पटना: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) है, बावजूद इसके पिछले 15 दिनों में जहरीली शराब पीने की वजह से 60 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. कईयों ने अपनी आंखों की रोशनी खो दी है. कई लोग जहरीली शराब (Bihar Poisonous Liquor) पीने के बाद गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं, जिससे उनकी किडनी भी काफी डैमेज हो गई है. कई लोगों को अन्य प्रकार की बीमारियों ने घेर लिया है. ऐसे में जानते हैं कि आखिर जहरीली शराब होती क्या है.
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पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रदेश में शराबबंदी है. ऐसे में बहुत से लोग अवैध तरीके से शराब बना रहे हैं और अवैध ढंग से शराब ला रहे हैं. इसमें अधिकांश मिलावटी शराब होती है. मिलावटी शराब का मतलब यह कि शराब में नशे के लिए नशे की गोलियों का प्रयोग या फिर अन्य हानिकारक केमिकल का प्रयोग किया जाता है.
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चिकित्सक के मुताबिक खतरनाक केमिकल को यूज कर जो शराब बनाया जा रहा है, उस शराब को पीने से सबसे पहले असर आंखों पर पड़ता है. आंखों की रोशनी कम होने लगती है और कईयों की आंखें चली जाती है. इसके अलावा शरीर में इसका दूसरा सबसे एडवर्स इफेक्ट किडनी पर देखने को मिलता है और साथ ही साथ लीवर पर भी इसका काफी गंभीर असर पड़ सकता है. अगर जहरीली शराब पीने से किसी की तबीयत बिगड़ने लगती है तो उसे तुरंत हॉस्पिटलाइज करना चाहिए. ऐसा नहीं करने से व्यक्ति की जान जा सकती है.
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"डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रदेश में शराबबंदी है ऐसे में शराब पीना गैरकानूनी है. और बावजूद इसके लोग अवैध तरीके से शराब खरीद रहे हैं और पी रहे हैं. अवैध शराब बनाने वाले भी बेखौफ होकर खतरनाक केमिकल और नशीली पदार्थों का यूज़ करते हुए शराब तैयार कर रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि उस शराब का अगर टेस्ट किसी को खराब भी लगेगा तो वह कंप्लेंट करने नहीं जाएगा. किसी की जान पर भी अगर बन आए तो भी डर से लोग इसकी शिकायत नहीं करते हैं."- डॉ मनोज कुमार, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल
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डॉक्टर ने कहा कि जहरीली शराब पीने से अगर लोगों को परेशानी होती भी है वह अस्पताल नहीं जा रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर लग रहा है कि कहीं गिरफ्तार ना हो जाए. इसके कारण इलाज में देरी होने से जान तक चली जाती है. उन्होंने कहा कि अगर कोई जहरीली शराब पी लेता है और उसे परेशानी महसूस होने लगती है तो उसे निसंकोच सबसे पहले अस्पताल आना चाहिए और डॉक्टर से सभी बातें खुलकर बतानी चाहिए ताकि उसकी जान बचाई जा सके.
ऐसे बन जाती है शराब जहरीली: इसे बनाने का तरीका (Poisonous Liquor Making Process) हैरान करने वाला है. दरअसल, कच्ची शराब बनाने में महुए की लहन का इस्तेमाल होता है, जिसे पहले सड़ाना पड़ता है. उसे सड़ाने के लिए ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल किया जाता है. कई जगहों पर इसमें नौसादर और यूरिया भी मिलाया जाता है. सीधे शब्दों में कहें तो कच्ची शराब बनाने वाले उसे ज्यादा नशीला बनाने की कोशिश करते हैं और इसी चक्कर में कच्ची शराब जहरीली हो जाती है.
कच्ची शराब को अधिक नशीली बनाने के चक्कर में जहरीली हो जाती है. सामान्यत: इसे बनाने में गुड़, शीरा से लहन तैयार किया जाता है. लहन को मिट्टी में गाड़ दिया जाता है. इसमें यूरिया और बेसरमबेल की पत्ती डाला जाता है. अधिक नशीली बनाने के लिए इसमें ऑक्सिटोसिन मिला दिया जाता है, जो मौत का कारण बनती है.
कच्ची शराब में यूरिया और ऑक्सिटोसिन जैसे केमिल पदार्थ मिलाने की वजह से मिथाइल एल्कोल्हल बन जाता है. इसकी वजह से ही लोगों की मौत हो जाती है. मिथाइल शरीर में जाते ही केमिकल रिएक्शन तेज होता है. इससे शरीर के अंदरूनी अंग काम करना बंद कर देते हैं. इसकी वजह से कई बार तुरंत मौत हो जाती है.कुछ लोगों में यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है.