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Bihar Budget 2022: केंद्रीय बजट के बाद अब बिहार की बारी, जनता को इन क्षेत्रों में राहत की उम्मीद

बिहार विधान मंडल का बजट सत्र 25 फरवरी से आहूत किया गया है. करीब महीने भर चलने वाले सत्र के दौरान प्रदेश की नीतीश सरकार राज्य का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेगी. 28 फरवरी को सरकार 2022-23 का वार्षिक बजट सदन में रखेगी. इस बार के बजट से हर तबके (Expectations From Bihar Budget 2022) को काफी उम्मीदें हैं. पढ़िए पूरी खबर..

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Published : Feb 11, 2022, 6:05 PM IST

Expectations From Bihar Budget 2022
Expectations From Bihar Budget 2022

पटना: केंद्र के बाद अब राज्यों में भी बजट की तैयारी शुरू कर दी गई है. इसी कड़ी में बिहार विधानमंडल के बजट सत्र (Budget Session of Bihar Legislature) के तारीखों की भी घोषणा कर दी गई है. 28 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट (Bihar Budget 2022) सदन में पेश होगा. राज्य सरकार महंगाई, बेरोजगारी को देखते हुए बजट पेश करेगी ऐसे में बजट से सूबे के लोगों को काफी उम्मीदें हैं.

पढ़ें- 25 फरवरी से 31 मार्च तक चलने वाले बजट सत्र में कुल 22 बैठकें होंगी, एक क्लिक में जानें किस दिन क्या होगा

चुनावी घोषणा पत्र में एनडीए ने रोजगार समेत अन्य सेवाओं और विकास के खाके को लेकर बड़ा ऐलान किया था, ऐसे में युवाओं की नजरें खासतौर पर बजट पर टिकी है. पूरे विश्व में कोविड-19 के कहर का असर भारत समेत बिहार पर भी पड़ा था. प्रदेश में इस महामारी को लेकर काफी लोगों ने बहुत कुछ खोया है. ऐसे में बजट में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं को लेकर होने वाली घोषणाओं पर भी सभी की निगाहें टिकी हुई हैं.

सरकार के सामने शिक्षा, रोजगार, पलायन जैसी कई चुनौतियां हैं. इन चीजों के लिए खर्च की जाने वाली राशि पर भी सभी की निगाहें होंगी. आर्थिक मामलों के जानकार एसके लॉरेन्स ने बजट को लेकर अपनी उम्मीदें रखते हुए बताया कि, कोरोना के कारण हमें बजट से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि कोरोना ने लोगों को तोड़ दिया है. कई लोग बेरोजगार भी हुए हैं. महंगाई कमर तोड़ रही है, ऐसे में सरकार रोजमर्रा के सामानों का ख्याल करते हुए बजट पेश करेगी यह उम्मीद है.

"बजट में कोविड काल में होने वाले नुकसान को देखते हुए सरकार कोई बीच का रास्ता निकाले. ऐसा बजट पेश किया जाए कि लोगों को लगे कि उन्हें सरकार की ओर से राहत मिली है. महंगाई, बेरोजगारी ने लोगों की कमर तोड़ दी है. बहुत ज्यादा की उम्मीद नहीं है लेकिन सरकार थोड़ी राहत देगी ऐसा माना जा रहा है."- एसके लॉरेन्स, विशेषज्ञ

दुकानदार कृष्णा मिस्त्री को भी बजट से कई आशाएं हैं. उन्होंने कहा कि, कोरोना के कारण रोजगार ठप हो गया और खर्चे से लोग परेशान हैं. लोगो के जेब ढीले हो चुके हैं. कोरोना के कारण लोगों ने अपने रोजगार से हाथ धोया है. कई छोटे छोटे धंधे बन्द हो गए हैं. ऐसे में सरकार से उम्मीद है कि, सभी के हितों का ख्याल रखते हुए बजट पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा, सरकार छोटे छोटे धंधे वाले लोगों को पूंजी उपलब्ध कराए क्योंकि कोरोना काल मे सबसे ज्यादा छोटे व्यपारी दुकानदार पर असर पड़ा है.

