पटना: सीएम नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) के जनता दरबार (Janta Darbar) में फरियादी अपनी फरियाद लेकर पहुंच रहे हैं. जहां मुख्यमंत्री जनता दरबार में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे लोगों की समस्याओं को सुन रहे हैं. इसी बीच बांका जिले से एक किसान अपनी समस्या को लेकर पहुंचा.
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मुख्यमंत्री के जनता दरबार में बांका से आए एक किसान ने नीतीश कुमार के सामने अधिकारियों के कामकाज को लेकर सवाल उठाए. किसान ने कहा कि हमारे धान की खरीदारी कर ली गई है. लेकिन उसका पैसा नहीं दिया गया. सब जगह दौड़-भाग कर लिए लेकिन काम कहीं नहीं किया जा रहा है.
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विभाग को भी पत्र लिखे लेकिन काम नहीं हुआ. किसान की समस्याओं को सुनकर नीतीश कुमार ने कहा कि आपको सहकारिता विभाग के पास भेज रहे हैं. अपनी बात रख दीजिएगा. लेकिन किसान ने कहा कि कोई मतलब नहीं है सर. क्योंकि कोई काम ही नहीं कर रहा, तो जाने का क्या मतलब है.
इस दौरान नीतीश कुमार ने कम से कम दो बार किसान को बोले कि सहकारिता विभाग के पास जाइये. लेकिन किसान लगातार यही कहता रहा कि काम नहीं होता है. कहीं जाने का कोई मतलब ही नहीं है.
'सर मेरी समस्या यह है कि हम पैक्स में 511 बोरा धान बेचे थे. धान का पैसा अभी तक नहीं मिला. सर बताइये कहां जाए. सर क्षमा कर दीजिए हमें, हम इकदम बर्बाद हो गए हैं.' -फरियादी किसान
मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद के बगल में बनाए गए विशेष हॉल में ये कार्यक्रम हो रहा है. जिसमें संबंधित विभाग के मंत्री और सभी आला अधिकारी मौजूद हैं. मुख्यमंत्री ऑन द स्पॉट लोगों की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं. जनता दरबार में इस बार कोरोना गाइडलाइन का खास ध्यान रखा गया है.
हॉल के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए चेयर लगाए गए हैं. हॉल के बाहर मेडिकल टीम की भी व्यवस्था है. मुख्यमंत्री ने इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू की खराब परफॉर्मेंस के बाद फिर से जनता दरबार लगाने की घोषणा की थी. कोरोना महामारी के कारण जनता दरबार पहले शुरू नहीं हो पाया था.