा में एसजेवीएन द्वारा पावर प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया था. 2010-11 में ही उसवक्त के समय के अनुसार भुगतान किया गया था. हालांकि कंपनी 2022 में किसानों की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू किया. अब किसान वर्तमान दर के अनुसार मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

अश्विनी चौबे को उल्टे पांव लौटना पड़ा: केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को उनके सुरक्षा गार्डों ने प्रोटेक्शन देते हुए उन्हें उनकी कार तक पहुंचाया. ईटीवी भारत के पास वो वीडियो भी है जिसमें जवान उन्हें सुरक्षित तरीके से उनकी कार की तरफ तेजी से बढ़ रहे थे. पीछे पुलिस की एक टीम लोगों की भीड़ को कंट्रोल करने की कोशिश करती रही. अश्विनी चौबे को इसतरह जाता देख लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी भी शुरू कर दी. हालांकि धरना स्थल की माइक से बार-बार अपील की जा रही थी कि कोई अगर जन प्रतिनिधि आता है तो उसे समस्याओं को सुनने दिया जाए.

सुरक्षाकर्मियों ने केंद्रीय मंत्री को सुरक्षित कार तक पहुंचाया: भीड़ के उग्र रूप को देखते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को कार में बैठा दिया जाता है. उसी बीच अश्विनी चौबे के खिलाफ नारेबाजी भी शुरु हो जाती है. एक किसान ठीक उनकी गाड़ी के नजदीक पहुंच जाता है. जिसे उनके कमांडो ने खींचकर हटाया. कार के पास गांव वालों की संख्या अचानक बढ़ने लगी. जब उनकी कार धरना स्थल से दूर हुई तब सुरक्षा कर्मियों की जान में जान आई.

लंबे समय से चल रहा था आंदोलन : बक्सर के चौसा में एसजेवीएन द्वारा पावर प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया था. पिछले कई महीने से आंदोलन भी चल रहा है. आरोप है कि मंगलवार की देर रात पुलिस ग्रामीणों के घर में घुसकर महिलाओं, पुरुषों और बच्चों पर लाठीचार्ज किया. जिसमें कई लोग घायल हो गए. इस मामले में प्रदेश की सियासत भी गरम हो गई है.

चौसा में अश्विनी चौबे का विरोध, लोगों ने कार तक दौड़ाया

बक्सर: बिहार में बक्सर के चौसा थर्मल पावर प्लांट के मुआवजे का मुद्दा गरम हो चुका है. चौसा में पुलिसिया लाठीचार्ज और बरबरता के बाद इसपर सियासत भी शुरू हो गई है. बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे बक्सर के चौसा पहुंचे जहां उन्होंने पीड़ित किसानों को मरहम लगाने का काम किया. लेकिन इसी बीच कुछ किसान उनकी मौजूदगी से भड़क गए. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगने लगे.

ये भी पढ़ें- 'धृतराष्ट्र बनकर सब कुछ देख रहे हैं नीतीश कुमार', बक्सर पुलिस की बर्बरता पर बोले अश्विनी चौबे

लोगों का इसलिए फूटा गुस्सा: दरअसल, मीडिया कर्मियों से बात करते हुए अश्विनी चौबे कह रहे थे कि लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों को नीतीश सरकार बर्खास्त करे. ऐसी कार्रवाई तो आतंकवादियों के लिए भी नहीं की जाती. इसी बीच जब उनसे किसी ने पूछा कि आंदोलन तो पहले से चल रहा था. लाठीचार्ज के पहले आप 88 दिन से कहां थे? इसी सवाल पर अश्विनी चौबे असहज हो गए. लेकिन, उन्होंने इस सवाल का जवाब न देकर अपना भाषण जारी रखा.

''जब गोली चली तो धृतराष्ट्र कुमार बनकर के और जिन पुलिसकर्मियों ने कानून हाथ में लेकर लाठीचार्ज किया है उन पुलिसकर्मियों को सरकार बर्खास्त करे. जो भी किसानों पर झूठे केस हुए उसे सरकार वापस ले. किसानों पर लाठीचार्ज क्यों किया गया. आप उन किसानों की बातों को सुन लेते. आपने FIR कर दिया और रात में पकड़ने चले गए.''- अश्विनी चौबे, केंद्रीय मंत्री

समय रहते नहीं सुलझाया गया मुद्दा? : लोगों का गुस्सा इस बात का था कि मुद्दा पुराना होने के बावजूद किसी भी पार्टी की ओर से किसानों की समस्या को समय रहते सुलझाया नहीं गया. बक्सर के चौसा में एसजेवीएन द्वारा पावर प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया था. 2010-11 में ही उसवक्त के समय के अनुसार भुगतान किया गया था. हालांकि कंपनी 2022 में किसानों की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू किया. अब किसान वर्तमान दर के अनुसार मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

अश्विनी चौबे को उल्टे पांव लौटना पड़ा: केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को उनके सुरक्षा गार्डों ने प्रोटेक्शन देते हुए उन्हें उनकी कार तक पहुंचाया. ईटीवी भारत के पास वो वीडियो भी है जिसमें जवान उन्हें सुरक्षित तरीके से उनकी कार की तरफ तेजी से बढ़ रहे थे. पीछे पुलिस की एक टीम लोगों की भीड़ को कंट्रोल करने की कोशिश करती रही. अश्विनी चौबे को इसतरह जाता देख लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी भी शुरू कर दी. हालांकि धरना स्थल की माइक से बार-बार अपील की जा रही थी कि कोई अगर जन प्रतिनिधि आता है तो उसे समस्याओं को सुनने दिया जाए.

सुरक्षाकर्मियों ने केंद्रीय मंत्री को सुरक्षित कार तक पहुंचाया: भीड़ के उग्र रूप को देखते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को कार में बैठा दिया जाता है. उसी बीच अश्विनी चौबे के खिलाफ नारेबाजी भी शुरु हो जाती है. एक किसान ठीक उनकी गाड़ी के नजदीक पहुंच जाता है. जिसे उनके कमांडो ने खींचकर हटाया. कार के पास गांव वालों की संख्या अचानक बढ़ने लगी. जब उनकी कार धरना स्थल से दूर हुई तब सुरक्षा कर्मियों की जान में जान आई.

लंबे समय से चल रहा था आंदोलन : बक्सर के चौसा में एसजेवीएन द्वारा पावर प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया था. पिछले कई महीने से आंदोलन भी चल रहा है. आरोप है कि मंगलवार की देर रात पुलिस ग्रामीणों के घर में घुसकर महिलाओं, पुरुषों और बच्चों पर लाठीचार्ज किया. जिसमें कई लोग घायल हो गए. इस मामले में प्रदेश की सियासत भी गरम हो गई है.

Last Updated : Jan 12, 2023, 7:08 PM IST
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