पढ़ें- पटना जंक्शन पर रेल यात्री बजट से नाखुश, पूछने पर लगा दी कमियों की झड़ी

"महंगाई से आम जनता की हालत खराब है. सरकार को कम पूंजी वालों पर ध्यान देना चाहिए. पूंजिपतियों पर भी सरकार का ध्यान रहता है. लोन भी नहीं मिलता है. बजट से मुझे राहत की कोई आशा नहीं है."- कृष्णा मिस्त्री, दुकानदार

निजी कंपनी में काम करने वाले मुकेश का कहना है कि, राज्य सरकार को सबसे पहले रोजगार पर ध्यान देना चाहिए. जिससे यहां के लोगों को बाहर प्रदेश में जाकर काम करने की जरूरत न पड़े और अपने ही प्रदेश में रोजगार मिल सके. सरकार उद्योग धंधे स्थापित करती है तो यहां के लोग अपने राज्य में रह कर काम करेंगे, राज्य का पैसा राज्य में रहेगा.

"बजट से उम्मीद है कि महंगाई पर रोक लगेगी. घरेलू गैस सिलेंडर, तेल, डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ गए हैं. बिहार में रोजगार न होने के कारण प्रदेश से बाहर जाना पड़ता है. इस पर ध्यान देने की जरूरत है. ऐसे में सरकार से उम्मीद है कि, सभी के हितों का ख्याल रखते हुए बजट पेश किया जाएगा."- मुकेश कुमार, कर्मचारी

बता दें कि, बिहार विधानमंडल का सत्र 25 फरवरी से प्रारंभ होकर 31 मार्च तक चलेगा. सत्र के पहले दिन 25 फरवरी को राज्यपाल फागू चौहान दोनों सदनों के सदस्यों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे. 25 फरवरी को ही प्रदेश सरकार 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण सदन में पेश करेगी. 26 और 26 को अवकाश की वजह से सदन स्थगित रहेगा. सदन की कार्यवाही 28 फरवरी को प्रारंभ होते ही सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट सदन में पेश करेगी. उम्मीद जताई जा रही है कि बीते वित्तीय वर्ष की अपेक्षा 2022-23 के बजट में 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी. वर्ष 2021-22 का बजट 2,18,302.70 करोड़ रुपये का था.

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पटना: केंद्र के बाद अब राज्यों में भी बजट की तैयारी शुरू कर दी गई है. इसी कड़ी में बिहार विधानमंडल के बजट सत्र (Budget Session of Bihar Legislature) के तारीखों की भी घोषणा कर दी गई है. 28 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट (Bihar Budget 2022) सदन में पेश होगा. राज्य सरकार महंगाई, बेरोजगारी को देखते हुए बजट पेश करेगी ऐसे में बजट से सूबे के लोगों को काफी उम्मीदें हैं.

पढ़ें- 25 फरवरी से 31 मार्च तक चलने वाले बजट सत्र में कुल 22 बैठकें होंगी, एक क्लिक में जानें किस दिन क्या होगा

चुनावी घोषणा पत्र में एनडीए ने रोजगार समेत अन्य सेवाओं और विकास के खाके को लेकर बड़ा ऐलान किया था, ऐसे में युवाओं की नजरें खासतौर पर बजट पर टिकी है. पूरे विश्व में कोविड-19 के कहर का असर भारत समेत बिहार पर भी पड़ा था. प्रदेश में इस महामारी को लेकर काफी लोगों ने बहुत कुछ खोया है. ऐसे में बजट में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं को लेकर होने वाली घोषणाओं पर भी सभी की निगाहें टिकी हुई हैं.

