मधुबनी: महमदपुर का मामला गैंगवार से पूरी तरह जातीय हत्याकांड में शिफ्ट हो चुका है. सियासी रोटियां सेंकने के लिए राजनीतिक दल जबर्दस्ती बिहार को जातीय दंगे में झोंकने की कोशिश में जुटे हैं. मछली विवाद ने बिहार के एक ही परिवार के पांच सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया. 11 बच्चों के सिर से पिता का साया छिन गया है. पांच महिलाओं की मांग उजड़ गई है. लेकिन सवाल वहीं की परिवार का क्या?
'मेरे सामने पिता की हत्या कर दी गई. तड़प-तड़प कर मेरे पिता की मौत हो गई. अब हमलोगों को कौन देखेगा. हमलोग अनाथ हो गए. अभी तक क्यों नहीं कार्रवाई हो रही है. लोग आते फोटो खिंचवाके चले जाते हैं. हमारी विधवा मां कैसै रहेगी': मृतक की बेटी
'बीजेपी के नेताओं की चाल से यह हत्या हुई है. मुझे भी गोली मारवा दो. मैं बेटा के बिना जिंदा नहीं रहना चाहता हूं. हमारे साथ अन्याय हुआ है. प्रशासन के लोग आरोपी से मिले हुए हैं': मृतक के पिता
तीन बेटे को एक साथ खोने वाले पिता सुरेंद्र सिंह आर्मी से रिटायर्ड हैं. तीन बेटे रणविजय सिंह, विरू सिंह और अमरेंद्र सिंह को अपराधियों ने होली के दिन गोली से भून दिया, जबकि उनके दिवंगत भाई तेज नारायण सिंह के बेटे और बीएसएफ के एएसआई राणा प्रताप सिंह, जो छुट्टी में घर आए हुए थे, अपराधियों की ताबड़तोड़ गोलीबारी में उनकी मौत हो गई. साथ ही महंथ रूद्र नारायण सिंह की भी गोलीकांड में मौत हो गई.
मामला बीते महीने मार्च की 29 तारीख को मधुबनी के महमदपुर गांव में हुआ. जहां मौके पर ही दो लोगों की अंधाधुंध गोलीबारी में मौत हो गई जबकि तीन ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. एक का इलाज डीएमसीएच दरभंगा में चल रहा है, जहां हालत नाजुक बनी हुई है.
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मधुबनी हत्याकांड में अब तक 16 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. अन्य फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है. बुधवार को पुलिस ने इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी प्रवीण झा और नवीन झा सहित 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार आरोपियों के नाम प्रवीण झा, नवीन झा, चंदन झा, भोला सिंह और मुकेश साफी है.
हत्याकांड में बीजेपी विधायक का नाम
बता दें कि बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी थाना क्षेत्र अंतर्गत महमदपुर गांव में 29 मार्च को 5 लोगों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में पूर्व मंत्री और बेनीपट्टी के बीजेपी विधायक विनोद नारायण झा का नाम भी सामने आ रहा है. विनोद नारायण झा के ऊपर आरोप लग रहे हैं कि उनकी आरोपियों के साथ सांठगांठ है और वह उनकी मदद कर रहे हैं. विनोद नारायण झा के ऊपर लगे इन्हीं आरोपों को लेकर उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए अपना बचाव किया है.
कहां से शुरू हुआ था विवाद?
जानकारी के अनुसार, नवंबर 2020 पोखर में मछली मारने को लेकर गैबीपुर गांव के दबंगों और महमदपुर गांव के संजय सिंह के बीच विवाद हुआ था. इस मामले में महमदपुर के संजय सिंह और गैबीपुर गांव के मुकेश साफी ने एक दूसरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. जानकारी के अनुसार, मुकेश साफी की शिकायत पर एसी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया. इसी मामले में पुलिस ने संजय सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. बताया जाता है कि दूसरी तरफ संजय सिंह ने गैबीपुर गांव के प्रवीण झा समेत गांव के अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की.
पोखर पर कब्जे को लेकर गैंगवार
जानकारी के अनुसार, मधुबनी के बेनीपट्टी के महमदपुर गांव में पोखर में मछली मारने को लेकर विवाद शुरू हुआ था. देखते ही देखते पूरा विवाद गैंगवार में बदल गया. हालांकि बाद में इसे जातीय रंग भी देने की भरपूर कोशिश की गई. कुछ हद तक सियासत करने वाले कामयाब भी रहे. हालांकि एफआईआर में 19 ब्राह्मण, 13 राजपूत, एक ईबीसी और दो एससी आरोपी हैं. ये सच है कि पीड़ित परिवार राजपूत जाति से हैं. स्थानीय के अनुसार, मछलीवाले पोखर पर कब्जे को लेकर दो गांवों के बीच का झगड़ा है. दोनों पोखर पर कब्जे की कोशिश कर रहे थे.
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