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अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे AIKS, कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग

अखिल भारतीय किसान महासभा ने पटना के धरना स्थल गर्दनीबाग में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया. वहीं, किसान सभा के नेता धीरेंद्र झा ने कहा कि जब तक सरकार तीनों काले कानून को वापस नहीं ले लेती, तब तक यह धरना जारी रहेगा.

Farmer StrikeFarmer Strike
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Published : Jan 7, 2021, 9:05 PM IST

पटना: दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में और तीनों कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा ने पटना के धरना स्थल गर्दनीबाग में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया. सोशल डिस्टेंसिंग अपनाते हुए सैकड़ों की संख्या में अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए.

जारी रहेगा अनिश्चितकालीन धरना
'जब तक सरकार तीनों काले कानून को वापस नहीं ले लेती, तब तक यह अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा. मोदी सरकार अडानी-अंबानी के लिए काम कर रही है, इन्हें जनता से कोई लेना-देना नहीं. सरकार को जो भ्रम हुआ है कि यह आंदोलन किसानों का नहीं है, वह भ्रम टूटने वाला है.'- धीरेंद्र झा, नेता, अखिल भारतीय किसान महासभा

देखें वीडियो

कृषि कानून को रद्द करने की मांग
राज्यव्यापी आह्वान पर बिहार के सभी जिलों में किसान धरने पर बैठ गए हैं और सभी की बस एक ही मांग है कि सरकार तीनों कृषि विरोधी कानून और बिजली बिल 2020 को वापस ले. किसानों ने मूड बना लिया है कि चाहे जो हो जाए जब तक सरकार अपने काले कानून को रद्द नहीं करती तब तक आंदोलन जारी रहेगा. जब तक तीनों कृषि विरोधी काले कानून की वापसी नहीं तब तक किसानों के घर वापसी नहीं होगी.

पटना: दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में और तीनों कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा ने पटना के धरना स्थल गर्दनीबाग में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया. सोशल डिस्टेंसिंग अपनाते हुए सैकड़ों की संख्या में अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए.

जारी रहेगा अनिश्चितकालीन धरना
'जब तक सरकार तीनों काले कानून को वापस नहीं ले लेती, तब तक यह अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा. मोदी सरकार अडानी-अंबानी के लिए काम कर रही है, इन्हें जनता से कोई लेना-देना नहीं. सरकार को जो भ्रम हुआ है कि यह आंदोलन किसानों का नहीं है, वह भ्रम टूटने वाला है.'- धीरेंद्र झा, नेता, अखिल भारतीय किसान महासभा

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कृषि कानून को रद्द करने की मांग
राज्यव्यापी आह्वान पर बिहार के सभी जिलों में किसान धरने पर बैठ गए हैं और सभी की बस एक ही मांग है कि सरकार तीनों कृषि विरोधी कानून और बिजली बिल 2020 को वापस ले. किसानों ने मूड बना लिया है कि चाहे जो हो जाए जब तक सरकार अपने काले कानून को रद्द नहीं करती तब तक आंदोलन जारी रहेगा. जब तक तीनों कृषि विरोधी काले कानून की वापसी नहीं तब तक किसानों के घर वापसी नहीं होगी.

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