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'दुर्गा पूजा पर घर आने वाले थे, टिकट हो गया था कन्फर्म.. आतंकियों ने पापा को मार डाला' - मुख्यमंत्री राहत कोष से दी गई मदद

श्रीनगर में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में तीन बेगुनाहों की दर्दनाक मौत हो गई. जिसमें भागलपुर के जगदीशपुर थाना क्षेत्र के सैदपुर गांव निवासी वीरेंद्र पासवान भी शामिल थे. इस घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया है. पत्नी पुतुल देवी ने बताया कि पति परिवार में अकेले कमाने वाले थे. उनके जाने के बाद कोई भी सहारा नहीं है. पढ़ें पूरी खबर..

Financial crisis on family after Virendra Paswan murder in Srinagar
Financial crisis on family after Virendra Paswan murder in Srinagar
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Published : Oct 8, 2021, 12:41 PM IST

पटना: बीते मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के लालबाग में हुए आतंकी हमले (Terrorist Attack in Srinagar) में जगदीशपुर के रहने वाले वीरेंद्र पासवान की मौत (Virendra Paswan died) हो गई थी. वे पिछले ढाई साल से श्रीनगर में रहकर गोलगप्पे की दुकान चलाकर बिहार में रह रहे अपने बाल बच्चों का भरण पोषण करते थे. लेकिन इस घटना के बाद अब परिवार का कोई भी सहारा नहीं है.

यह भी पढ़ें - आतंकी हमले में मारे गए वीरेंद्र के परिवार से कांग्रेस नेता अजीत शर्मा ने की मुलाकात, मदद का दिया भरोसा

मृतक की पत्नी पुतुल देवी ने बताया कि 'सोमवार को दोपहर 1 बजे पति वीरेंद्र पासवान से बात हुई थी. इस दौरान उन्होंने दुर्गा पूजा पर घर आने की बात कही थी. भागलपुर आने के लिए ट्रेन का टिकट भी हो चुका था. लेकिन इसके बाद फोन आया कि आतंकी हमले में उनकी मौत हो गई है.'

देखें वीडियो

पुतुल देवी ने बताया कि 'पति पिछले ढाई वर्ष से श्रीनगर में अपने एक चचेरे भाई वीरेंद्र पासवान और भतीजा विकास पासवान के साथ रह रहे थे. वीरेंद्र श्रीनगर के मदीना चौक लाल बाजार के पास ठेला पर गोलगप्पे की दुकान चलता थे. मेरे ऊपर जो कर्ज है और तीन बेटियों की शादी का बोझ, उसकी जिम्मेदारी कौन उठाएगा.'

वीरेंद्र पासवान की मौत के बाद अब परिवार का कोई भी सहारा नहीं है. मृतक की पत्नी पुतुल देवी ने रोते हुए बताया कि 'जीविका से 73 हजार रुपए का ऋण लिया है. वीरेंद्र ही ऋण का हर महीने पैसे चुकता करता था लेकिन अब ऋण की राशि वापस करना मुश्किल होगा. क्योंकि घर में अकेला कमाने वाले वीरेंद्र पासवान ही थे.'

मृतक वीरेंद्र के पुत्र विक्रम ने बताया कि वे दो भाई और चार बहन हैं. एक बहन की शादी हो चुकी है. एक बहन नीतू कुमारी बारहवीं पास है, जबकि नेहा कुमारी इंटर की पढ़ाई कर रही है. वहीं एक बहन मोनिका भी पढ़ाई कर रही है. भाई सुमन मैट्रिक में पड़ता है. पिताजी परिवार में अकेले कमाने वाले थे और हम सभी भाई-बहन पढ़ाई करते थे. उन्होंने बताया कि उनके परिवार पर 73 हजार रुपये का लोन है.

बात दें कि इस घटना के 2 दिन बीत जाने के बाद भी मृतक के परिवार से मिलने के लिए सत्ताधारी दल के नेता और जिला प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा नहीं पहुंचा. हालांकि, तीसरे दिन कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता (Congress Legislature Party Leader) अजीत शर्मा पीड़ित परिवार से मिलने उनके घर पहुंचे.

वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना को काफी दुखद बताया है. मुख्यमंत्री ने आतंकी हमले में मृत वीरेंद्र पासवान के निकटतम आश्रित को मुख्यमंत्री राहत कोष से दो लाख रुपये देने की घोषणा की है. साथ ही श्रम संसाधन विभाग एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से नियमानुसार अन्य लाभ दिलाने का अधिकारियों को निर्देश दिया है.

यह भी पढ़ें - आतंकी हमले में मारे गए कश्मीरी पंडित के परिवार से मिले फारूक अब्दुल्ला, जताया दुख

पटना: बीते मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के लालबाग में हुए आतंकी हमले (Terrorist Attack in Srinagar) में जगदीशपुर के रहने वाले वीरेंद्र पासवान की मौत (Virendra Paswan died) हो गई थी. वे पिछले ढाई साल से श्रीनगर में रहकर गोलगप्पे की दुकान चलाकर बिहार में रह रहे अपने बाल बच्चों का भरण पोषण करते थे. लेकिन इस घटना के बाद अब परिवार का कोई भी सहारा नहीं है.

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मृतक की पत्नी पुतुल देवी ने बताया कि 'सोमवार को दोपहर 1 बजे पति वीरेंद्र पासवान से बात हुई थी. इस दौरान उन्होंने दुर्गा पूजा पर घर आने की बात कही थी. भागलपुर आने के लिए ट्रेन का टिकट भी हो चुका था. लेकिन इसके बाद फोन आया कि आतंकी हमले में उनकी मौत हो गई है.'

देखें वीडियो

पुतुल देवी ने बताया कि 'पति पिछले ढाई वर्ष से श्रीनगर में अपने एक चचेरे भाई वीरेंद्र पासवान और भतीजा विकास पासवान के साथ रह रहे थे. वीरेंद्र श्रीनगर के मदीना चौक लाल बाजार के पास ठेला पर गोलगप्पे की दुकान चलता थे. मेरे ऊपर जो कर्ज है और तीन बेटियों की शादी का बोझ, उसकी जिम्मेदारी कौन उठाएगा.'

वीरेंद्र पासवान की मौत के बाद अब परिवार का कोई भी सहारा नहीं है. मृतक की पत्नी पुतुल देवी ने रोते हुए बताया कि 'जीविका से 73 हजार रुपए का ऋण लिया है. वीरेंद्र ही ऋण का हर महीने पैसे चुकता करता था लेकिन अब ऋण की राशि वापस करना मुश्किल होगा. क्योंकि घर में अकेला कमाने वाले वीरेंद्र पासवान ही थे.'

मृतक वीरेंद्र के पुत्र विक्रम ने बताया कि वे दो भाई और चार बहन हैं. एक बहन की शादी हो चुकी है. एक बहन नीतू कुमारी बारहवीं पास है, जबकि नेहा कुमारी इंटर की पढ़ाई कर रही है. वहीं एक बहन मोनिका भी पढ़ाई कर रही है. भाई सुमन मैट्रिक में पड़ता है. पिताजी परिवार में अकेले कमाने वाले थे और हम सभी भाई-बहन पढ़ाई करते थे. उन्होंने बताया कि उनके परिवार पर 73 हजार रुपये का लोन है.

बात दें कि इस घटना के 2 दिन बीत जाने के बाद भी मृतक के परिवार से मिलने के लिए सत्ताधारी दल के नेता और जिला प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा नहीं पहुंचा. हालांकि, तीसरे दिन कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता (Congress Legislature Party Leader) अजीत शर्मा पीड़ित परिवार से मिलने उनके घर पहुंचे.

वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना को काफी दुखद बताया है. मुख्यमंत्री ने आतंकी हमले में मृत वीरेंद्र पासवान के निकटतम आश्रित को मुख्यमंत्री राहत कोष से दो लाख रुपये देने की घोषणा की है. साथ ही श्रम संसाधन विभाग एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से नियमानुसार अन्य लाभ दिलाने का अधिकारियों को निर्देश दिया है.

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