सरकार के सामने शिक्षा, रोजगार, पलायन जैसी कई चुनौतियां हैं. इन चीजों के लिए खर्च की जाने वाली राशि पर भी सभी की निगाहें होंगी. आर्थिक मामलों के जानकार एसके लॉरेन्स ने बजट को लेकर अपनी उम्मीदें रखते हुए बताया कि, कोरोना के कारण हमें बजट से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि कोरोना ने लोगों को तोड़ दिया है. कई लोग बेरोजगार भी हुए हैं. महंगाई कमर तोड़ रही है, ऐसे में सरकार रोजमर्रा के सामानों का ख्याल करते हुए बजट पेश करेगी यह उम्मीद है.

"बजट में कोविड काल में होने वाले नुकसान को देखते हुए सरकार कोई बीच का रास्ता निकाले. ऐसा बजट पेश किया जाए कि लोगों को लगे कि उन्हें सरकार की ओर से राहत मिली है. महंगाई, बेरोजगारी ने लोगों की कमर तोड़ दी है. बहुत ज्यादा की उम्मीद नहीं है लेकिन सरकार थोड़ी राहत देगी ऐसा माना जा रहा है."- एसके लॉरेन्स, विशेषज्ञ

दुकानदार कृष्णा मिस्त्री को भी बजट से कई आशाएं हैं. उन्होंने कहा कि, कोरोना के कारण रोजगार ठप हो गया और खर्चे से लोग परेशान हैं. लोगो के जेब ढीले हो चुके हैं. कोरोना के कारण लोगों ने अपने रोजगार से हाथ धोया है. कई छोटे छोटे धंधे बन्द हो गए हैं. ऐसे में सरकार से उम्मीद है कि, सभी के हितों का ख्याल रखते हुए बजट पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा, सरकार छोटे छोटे धंधे वाले लोगों को पूंजी उपलब्ध कराए क्योंकि कोरोना काल मे सबसे ज्यादा छोटे व्यपारी दुकानदार पर असर पड़ा है.

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"महंगाई से आम जनता की हालत खराब है. सरकार को कम पूंजी वालों पर ध्यान देना चाहिए. पूंजिपतियों पर भी सरकार का ध्यान रहता है. लोन भी नहीं मिलता है. बजट से मुझे राहत की कोई आशा नहीं है."- कृष्णा मिस्त्री, दुकानदार

निजी कंपनी में काम करने वाले मुकेश का कहना है कि, राज्य सरकार को सबसे पहले रोजगार पर ध्यान देना चाहिए. जिससे यहां के लोगों को बाहर प्रदेश में जाकर काम करने की जरूरत न पड़े और अपने ही प्रदेश में रोजगार मिल सके. सरकार उद्योग धंधे स्थापित करती है तो यहां के लोग अपने राज्य में रह कर काम करेंगे, राज्य का पैसा राज्य में रहेगा.

"बजट से उम्मीद है कि महंगाई पर रोक लगेगी. घरेलू गैस सिलेंडर, तेल, डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ गए हैं. बिहार में रोजगार न होने के कारण प्रदेश से बाहर जाना पड़ता है. इस पर ध्यान देने की जरूरत है. ऐसे में सरकार से उम्मीद है कि, सभी के हितों का ख्याल रखते हुए बजट पेश किया जाएगा."- मुकेश कुमार, कर्मचारी

बता दें कि, बिहार विधानमंडल का सत्र 25 फरवरी से प्रारंभ होकर 31 मार्च तक चलेगा. सत्र के पहले दिन 25 फरवरी को राज्यपाल फागू चौहान दोनों सदनों के सदस्यों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे. 25 फरवरी को ही प्रदेश सरकार 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण सदन में पेश करेगी. 26 और 26 को अवकाश की वजह से सदन स्थगित रहेगा. सदन की कार्यवाही 28 फरवरी को प्रारंभ होते ही सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट सदन में पेश करेगी. उम्मीद जताई जा रही है कि बीते वित्तीय वर्ष की अपेक्षा 2022-23 के बजट में 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी. वर्ष 2021-22 का बजट 2,18,302.70 करोड़ रुपये का था.

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