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मसौढ़ी में किसान चौपाल का आयोजन, गीत-संगीत के जरिए बताए आधुनिक खेती के गुर - Farmer Awareness Program in Masaurhi

पटना के मसौढ़ी अनुमंडल में इन दिनों कृषि विभाग द्वारा किसान चौपाल ( Kisan Chaupal In Masaurhi ) में गीत-संगीत एवं नुक्कड़ नाटक के जरिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

कृषि विभाग का जागरुकता कार्यक्रम
कृषि विभाग का जागरुकता कार्यक्रम
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Published : Jan 9, 2022, 3:47 PM IST

पटना: राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी अनुमंडल में इन दिनों कृषि विभाग द्वारा गीत-संगीत एवं नुक्कड़ नाटक के जरिए विभिन्न गांव में घूम-घूमकर इन कला जत्था की टोली किसानों के बीच जाकर उन्हें सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में (Farmer Awareness Program in Masaurhi) जागरूक कर रही है. किसानों को वैज्ञानिक खेती की ओर आगे आने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

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सगीत किसान चौपाल के जरिए लोगों को खेतों में पराली नहीं जलाने, जल जीवन हरियाली, वृक्षारोपण, पौधा संरक्षण, फसल प्रबंधन के अलावा मल्टी फार्मिंग के जरिए किसान अपनी आय को दूर कैसे करें. इस तकनीक के बारे में लोगों को जानकारी दी जा रही है. किसानों को पारंपरिक खेती से हटकर आधुनिक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है. मसौढ़ी के निशियावां गांव में रविवार को कला जत्था का टीम आज पहुंची, जहां पर सभी किसानों को गीत संगीत एवं नुक्कड़ नाटक के जरिए आधुनिक खेती करने के फायदे बताये गये.

देखें वीडियो

'सरकार के विभिन्न योजनाओं को अब गांव-गांव में गीत- संगीत एवं नुक्कड़ नाटक के जरिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है.उन्हें आधुनिक खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.' :- राकेश कुमार, तकनीक प्रबंधक, कृषि कार्यालय मसौढ़ी

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कार्यक्रम में गीत-संगीत और मनोरंजन के जरिए उन्हें बताया गया कि, खेतों में पराली ना जलाएं, मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है. खेतों में इन दिनों रबी की बुआई चल रही है. जिसमें लगातार रासायनिक खाद का प्रयोग किया जा रहा है. जिसको लेकर जैविक खाद का प्रयोग करने की सलाह दी जा रही है. साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होने के विभिन्न उपाय को बतलाए गए.

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पटना: राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी अनुमंडल में इन दिनों कृषि विभाग द्वारा गीत-संगीत एवं नुक्कड़ नाटक के जरिए विभिन्न गांव में घूम-घूमकर इन कला जत्था की टोली किसानों के बीच जाकर उन्हें सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में (Farmer Awareness Program in Masaurhi) जागरूक कर रही है. किसानों को वैज्ञानिक खेती की ओर आगे आने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

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सगीत किसान चौपाल के जरिए लोगों को खेतों में पराली नहीं जलाने, जल जीवन हरियाली, वृक्षारोपण, पौधा संरक्षण, फसल प्रबंधन के अलावा मल्टी फार्मिंग के जरिए किसान अपनी आय को दूर कैसे करें. इस तकनीक के बारे में लोगों को जानकारी दी जा रही है. किसानों को पारंपरिक खेती से हटकर आधुनिक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है. मसौढ़ी के निशियावां गांव में रविवार को कला जत्था का टीम आज पहुंची, जहां पर सभी किसानों को गीत संगीत एवं नुक्कड़ नाटक के जरिए आधुनिक खेती करने के फायदे बताये गये.

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'सरकार के विभिन्न योजनाओं को अब गांव-गांव में गीत- संगीत एवं नुक्कड़ नाटक के जरिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है.उन्हें आधुनिक खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.' :- राकेश कुमार, तकनीक प्रबंधक, कृषि कार्यालय मसौढ़ी

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कार्यक्रम में गीत-संगीत और मनोरंजन के जरिए उन्हें बताया गया कि, खेतों में पराली ना जलाएं, मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है. खेतों में इन दिनों रबी की बुआई चल रही है. जिसमें लगातार रासायनिक खाद का प्रयोग किया जा रहा है. जिसको लेकर जैविक खाद का प्रयोग करने की सलाह दी जा रही है. साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होने के विभिन्न उपाय को बतलाए गए.

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