पटनाः चुनाव आयोग ने राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर हरी झंडी दिखा दी है और इसके साथ ही आचार संहिता लागू हो गई है. इस बार चुनाव आयोग ने बिहार में 3 फेज में ही चुनाव कराने का निर्णय लिया है, ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के इस संकट काल में बिहार जैसे राज्य में 3 फेज में चुनाव कराने में चुनाव आयोग को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
बिहार के वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि पहले बिहार में 5 फेज में चुनाव होते रहे हैं. यह सुरक्षा कारणों से होता रहा है. बिहार में दियारा और उग्रवाद प्रभावित इलाके में वोटिंग का समय कम दिया जाता था. जैसे कि पूरे राज्य में जहां शाम 5:00 बजे तक चुनाव होते थे ऐसे क्षेत्रों में 3:00 बजे ही मतदान समाप्त कर दिया जाता था.
शाम 6:00 बजे तक मतदान करने का निर्देश
इस बार अच्छी बात यह है कि मतदान का समय बढ़ा है और शाम 6:00 बजे तक मतदान करने का निर्देश जारी हुआ है. उन्होंने कहा कि अभी कोरोना महामारी का समय है, ऐसे में कोरोना संक्रमित वोटर किस तरह बूथ तक जाएंगे. इसके बारे में भी चुनाव आयोग ने कहा है कि वह सबसे आखिरी समय में जाकर चुनाव प्रक्रिया में भाग लेंगे.
'बढ़ जाएगी कोरोना फैलने की संभावना'
गंभीर सवाल यह है कि मतदान केंद्र पर कोरोना संक्रमित जब जाएंगे तो उन्हें मतदान प्रक्रिया में शामिल कराने के लिए लगे कई कर्मी उनके क्लोज कांटेक्ट में आ सकते हैं. इससे कईयों में कोरोना फैलने की संभावना भी बढ़ जाएगी.
रवि उपाध्याय ने कहा कि बिहार में सुरक्षा कारणों से 5 और उससे अधिक फेज में चुनाव होते रहे हैं और इस बार कोरोना के साथ कई जिले में बाढ़ भी गंभीर समस्या बनी हुई है. ऐसे में 3 फेज में चुनाव कराने में चुनाव आयोग को कई चुनौतियां आएंगी.
चुनावी तैयारी में भाजपा सबसे आगे
चुनाव की घोषणा होने तक राज्य में कौन से राजनीतिक दल मजबूत स्थिति में हैं, इस पर रवि उपाध्याय ने बताया कि बिहार में जितने भी अभी राजनीतिक दल हैं. उसमें भाजपा वर्चुअल रैली के माध्यम से तैयारियों में सबसे आगे है. जदयू और कांग्रेस भी अब हाल के दिनों में कई वर्चुअल कार्यक्रम कर रहे हैं.
रवि उपाध्याय ने कहा कि वर्चुअल प्रचार-प्रसार की तैयारियों के मामले में आरजेडी अभी पीछे है. लेकिन आरजेडी के कार्यकर्ता घर-घर अपने वोटर से मिल रहे हैं. डोर टू डोर जाकर अपनी स्थिति मजबूत करने में लगे हुए हैं.
'लोगों में बना हुआ है कोरोना का डर'
चुनाव के दौरान प्रचार में अधिक से अधिक पांच लोगों को ही शामिल होना है, इस पर रवि उपाध्याय ने कहा कि बहुत बातें कागजों तक ही सीमित होती हैं. प्रचार प्रसार के दौरान अधिकतम 5 लोगों के शामिल होने कि चुनाव आयोग कैसे निगरानी कर पाता है यह आने वाले समय में देखने की बात होगी.
उन्होंने साफ कहा कि कोरोना का डर लोगों में बना हुआ है. संक्रमण की स्थिति अभी है, ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि इस बार राज्य में मतदान प्रतिशत में गिरावट आएगी.